
उपचुनाव में भाजपा की राजस्थान में एकतरफा जीत…जश्न का माहौल
राजस्थान उपचुनाव के परिणाम भाजपा के पक्ष में
सात में से पांच सीटों पर भाजपा, एक पर कांग्रेस तो एक पर BAP
चार सीटें खोकर एक पर सिमटी कांग्रेस
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ बोले- ये जीत जनता की है
वसुंधरा बोलीं 7 में 5 सीटें जीतना मामूली बात नहीं, केंद्रीय-राज्य नेतृत्व संग जनता का आभार
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बोले सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के साथ-साथ, धन और बाहुबल के बाद भी भाजपा दो सीटें हारी
विजय श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार।
जयपुर। राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का आज शनिवार को एकतरफा परिणाम निकलकर सामने आया। परिणाम के अनुसार भाजपा ने सात में से पांच सीटों पर जबरदस्त जीत हासिल कर कांग्रेस की चार में से तीन सीटों पर कब्जा कर लिया। भाजपा ने झुंझूनूं, खींवसर, देवली-उनियारा, सलूंबर और रामगढ़ में जीत हासिल की वहीं कांग्रेस को चार में से अब सिर्फ दौसा सीट पर संतोष करना पड़ा है, इधर भारतीय आदिवासी पार्टी BAP ने भी चौरासी में अपनी सीट पर कब्जा बनाए रखा।
भाजपा ने मंशानुरूप परिणाम आने पर विधानसभा क्षेत्रों की जनता का आभार जताते हुए अपने कार्यकर्ताओं और भाजपा के केंद्रीय और राज्य नेतृत्व के सिर पर इस जीत का सेहरा बांधा।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि इस जीत से हमारी जनता के प्रति जिम्मेदारी और बढ़ गई है। यह जीत भाजपा के कार्यकर्ताओं की है जो केंद्र और राज्य के कार्यों को जनता के बीच लेकर गए। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी जनता को जीत का श्रेय देते हुए कहा कि केंद्रीय और राज्य के नेृतत्व के साथ-साथ प्रदेश की जनता का भी आभार जिसने भाजपा को इतनी बड़ी जीत दिलाई।
किसकी शह, किसकी हुई मात?
राजस्थान की सात में से पांच सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल कर केंद्रीय नेतृत्व तक यह मैसेज पहुंचा दिया है कि राजस्थान में भाजपा को लेकर जनता मैसेज और मोटो दोनों क्लीअर हैं।
कांग्रेस की परंपरागत सीट छूटी
झुंझुनूं विधानसभा सीट पर भाजपा ने 21 साल बाद कांग्रेस को हार का स्वाद चखा दिया है। इससे पहले झुंझुनूं सीट पर 2003 सुमित्रा सिंह ने भाजपा के लिए जीत हासिल की थी, उनके बाद इस सीट पर 21वर्षों तक लगातार कांग्रेस का कब्जा रहा, कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के कब्जे में रही इस सीट को कांग्रेस की परंपरागत सीट माना जाने लगा था। आपको बता दें कि झुंझुनूं से कांग्रेस के बृजेंद्र ओला के सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हो गई थी। इस सीट पर भाजपा के राजेन्द्र भांबू ने कांग्रेस प्रत्याशी अमित ओला को 42,848 वोटों के बड़े अंतर से मात दी।
देवली उनियारा विधानसभा सीट पर भी भाजपा के प्रत्याशी राजेंद्र गुर्जर ने जीत दर्ज कर कांग्रेस को मात दी। इस सीट पर नरेश मीणा के थप्पड़ कांड के बाद परिणामों में नरेश मीणा दूसरे और कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही। आपको बता दें कि चुनाव के दौरान मालपुरा एसडीएम अमित चौधरी को स्थानीय निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने थप्पड़ मार दिया था जिसके चलते माहौल गर्मा गया था और क्षेत्र में अराजकता फैल गई थी। इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र गुर्जर ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए राजेंद्र गुर्जर ने एक लाख से अधिक वोट हासिल किए।
दौसा में किरोड़ी मीणा के भाई की करारी हार
