
आज कब तक होगी भाईदूज की पूजा ?
वैदिक पंचांग
कब और कैसे आपके लिए बेहद लाभदायक रहेगा भाईदूज का त्योहार ?
पूनम गौड बताएंगी कैसे वैदिक पंचांग से फलदायक होगा भाईदूज
दिनांक – 14 नवम्बर 2023
दिन – बुधवार
विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)
शक संवत – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद ॠतु
मास – आश्विन
पक्ष – कृष्ण
तिथि – द्वितीया दोपहर 13:47 तक तत्पश्चात तृतीया
नक्षत्र – ज्येष्ठा 16 नवम्बर रात्रि 03:01 तक तत्पश्चात मूल
योग – अतिगण्ड दोपहर 12:08 तक तत्पश्चात सुकर्मा
राहुकाल – 12:00 – 13:30 तक
रवि योग – 03:01(16 नवम्बर) – 06:44(16 नवम्बर)
दिन की शुरुआत
सूर्योदय – 06:43
सूर्यास्त – 17:28
दिशाशूल – उत्तर दिशा में
व्रत पर्व – भाई दूज 14 एवं 15 नवम्बर 2023
तिलक मुहूर्त: 06:41 से 09:26 तक और 10:50 से 12:11 तक
गोपाष्टमी 20 नवम्बर 2023
आंवला नवमी 21 नवम्बर 2023
देवउठनी एकादशी 23 नवम्बर 2023
व्रत की पूर्णिमा 26 नवम्बर 2023
स्नान दान की पूर्णिमा 27 नवम्बर 2023
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💥 विशेष:- द्वितीया को बैगन या कटहल खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
👉14 एवं 15 नवम्बर 2023 मंगलवार को भाईदूज है।
आज ही के दिन कायस्थों में अपने चित्रगुप्त पूर्वज श्री चित्रगुप्त महाराज की पूजा भी की जाती है। इस दिन कायस्थ जाति के लोग कलम और दवात की पूजा करते हैं।
👉भाईदूज के दिन भाई, बहेन के घर का ही खाना खाए। ऐसा करने से भाई की आयुवृद्धि होती है। पहला कौर बहेन के हाथ से खाएं। स्कंदपुराण के अनुसार इस दिन जो बहिन के हाथ से भोजन करता है, वह धन एवं उत्तम सम्पदा को प्राप्त होता है। अगर बहेन न हो तो मुँहबोली बहिन या मौसी/मामा की पुत्री को बहेन मान ले। अगर वह भी न हो तो किसी गाय अथवा नदी को ही बहेन बना ले और उसके पास भोजन करे। कहने का आश्रय यह है की यमद्वितीया को कभी भी अपने घर भोजन न करे।
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आज के दिन बहिन अपने भाई की 3 बार आरती जरूर उतारे।
👉आज के दिन बहिन भाई को तथा भाई बहिन को कोई न कोई उपहार जरूर दे स्कंदपुराण के अनुसार विशेषतः वस्त्र तथा आभूषण। आज के दिन भाई बहिन का यमुना जी में नहाना भी बहुत शुभ है। कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यमुना जी में स्नान करने वाला पुरुष यमलोक का दर्शन नहीं करता।
नारदपुराण के अनुसार
ऊर्ज्जशुक्लद्वितीयायां यमो यमुनया पुरा।
भोजितः स्वगृहे तेन द्वितीयैषा यमाह्वया।।
पुष्टिप्रवर्द्धनं चात्र भगिन्या भोजनं गृहे।
वस्त्रालंकारपूर्वं तु तस्मै देयमतः परम्।।
यस्यां तिथौ यमुनया यमराजदेवः संभोजितो निजकरात्स्वसृसौहृदेन।
तस्यां स्वसुः करतलादिह यो भुनक्ति प्राप्नोति रत्नधनधान्यमनुत्तमं सः।।
👉🏻 कार्तिक शुक्ल द्वितीया को पूर्वकाल में यमुनाजी ने यमराज को अपने घर भोजन कराया था, इसलिए यह ‘यमद्वितीया’ कहलाती है। इसमें बहिन के घर भोजन करना पुष्टिवर्धक बताया गया है। अतः बहिन को उस दिन वस्त्र और आभूषण देने चाहिए। उस तिथि को जो बहिन के हाथ से इस लोक में भोजन करता है, वह सर्वोत्तम रत्न, धन और धान्य पाता है।
👉भाईदूज का पर्व भाई-बहिन के पवित्र प्रेम का प्रतीक है। मान्यता है कि इस दिन बहेन के घर भोजन करने से भाई की उम्र बढ़ती है। इस पर्व का महत्व इस प्रकार है।
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👉धर्म ग्रंथों के अनुसार, कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन ही यमुना ने अपने भाई यम को अपने घर बुलाकर सत्कार करके भोजन कराया था। इसीलिए इस त्योहार को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। तब यमराज ने प्रसन्न होकर उसे यह वर दिया था कि जो व्यक्ति इस दिन यमुना में स्नान करके यम का पूजन करेगा, मृत्यु के पश्चात उसे यमलोक में नहीं जाना पड़ेगा। सूर्य की पुत्री यमुना समस्त कष्टों का निवारण करने वाली देवी स्वरूपा है।
👉उनके भाई मृत्यु के देवता यमराज हैं। यम द्वितीया के दिन यमुना नदी में स्नान करने और यमुना और यमराज की पूजा करने का बड़ा माहात्म्य माना जाता है। इस दिन बहेन अपने भाई को तिलक कर उसकी लंबी उम्र के लिए हाथ जोड़कर यमराज से प्रार्थना करती है। स्कंद पुराण में लिखा है कि इस दिन यमराज को प्रसन्न करने से पूजन करने वालों को मनोवांछित फल मिलता है। धन-धान्य, यश एवं दीर्घायु की प्राप्ति होती है।
भाई की उम्र बढ़ानी है तो करें यमराज से प्रार्थना
👉सबसे पहले बहिन-भाई दोनों मिलकर यम, चित्रगुप्त और यम के दूतों की पूजा करें तथा सबको अर्घ्य दें। बहिन भाई की आयु-वृद्धि के लिए यम की प्रतिमा का पूजन करें। प्रार्थना करें कि मार्कण्डेय, हनुमान, बलि, परशुराम, व्यास, विभीषण, कृपाचार्य तथा अश्वत्थामा इन आठ चिरंजीवियों की तरह मेरे भाई को भी चिरंजीवी कर दें।
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👉इसके बाद बहिन भाई को भोजन कराती हैं। भोजन के बाद भाई को तिलक लगाती है। इसके बाद भाई यथाशक्ति बहिन को भेंट देता है। जिसमें स्वर्ण,आभूषण, वस्त्र आदि प्रमुखता से दिए जाते हैं। लोगों में ऐसा विश्वास भी प्रचलित है कि इस दिन बहेन अपने हाथ से भाई को भोजन कराए तो उसकी उम्र बढ़ती है और उसके जीवन के कष्ट दूर होते हैं।
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