सोने की पालकी में चारभुजानाथ तो, चांदी के रथ में निकले सांवरिया सेठ…

सोने की पालकी में चारभुजानाथ तो, चांदी के रथ में निकले सांवरिया सेठ…

ड्रोन से सांवरिया सेठ पर फूलों की बारिश

गुलाल से सांवरिया सेठ का लोगों ने किया स्वागत, सड़कें हुई गुलाल से लाल

सांवरिया सेठ में 3 दिवसीय उत्सव का आज अंतिम दिन

कवि सम्मेलन के साथ भजन संध्या और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

 

चित्तौड़गढ़/राजसमंद, (dusrikhabar.com)।जल झूलनी ग्यारस के मौके पर राजसमंद स्थित चारभुजा नाथ मंदिर और चित्तौड़गढ़ स्थित सांवलिया सेठ में मेले का आयोजन हुआ। इस पावन अवसर पर ठाकुर जी की शोभायात्रा निकाली गई, इस शोभा यात्रा में लाखों श्रद्धालु उमड़े। आपको बता दें कि शनिवार 14  सितम्बर को देश और दुनियाभर में मशहूर चारभुजानाथ जी और श्रीसांवरिया सेठ में ऐतिहासिक जलझूलनी एकादशी मेला का आयोजन हुआ। इस मेले में राजस्थान ही नहीं बल्कि देश और विदेश से भी श्रद्धालु पहुंचे।

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कवि सम्मेलन-भजन संध्या और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

आपको बता दें कि चित्तौड़गढ़ स्थित सांवरिया सेठ मंदिर में तीन दिवसीय उत्सव का आयोजन जारी है जिसके तहत 13  सितम्बर को कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन में प्रदेश और देश के नामचीन कवियों ने अपनी कविताओं को पाठ कर लोगों को रोमांचित किया। साथ ही मंडफिया स्थित रेफरल चिकित्सालय के पास भजन संध्या और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

सांवरिया सरोवर पहुंची ठाकुरजी की सवारी

इसके बाद शनिवार 14 सितम्बर को जल झूलनी एकादशी के दिन श्रीसांवलिया सेठ की विशाल रथ यात्रा मंदिर परिसर से रवाना होकर सांवलिया सरोवर पहुंची। एकादशी की रात भजन संध्या और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन मेला ग्राउंड मीरा रंगमंच गोवर्धन रंगमंच पर किया गया जिसमे हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे। 

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शुक्रवार देर रात से लगी दर्शनों के लिए भक्तों की कतार

इधर दूसरी ओर राजसमंद के चारभुजानाथ में ठाकुरजी के दर्शन करने के लिए शुक्रवार रात से ही लोग लाइनों में लगे थे। एक तरफ पुजारियों ने चारभुजानाथजी को केवड़े के पत्ते में लपेटकर माथे पर रखा और फिर दूध तलाई की परिक्रमा करते हुए शोभा यात्रा निकाली गई। इस दौरान सड़क पर गुलाल बिखर गया। करीब 2 किलोमीटर तक सड़क गुलाल से लाल रंग से रंगी हुई नजर आई

 

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