पं. उल्हास कशालकर के सुरों से ‘अनहद’ हुआ आलोकित…

पं. उल्हास कशालकर के सुरों से ‘अनहद’ हुआ आलोकित…

पं. उल्हास कशालकर ने बहाई रागों की मधुर सरिता, श्रोताओं को कराया आत्मिक अनुभव

राग ललिता गौरी और भोपाली से गूंजी जयपुर की सुरमयी शाम, तबले पर विनोद लेले और हारमोनियम पर विनय मिश्रा ने दी संगत

स्पिक मैके और राजस्थान पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ‘अनहद’ श्रृंखला का तीसरा आयोजन

नवीन सक्सेना,

जयपुर,dusrikhabar.com। राजस्थान पर्यटन विभाग (Rajasthan Tourism Department) और स्पिक मैके (SPIC MACAY) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘अनहद’ श्रृंखला (Anhad Series) के तीसरे कार्यक्रम में शनिवार शाम पंडित उल्हास कशालकर (Pt. Ulhas Kashalkar) ने अपनी विशिष्ट गायकी शैली से ऐसा वातावरण बनाया, जिसमें राग बोले, सुर मुस्कराए और श्रोता मंत्रमुग्ध रह गए। राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (Rajasthan International Centre) में हुए इस कार्यक्रम ने जयपुर की संगीत परंपरा को फिर से जीवंत कर दिया।

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जयपुर की सांस्कृतिक शाम शनिवार को तब संगीत की अनहद लहरों में डूब गई जब पंडित उल्हास कशालकर ने अपनी गायकी से राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर को सुरों के रंग में रंग दिया। राजस्थान पर्यटन विभाग और स्पिक मैके (SPIC MACAY) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में शास्त्रीय संगीत के रसिकों ने भक्ति, शांति और आनंद का अद्भुत संगम अनुभव किया।

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पं. कशालकर ने कार्यक्रम की शुरुआत राग ललिता गौरी से की — जो पूर्वी थाट पर आधारित है। इस राग में ललित और गौरी की मिठास का सुंदर मेल नजर आया। जब उन्होंने जयपुर घराने की बंदिश “प्रीतम सैयाँ दरस दिखा” को तीनताल में प्रस्तुत किया, तो उनकी गायकी की कोमलता और गहराई ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके स्वर कभी ध्यान की तरह ठहरते, तो कभी भावनाओं की तरह बहते हुए संगीत प्रेमियों को आत्मिक यात्रा पर ले गए। उनके गायन में ग्वालियर घराने की गहराई, जयपुर की विस्तारशीलता और आगरा घराने की दृढ़ता का संगम दिखाई दिया।

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पं. कशालकर ने कहा कि “जयपुर शास्त्रीय संगीत की परंपरा का महत्वपूर्ण केंद्र रहा है, जहाँ अनेक महान कलाकारों ने संगीत साधना को नई ऊँचाइयाँ दी हैं।” इसके बाद उन्होंने राग भोपाली में “जब से तुम्हीं संग लागे” प्रस्तुत किया, जिसमें उनकी तान की मजबूती, स्वर की पारदर्शिता और भावों की सहजता ने राग को और प्रभावशाली बना दिया। इस सुरमयी प्रस्तुति में तबले पर पं. विनोद लेले और हारमोनियम पर विनय मिश्रा ने संगत कर माहौल को और जीवंत बना दिया।

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कार्यक्रम में राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर द्वारा वैन्यू सपोर्ट दिया गया। इस मौके पर पर्यटन विभाग के अतिरिक्त निदेशक पवन जैन, संयुक्त निदेशक डॉ. पुनीता सिंह, उपनिदेशक सुमिता मीणा, सहायक निदेशक हिमांशु मेहरा और पर्यटन अधिकारी अनिता प्रभाकर सहित बड़ी संख्या में संगीत प्रेमी उपस्थित रहे।

स्पिक मैके की प्रवक्ता अनु चंडोक और हिमानी खींची ने बताया कि मूल रूप से इस कार्यक्रम में मुंबई की प्रख्यात गायिका डॉ. अश्विनी भिड़े देशपांडे की प्रस्तुति निर्धारित थी, लेकिन पारिवारिक कारणों से वे उपस्थित नहीं हो सकीं।

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