
मंगलम प्लस मेडिसिटी अस्पताल में वेरिकोज वेन्स के प्रति जागरुकता के लिए ‘वेस्कुलर डे’ का आयोजन
मंगलम प्लस मेडिसिटी अस्पताल में ‘वेस्कुलर डे’ का आयोजन
आधुनिक तकनीक से अब संभव: अंग बचाने का उपचार
विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं के लिए प्रतिबद्ध मंगलम प्लस मेडिसिटी
जागरूकता से ही समय पर इलाज की प्रवृत्ति होगी मज़बूत
जयपुर,dusrikhabar.com। जयपुर स्थित मंगलम प्लस मेडिसिटी अस्पताल में रविवार को “वेस्कुलर डे” का भव्य आयोजन किया गया। इससे पूर्व शनिवार को एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया जिसमें राजस्थान के प्रसिद्ध पेरिफेरल वेस्कुलर सर्जन डॉ. आशीष एरन ने पत्रकारों को बताया कि समय पर उपचार और पेरिफेरल रीवैस्क्युलराइजेशन (एंजियोप्लास्टी एवं पेरिफेरल बाईपास) जैसी आधुनिक तकनीकों के जरिए अब रोगियों के अंगों को बचाना संभव हो गया है।
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क्या है वेरिकोज वेन्स डिजीज?
यह पैरों की नसों की बीमारी है। जब पैरों की नसों के वॉल्व कमजोर हो जाते हैं तो खून सही दिशा में नहीं बह पाता और नसें उभरकर मोटी, नीली या बैंगनी रंग की दिखाई देने लगती हैं। इस बीमारी में पैरों में भारीपन और दर्द, खड़े होने या ज्यादा चलने पर सूजन और जलन, नसों का बाहर उभरकर दिखना, कभी-कभी गांठ की तरह, रात में पैरों में ऐंठन (Cramps) और लंबे समय तक रहने पर त्वचा काली पड़ना या घाव बनने जैसे परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
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बचाव और उपचार
इस रोग से बचने के लिए साधारण आदमी को भी नियमित व्यायाम करना चाहिए (जैसे चलना, तैरना), लंबे समय तक खड़े या बैठे रहने से बचें, पैरों को ऊँचाई पर रखकर आराम करें, तंग कपड़े और ऊँची एड़ी की चप्पल पहनने से परहेज करें, अपने शरीर के वजन को नियंत्रित रखने से इस रोग से बचाव हो सकता है वहीं आधुनिक उपचार की बात करें तो लेज़र थेरेपी और रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन (RFA) – नसों को बंद कर नई नसों से खून का प्रवाह, स्क्लेरोथेरेपी – दवा डालकर नस को बंद करना और गंभीर स्थिति में सर्जरी इसका उपचार है।
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चिकित्सकों के अनुसार आधुनिक तकनीक से संभव है बेहतर उपचार

डॉ आशीष ऐरन, वेस्कुलर सर्जन
डॉ. आशीष एरन ने कहा कि मंगलम प्लस मेडिसिटी में डायबिटिक फुट केयर, डायलिसिस एक्सेस और वैरिकोज वेन्स जैसी गंभीर समस्याओं के इलाज के लिए अत्याधुनिक तकनीक और विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम मौजूद है। अस्पताल का वैरिकोज वेन्स सेंटर ऑफ एक्सीलेंस रोगियों को नवीनतम उपचार किफ़ायती दरों पर उपलब्ध करा रहा है।
डायबिटिक फुट (Diabetic Foot)
मधुमेह (डायबिटीज़) के रोगियों में लंबे समय तक शुगर नियंत्रण न होने से पैरों की नसें और रक्त वाहिकाएँ प्रभावित हो जाती हैं। इससे पैरों में घाव, अल्सर, संक्रमण और कभी-कभी अंग काटने तक की नौबत आ सकती है।
आपको बता दें कि राजस्थान में केवल चार वेस्कुलर सर्जन हैं उनमें से एक डॉ आशीष ऐरन हैं। डॉ आशीष ऐरन इससे पूर्व मेंदाता अस्पताल में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
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डायबिटिक फुट के लक्षण और उपाय
यह रोग भी पैरों की नसों से संबंधित है इसमें पैरों में सुन्नपन या झनझनाहट, छोटे-छोटे घाव या छाले जल्दी न भरना, पैरों में बार-बार संक्रमण, त्वचा का रंग बदलना, बदबू आना और गंभीर स्थिति में ऊतक (टिश्यू) का नष्ट होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इस कंडीशन में रोगियों को बचाव के लिए ये उपाय जरूर करने चाहिए, जैसे रोज़ाना पैरों की सफाई करें और नमी बनाए रखें, आरामदायक जूते पहनें, नंगे पाँव न चलें, रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) को नियंत्रित रखें और किसी भी छोटे घाव को नज़रअंदाज़ न करें, तुरंत डॉक्टर को दिखाकर परामर्श बचाव के उपाय हैं।
वीडियो के लिए यहां क्लिक करें: https://youtu.be/_3RDwK_F148
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विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएँ

डॉ हिमांशु परनामी, CEO मंगलम अस्पताल।
मंगलम प्लस मेडिसिटी अस्पताल के सीईओ हिमांशु परनामी ने कहा कि अस्पताल का उद्देश्य वेस्कुलर रोगियों को विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधा प्रदान करना है, जिससे उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार हो सके।
अस्पताल की निदेशक सुश्री नेहा गुप्ता ने बताया कि इस तरह के आयोजन रोगियों में जागरूकता बढ़ाने और समय पर इलाज करवाने की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करते हैं। उनके नेतृत्व में अस्पताल ने कम समय में ही वेस्कुलर केयर और वैरिकोज वेन्स उपचार के क्षेत्र में एक विशेष पहचान बनाई है।
जागरूकता से मिलेगा लाभ

सुश्री डॉ नेहा गुप्ता, निदेशक, मंगलम अस्पताल, जयपुर
अस्पताल की निदेशक सुश्री नेहा गुप्ता ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मंगलम प्लस मेडिसिटी अस्पताल की गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ और योजनाबद्ध कार्यशैली ने इसे राजस्थान के अग्रणी वेस्कुलर केयर केन्द्रों में शामिल कर दिया है।
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इस आयोजन का उद्देश्य यह था कि लोग समय पर जांच और उपचार करवाकर गंभीर रोगों से बच सकें और बेहतर जीवन जी सकें। उन्होंने ये भी कहा कि हमारे अस्पताल में इस तरह के आयोजन अक्सर होते हैं। इस प्रकार के आयोजन रोगियों में जागरूकता बढ़ाते हैं और समय पर उपचार लेने की प्रवृत्ति को मज़बूत करते हैं।
बहरहाल ये सामान्य बीमारी है भी और नहीं भी इसका समय पर उपचार नहीं मिलने पर इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। अगर आपको डायबिटिक फुट से बचना है तो – शुगर कंट्रोल और पैरों की देखभाल आवश्यक रूप से करें वहीं आप वैरिकोज वेन्स रोग से बचना चाहते हैं तो अपनी जीवनशैली में सुधार लाएं और आप रोग के शिकार हैं तो लेज़र/RFA जैसे आधुनिक उपचार से अपने जीवन को बेहतर बनाएं।
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