दौसा में उप चुनाव का परिणाम चौंकाने वाला आया है, कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि दौसा विधानसभा सीट पर रीकांउटिंग भी करवाई गई लेकिन एक भी सीट का अंतर नहीं आया और दौसा से कांग्रेस के दीनदयाल बैरवा ने जीत दर्ज की। इधर भाजपा की इस हार को लेकर किरोड़ी मीणा का दर्द फूट पड़ा और उन्होंने कहा “हमें तो अपनों ने लूटा गैराें में कहां दम था…” उन्होंने एक्स पर एक के बाद एक लगातार छह पोस्ट की जिसमें उन्होंने उनके अपनों को इस हार के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने अपनी ही पार्टी के लोगों पर हरवाने का इशारा करते हुए अपने ही लोगों पर भीतरघात के आरोप लगाए।
किरोड़ी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा- मुझे तो सदा ही अपनों ने ही मारा है। मुझमें बस एक ही कमी है कि मैं चाटुकारिता नहीं करता। इसी प्रवृत्ति के चलते मैंने राजनीतिक जीवन में बहुत नुकसान उठाया है। भाई का कर्ज नहीं चुका पाया। आपको बता दें कि किरोड़ी मीणा ने जगमोहन मीणा को लोकसभा चुनावों में टिकट दिलाने का प्रयास किया था।
अपना ही गढ़ नहीं बचा पाए हनुमान बेनीवाल
खींवसर में भाजपा के रेवंतराम डांगा ने लोगों का विश्वास जीता और उपचुनाव में आरएलपी प्रमुख और सांसद हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल की जबरदस्त शिकस्त हुई। कनिका की हार के बाद राजस्थान विधानसभा में आरएलपी का सफाया हो गया है। हनुमान बेनीवाल ने अपने ही गढ़ में मात खा ली है। आपको बता दें कि इस हार के बाद अब आरएलपी के पास राजस्थान में एक भी विधायक नहीं बचा है। खींवसर में हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका को रेवंतराम डांगा ने 13 हजार से भी अधिक वोटों से शिकस्त दी है।
खींवसर की तरह ही सलूंबर विधानसभा सीट पर भी भाजपा ने शानदार जीत दर्ज की है। आखिरी राउंड में बाजी मारते हुए भाजपा प्रत्याशी शांता मीणा ने BAP के प्रत्याशी को धूल चटाई। इससे पहले सभी राउंड में जितेश कुमारा कटारा काफी आगे चल रहे थे लेकिन लास्ट राउंड की गिनती के बाद शांता मीणा ने बाजी सलूंबर सीट पर कब्जा कर लिया।
जानकार सूत्रों ने किया खुलासा दिव्या मदेरणा से अनबन हनुमान बेनीवाल का पड़ी भारी और अपना ही गढ़ नहीं बचा पाए हनुमान बेनीवाल, खींवसर में भाजपा की हुई बड़ी जीत। भाजपा नेता ज्योति मिर्धा ने कहा खींवसर के इतिहास में नया अध्याय जुड़ गया है, उन्होंने कहा कि यह जीत 36 बिरादरी की है। कुछ नेताओं को यह अहंकार था कि वो दूसरों को जिताते हैं, आज भाजपा की जीत के बाद उनका अहंकार टूट गया है। भाजपा खींवसर में अब विकास के नए आयाम स्थापित करेंगे।
रामगढ़ में भी कांग्रेस के गढ़ में भाजपा ने मारी सैंध
लंबे समय से रामगढ़ सीट पर भी कांग्रेस का कब्जा था, लेकिन इस बार उपचुनाव में भाजपा के सुखवंत सिंह ने कांग्रेस नेता जुबेर खां के बेटे आर्यन खान को शिकस्त दी। बीजेपी प्रत्याशी सुखवंत सिंह 13 हजार 636 वोट से जीते। आपको बता दें कि भाजपा कार्यकर्ता इतने आश्वस्त थे कि उन्होंने पहले ही जीत का जश्न मनाना शुरु कर दिया था।
भारतीय आदिवासी पार्टी ने बनाई जीत की हैट्रिक
इधर चौरासी विधानसभा सीट पर भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) ने अपनी सीट पर कब्जा बरकरार रखते हुए जीत दर्ज की। आपको बता दें कि चौरासी विधानसभा सीट से BAP के राजकुमार के बाद अनिल कटारा ने बाजी मारते हुए BAP ने जीत की हैट्रिक बनाई की। अनिल कटारा से पहले राजकुमार पिछली दो बार लगातार BAP से विधायक बने।
बहरहाल उपचुनावों के परिणाम में राजस्थान में भाजपा ने एक बार फिर अपनी प्रसिद्धि सिद्ध कर जता दिया है कि भाजपा देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी ऐसे ही नहीं बनी है।