
5 साल बाद फिर से कैलाश मानसरोवर यात्रा खुली, 750 श्रद्धालुओं का हुआ चयन…
30 जून से 25 अगस्त तक कैलाश मानसरोवर यात्रा का आयोजन, चीन-भारत के बीच बनी सहमति
यात्रा के लिए 750 श्रद्धालुओं का हुआ चयन, SMS और ईमेल से चयनित यात्रियों को मिलेगी सूचना, वेबसाइट पर जानकारी उपलब्ध
लीपूलेख दर्रा और नाथुला मार्ग से 50-50 यात्रियों के कुल 15 दल जाएंगे यात्रा पर
पिछले 5 वर्षों से बंद थी कैलाश-मानसरोवर धार्मिक यात्रा
विजय श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार।
जयपुर,(dusrikhabar.com)। पांच साल से बंद कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरु होने से श्रद्धालुओं में उत्साह का माहौल है। हिंदू धर्म और शिव भक्तों के लिए कैलाश मानसरोवर एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। कोविड-19 के चलते और बॉर्डर इलाके में चीन के साथ तनाव के चलते पिछले पांच वर्षों से इस यात्रा का आयोजन रुका हुआ था। अब श्रद्धालुओं के लिए खुशी की बात ये है कि इस वर्ष 30 जून से उत्तराखंड और सिक्किम से होकर कैलाश मानसरोवर यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। जो 25 अगस्त 2025 तक पूरा होगा।
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कैलाश पर्वत
5561 आवेदकों में से 750 का हुआ चयन
आपको बता दें कि 21 मई को नई दिल्ली में कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए 750 लोगों का चयन कंप्यूटराइज्ड ड्रॉ के माध्यम से किया गया। विदेश मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील (जो तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में स्थित हैं) की यह यात्रा के लिए 5561 आवेदकों (जिनमें 4024 पुरुष और 1537 महिलाएं शामिल थीं) में से यात्रियों के चयन के लिए कंप्यूटर आधारित ड्रॉ में 750 लोगों का चयन हुआ है। आपको बता दें कि हर वर्ष ये यात्रा विदेश मंत्रालय की ओर से करवाई जाती है।
कैलाश मानसरोवर की यात्रा में 50-50 यात्रियों के 15दल बनाए जाएंगे जो दो मार्गों लीपूलेख दर्रा और नाथुला मार्ग से अपनी यात्रा पूरी करेंगे।
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लीपूलेख दर्रे से 50 यात्रियों के 5 दल
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नाथू ला मार्ग से 50 यात्रियों के 10 दल
इस यात्रा के लिए प्रत्येक दल में सरकार की ओर से तय किए गए दो संपर्क अधिकारी (लाइजन ऑफिसर) भी शामिल होंगे। इस बार यात्रा में एक और खास बात ये होगी कि दोनों यात्रा मार्ग अब पूरी तरह से मोटरेबल (वाहन योग्य) हैं और बहुत कम ट्रेकिंग की जरूरत पड़ेगी।
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कहां से मिलेगी सूचना और यात्रियों को जानकारी?
जिन लोगों का यात्रा के लिए चयन हुआ है उनकी पूरी यात्रियों को SMS और ईमेल के जरिए भेजी जाएगी। फिलहाल यात्रा में समय बाकी है और 30 जून को यात्रा के लिए पहला दल रवाना होगा जो कि 25 अगस्त तक चलेगी। यात्रियों का चयन निष्पक्ष, कंप्यूटर-आधारित, लैंगिक संतुलन के साथ किया गया है। यात्रियों को अधिक जानकारी यात्रा वेबसाइट– kmy.gov.in पर जाकर भी ले सकते हैं या हेल्पलाइन नंबर 011-23088133 पर संपर्क कर सकते हैं।
विदेश मंत्रालय से जारी एक वक्तव्य के अनुसार विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने सरकार द्वारा यात्रा को अधिक सुलभ, पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए यात्रियों से “जिम्मेदारी, विनम्रता और सजगता के साथ यात्रा करने तथा पर्यावरण की पवित्रता बनाए रखने” की अपील की है।
विदेश मंत्रालय ने 26 अप्रैल को भारत ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने की घोषणा की थी, जो भारत-चीन संबंधों को सामान्य करने के प्रयासों का हिस्सा थी। समय समय पर हमारी वेबसाइट पर भी कैलाश मानसरोवर यात्रा के बारे में सूचनाएं प्रकाशित होती रही हैं।

पीएम मोदी और शी जिनपिंग की रूस में हुई सफल वार्ता से यात्रा मार्ग खुला
चीन और भारत दोनों देशों ने तनाव की स्थिति को कम करते हुए पिछले अक्टूबर में सेनाओं के पीछे हटने पर सहमति बनाई थी और दो दिन बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की रूस के कज़ान शहर में मुलाकात हुई, जहां सीमा विवाद सुलझाने और संबंधों को सामान्य करने के लिए कई तंत्रों को पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया गया।

कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग
कैलाश-मानसरोवर यात्रा का महत्व
कैलाश मानसरोवर यात्रा एक धार्मिक यात्रा है जो भगवान शिव के निवास कैलाश पर्वत और मानसरोवर झीत तक जाती है। यह यात्रा हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस यात्रा में कैलाश पर्वत की परिक्रमा (52-55 किलोमीटर) 3 दिनों में पूरी होती है, जो 4600 मीटर ऊंची तारबोचे घाटी से शुरू होती है। इसके बाद मानसरोवर यात्रा में झील की परिक्रमा शामिल हैं जोकि 320 वर्ग किमी में फैली है। इस यात्रा के लिए लोग सालभर इंतजार कर खुद का यात्रा के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करते हैं।

कैलाश मानसरोवर झील
कैलाश-मानसरोवर यात्रा के नियम-कायदे
केवल भारतीय नागरिक ही इस यात्रा के लिए आवेदन कर सकते हैं।
यात्रा करने के लिए आवेदक की आयु 18 से 70 वर्ष के बीच होनी चाहिए, यह आयु 1 जनवरी को निर्धारित की जाएगी।
आवेदक का बीएमआई 25 से कम होना चाहिए।
आवेदक को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए।
आवश्यक दस्तावेज:
वैध भारतीय पासपोर्ट।
तिब्बत के लिए वीज़ा।
स्वास्थ्य प्रमाण पत्र।
यात्रा बीमा।
यात्रा के अन्य नियम:
यात्रा के लिए विदेश मंत्रालय से अनुमति लेना आवश्यक है।
यात्रा के दौरान यात्रियों को एक निश्चित मार्ग का पालन करना होगा।
यात्रा के दौरान यात्रियों को किसी भी प्रकार की समस्या होने पर आपातकालीन सेवाओं का उपयोग करना होगा।
यात्रा के दौरान यात्रियों को तिब्बत के नियमों और विनियमों का पालन करना होगा।
कैलाश मानसरोवर में डुबकी लगाने की अनुमति नहीं है, लेकिन आप झील के किनारे बाल्टी से स्नान कर सकते हैं।
