
समय पर पहचान से बच सकती है जान: शैल्बी हॉस्पिटल जयपुर ने ‘वर्ल्ड स्ट्रोक डे’ पर दी चेतावनी
ब्रेन स्ट्रोक रोगियों को 3-4 घंटे में इलाज से मिलती है ज़िंदगी की नई उम्मीद
शैल्बी स्ट्रोक इमरजेंसी हेल्पलाइन 24×7 सक्रिय
न्यूरो विशेषज्ञ डॉक्टरों ने बताया: कैसे पहचानें और बचें ‘ब्रेन स्ट्रोक’ से
विजय श्रीवास्तव,
जयपुर,dusrikhabar.com। शैल्बी हॉस्पिटल जयपुर (Shalby Hospital Jaipur) ने ‘वर्ल्ड स्ट्रोक डे 2025’ के अवसर पर लोगों को ब्रेन स्ट्रोक के लक्षणों की पहचान और समय पर इलाज की अहमियत के बारे में जागरूक किया। बुधवार को शैल्बी हॉस्पिटल में प्रेसवार्ता के दौरान न्यूरो विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत सिंह और डॉ. मनोज अग्रवाल ने ब्रेन स्ट्रोक के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए चेताया कि “स्ट्रोक के लक्षण शुरू होने के पहले 3 से 4 घंटे के भीतर इलाज शुरू करना जीवन बचाने की कुंजी है।”
स्ट्रोक के प्रति बढ़ रही चिंता — हर साल लाखों लोगों की जाती है जान
दुनिया भर में हर साल लाखों लोग स्ट्रोक से अपनी जान गंवाते हैं, और भारत में इसके आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं। 29 अक्टूबर को मनाया जाने वाला वर्ल्ड स्ट्रोक डे (World Stroke Day) इस बीमारी के लक्षणों की पहचान और समय पर उपचार की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

शैल्बी हॉस्पिटल जयपुर के विशेषज्ञों डॉ. प्रशांत सिंह (सीनियर कंसल्टेंट, इंटरवेंशनल न्यूरोलॉजी), डॉ. मनोज अग्रवाल (कंसल्टेंट, न्यूरो सर्जरी) ने स्ट्रोक से बचाव और इलाज पर विस्तृत जानकारी दी।
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“स्ट्रोक के दौरान हर मिनट कीमती” — डॉ. प्रशांत सिंह
डॉ. प्रशांत सिंह ने कहा, “स्ट्रोक के दौरान हर मिनट कीमती होता है। अगर पहले 3-4 घंटों में इलाज शुरू किया जाए, तो मरीज को न्यूनतम नुकसान होता है और जीवन बचाने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।” उन्होंने बताया कि मरीजों और उनके परिजनों को लक्षणों की पहचान और तुरंत अस्पताल पहुंचने में देरी नहीं करनी चाहिए।
डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि अस्पताल की ‘स्ट्रोक इमरजेंसी हेल्पलाइन’ सेवा 24 घंटे सक्रिय है। “यह हेल्पलाइन (0141-7123999) किसी भी व्यक्ति को तुरंत न्यूरो विशेषज्ञ डॉक्टर से जोड़ती है, जो स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों की पहचान और उपचार की दिशा में त्वरित सलाह देते हैं।”
शैल्बी हॉस्पिटल जयपुर के डिप्टी सीईओ विशाल शर्मा ने कहा कि अस्पताल में विश्वस्तरीय स्ट्रोक यूनिट, आधुनिक जांच उपकरण और अनुभवी डॉक्टरों की टीम मरीजों के लिए हर समय उपलब्ध हैं।

ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट में शैल्बी हॉस्पिटल राजस्थान में नम्बर-1
शर्मा ने दूसरी खबर के पत्रकार विजय श्रीवास्तव के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि शैल्बी हॉस्पिटल राजस्थान में ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट में पहले नम्बर पर आता है। यहां ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट से संबंधित सभी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि एक साल में करीब करीब 3000 ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट के सफल केसेज उनके अस्पताल ने किए हैं। इस मौके पर विशाल शर्मा ने मेडिकल ट्यूरिज्म में गुजरात शैल्बी अस्पताल को चार अवॉर्ड और राजस्थान को एक भी नहीं मिलने के सवाल पर कहा कि राजस्थान में अभी तक फ्लाइट का सिस्टम दिल्ली, गुड़गांव जैसा नहीं है। ये सुविधा बेहतर होते ही राजस्थान में सभी अस्पतालों में मेडिकल ट्यूरिज्म अपने आप ही बढ़ जाएगा।
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क्या होता है ‘ब्रेन स्ट्रोक’? (What is Brain Stroke?)
ब्रेन स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क के किसी हिस्से तक रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हो जाती है।
यह या तो ब्लड क्लॉट (थक्का) बनने से होता है, या फिर ब्लड वेसल (रक्त वाहिका) फट जाने से। रक्त प्रवाह रुकने से मस्तिष्क की कोशिकाएं कुछ ही मिनटों में मरने लगती हैं, जिससे लकवा, बोलने में परेशानी, या मौत तक हो सकती है।
स्ट्रोक के दो प्रमुख प्रकार (Types of Stroke)
इस्केमिक स्ट्रोक (Ischemic Stroke) जब धमनी में खून का थक्का (Blood Clot) जम जाता है और रक्त प्रवाह रुक जाता है। लगभग 85% स्ट्रोक इसी प्रकार के होते हैं।
हेमोरेजिक स्ट्रोक (Hemorrhagic Stroke / Brain Hemorrhage) जब मस्तिष्क की आर्टरी फट जाती है और खून मस्तिष्क के किसी हिस्से में जमा हो जाता है। इससे मरीज को लकवा या चेतना हानि हो सकती है।
स्ट्रोक के प्रमुख लक्षण (Symptoms of Stroke)
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शरीर के एक तरफ अचानक कमजोरी या सुन्नपन
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धुंधला दिखना या देखने में परेशानी
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बोली में बदलाव या बोलने में कठिनाई
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शरीर पर कंट्रोल खोना
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अचानक बेहोशी या असंतुलन
इलाज के विकल्प (Treatment Options)
हेमोरेजिक स्ट्रोक के मामलों में ब्लड प्रेशर कंट्रोल किया जाता हैऔर कुछ मरीजों को सर्जरी की जरूरत पड़ती है। वहीं इस्केमिक स्ट्रोक में अगर मरीज पहले 4.5 घंटे में पहुंचता है, तो थ्रोम्बोलाइसिस (Thrombolysis) प्रक्रिया की जाती है। देर होने पर मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी (Mechanical Thrombectomy) द्वारा धमनी से थक्का निकाला जाता है। दोनों ही उपचार जितने जल्दी शुरू हों, परिणाम उतने ही बेहतर होते हैं।
स्ट्रोक रोकथाम के उपाय (Prevention Tips)
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ब्लड प्रेशर और शुगर कंट्रोल में रखें
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धूम्रपान और अल्कोहल से बचें
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नियमित व्यायाम करें
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हेल्दी डाइट अपनाएं
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