महिलाओं में भय और दुष्कर्मियों में विश्वास, क्या यही है गहलोत

महिलाओं में भय और दुष्कर्मियों में विश्वास, क्या यही है गहलोत

2023 चुनावी तैयारी में बिजी गहलोत, महिला अपराधों से बेखबर: चतुर्वेदी

महिलाओं में भय और दुष्कर्मियों में विश्वास- अल्का गुर्जर

जयपुर। वर्तमान में प्रदेश की महिलाओं पर हो रहे उत्पीड़न और अत्याचार को देखते हुए भाजपा राष्ट्रीय सचिव अल्का गुर्जर और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने प्रेसवार्ता कर बताया कि भीलवाड़ा में हुए नाबालिग के साथ रेप कर भट्टी में झोंकने के विभत्स ‘‘भटटी कांड’’ को लेकर गहलोत सरकार को आड़े हाथों लिया।

गहलोत राज में पोस्टरों तक सीमित “बेटी बचाओ”

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने बताया प्रदेश में बच्चियां कही भी सुरक्षित नहीं है। अपने खेत में पशुओं को चराने गई नाबालिग बच्ची का रेप कर जिंदा भटटी में झोंक दिया जाता है। परिवार ढूंढता है तो भट्टी के पास बदबू सेे पुष्टि होती है और वहां जली हुई हड्डियों के टुकड़े मिलते हैं। प्रदेश में इस तरह का यह पहला मामला है जिसे सुनकर हर प्रदेशवासी की रूह कांप गई और गैर जिम्मेदार मुख्यमंत्री प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था को ढकने के लिए कहते हैं कि भाजपा अफवाह फैला रही है।

गहलोत 2023 के चुनावी तैयारी में मशगूल हैं और महिला अपराध रोकने में बेबस और लाचार नजर आ रहे हैं। कांग्रेस के नेताओं पर आरोप लगाते हुए उनके परिवार के लोगों ने दुष्कर्म के काम किए। चाहे जाहिदा खान के परिवार का मामला हो, जोहरी लाल मीणा के बेटे का, चाहे कठूमर विधायक बाबू लाल के भतीजे का, सब पर दुष्कर्म के आरोप लग रहे हैं।

आज हम बहन बेटियों की आवाज को उठाना चाहते हैं क्योंकि चाइल्ड पोर्नाेग्राफी में भी राजस्थान अव्वल है अश्लीलता और क्राइम परोसा जा रहा है । साइबर क्राइम बढ़ता जा रहा है। राजस्थान पूरी तरह से जंगलराज के शिकंजे में है। आम आदमी का विश्वास और अपराधियों में डर जो स्लोगन आपके रहते रहते पूरी तरह पलट चुका है आज अपराधियों में विश्वास और आमजन में भय का वातावरण है। मुख्यमंत्रीे अब अपने पैर की पट्टीयां खोलकर प्रदेश में दुष्कर्म रोकने के लिए प्रभावी कार्यवाही करें।

नाबालिग बच्ची को भट्टी में झोंकना, महिला सुरक्षा व्यवस्था भट्टी में झोंकना- अल्का गुर्जर

राष्ट्रीय सचिव अल्का ने बताया कि प्रदेश में महिला असुरक्षा की पराकाष्ठा हो चुकी है। प्रतिदिन अखबार खोलते ही प्रदेश में हो रहें दुष्कर्म की घटना सबसे पहले सामने होती है और बेशर्म शासन और प्रशासन आंखें मूंद कर बैठा है।

मुख्यमंत्री ट्वीट करके कहते हैं कि दूसरे राज्यों के मुकाबले महिलाओं की स्थिति यहां बेहतर है। जबकि आंकड़े इसके उलट हैं। 2018 के बाद 46 प्रतिशत महिला अपराध बढ़ा और महिला उत्पीड़न के 45 हजार मामले दर्ज हुए। जिस पर मुख्यमंत्री गहलोत का बयान है कि मुकदमे ज्यादा दर्ज करने के कारण मामले बढ़े हैं। वहीं मुख्यमंत्री शर्मनाक बयान देते हैं कि 56 प्रतिशत मामले झूठे व आरोपी परिजन होते हैं।

प्रदेश में कभी दलित बच्ची के साथ दुराचार, तो कभी तेजाब डालकर कुएं में फेंक दिया जाता है तो कभी बलात्कार करके धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया जाता है । हाल ही में 4 दिन पहले भीलवाड़ा में पानी में पेशाब मिला दिया जाता है और अब तो हद हो गई दूसरा तंदूर कांड भीलवाड़ा में हुआ है।

राजस्थान प्रदेश महिलाओं की वीरता, शोैर्य और सम्मान के लिए व सुरक्षित प्रदेश माना जाता था। लेकिन पिछले पौने पांच सालों में कांग्रेस सरकार ने इसे ‘‘रेपिस्तान’’ बना दिया है। प्रदेश की बहन-बेटियां इस सरकार को कभी माफ नहीं करेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को गृहमंत्री पद से तुरंत त्यागपत्र दे देना चाहिए।

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