महान अर्थशास्त्री और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का निधन

महान अर्थशास्त्री और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का निधन

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन 

दिल्ली के AIIMS अस्पताल में बुधवार रात 9.51 बजे हुआ निधन

बुधवार शाम घर पर बेहोश होने पर परिजनों ने कराया था AIIMS अस्पताल में भर्ती 

92 वर्ष की उम्र में दिल्ली के AIIMS अस्पताल में ली अंतिम सांस 

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जताया शोक 

पूरी कांग्रेस पार्टी में शोक की लहर, सोनिया गांधी, राहुल-प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे सहित तमाम कांग्रेसियों ने जताया शोक, कांग्रेस ने गुरुवार के अपने सभी आयोजन किए रद्द 

पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, राजस्थान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित तमाम कांग्रेसी नेताओं ने प्रकट किया शोक, सभी शामिल होंगे अंतिम अरदास में 

राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी, डॉ प्रेमचंद बैरवा ने प्रकट की संवेदनाएं 

 

विजय श्रीवास्तव,

दिल्ली,(dusrikhabar.com)।  भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का बुधवार रात AIIMS अस्पताल में 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। घर में बेहोश होने पर शाम को उन्हें AIIMS अस्पताल में लाया गया जहां उपचार के दौरान उनका निधन हो गया। AIIMS अस्पताल प्रंबधन ने बुलेटिन जारी कर उनके निधन की पुष्टि की है।  पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित तमाम राजनीतिक दलों के जन प्रतिनिधियों ने शोक जताया है। सभी राजनेताओं के ट्विटर हैंडल से मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी जा रही है। 

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कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित तमाम कांग्रेसी नेताओं ने भी डॉ मनमोहन सिंह के निधन पर शोक प्रकट किया है। राजस्थान सहित तमाम राज्यों के बड़े कांग्रेसी नेता उनकी अंतिम अरदास में शामिल होंगे। राजकीय सम्मान के साथ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अंत्येष्टि होगी।  

भारत में आर्थिक और राजनीतिक सुधारों के लिए किया जाएगा याद

पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत डॉ मनमोहन सिंह को हमेशा भारतीय राजनीति में उनके आर्थिक सुधारों के लिए याद किया जाएगा। 1991 में भारत की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने वाले मनमोहन सिंह लगातार दो बार 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री पद पर रहे। उन्होंने पीएम के रूप में देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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डॉ मनमोहन सिंह का जीवन परिचय

डॉ. मनमोहन सिंह 26 सितंबर 1932 को विभाजन से पहले पंजाब प्रांत के एक छोटे से गांव में उनका जन्म हुआ। साधारण परिवार से होने के बावजूद उनका पढ़ाई और अर्थशास्त्र में काफी तेज दिमाग था। डॉ. मनमोहन सिंह ने शिक्षा, अर्थशास्त्र और राजनीति में असाधारण उपलब्धियां हासिल की। 1948 में पंजाब विश्वविद्यालय से 10वीं पास करने के बाद डॉ सिंह ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (यूके) से 1957 में अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी ऑनर्स की उपाधि हासिल की।

इसके बाद 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नफील्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में डी. फिल की उपाधि प्राप्त की। इतनी बड़ी उपाधियां हासिल करने के बाद भी शिक्षा के प्रति उनका लगाव उन्हें पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अध्यापन के लिए वासप भारत ले आया।

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अध्यापन के कार्य के साथ-साथ डॉ मनमोहन सिंह भारत सरकार के सम्पर्क में आए और 1971 में वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में अपने राजनीति में करियर की शुरुआत की। हालांकि ये उनका पूरी तरह से राजनीतिक करियर नहीं था फिर भी राजनीति में उनका पहला कदम माना जाता है। 1972 में ही उन्हें प्रमोट कर वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार का पद मिला जो किसी भी अर्थशास्त्री के लिए बड़ी बात होती है।

इस पद के बाद मनमोहन सिंह को एक के बाद उन्नति के अवसर मिले और उन्होंने भारत के कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं प्रदान की। इसमें से खास तौर पर वित्त मंत्रालय के सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष जैसे पदों की उन्होंने शोभा बढ़ाई।

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डॉ मनमोहन सिंह कैसे बने वित्त मंत्री? 

उनकी योग्यता और परिश्रम के आगे सब कुछ फेल था। इसी के चलते डॉ मनमोहन सिंह को 1991 में भारत के वित्त मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। बतौर वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने आर्थिक सुधारों की एक व्यापक नीति लागू की, जिसे विश्वभर में काफी प्रशंसा मिली। जिसके चलते भारत आर्थिक संकट से उबरकर एक नई दिशा की ओर बढ़ा। डॉ. मनमोहन सिंह पहली बार ही 1991 में राज्यसभा के सदस्य बने। बतौर राज्यसभा सांसद वे पांच बार असम से प्रतिनिधि रहे। वहीं 2019 में राजस्थान से भी राज्यसभा सदस्य बने। जब भारतीय जनता पार्टी सत्ता में थी 1998 से 2004 तक, तब तक डॉ. सिंह राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे। 

बतौर राज्यसभा सांसद व्हील चेयर पर दो बार राज्यसभा पहुंचे डॉ मनमोहन सिंह, सदन से उनकी अंतिम तस्वीर

प्रधानमंत्री पद पर नियुक्त किया गया डॉ मनमोहन सिंह को

2004 में वे पहली बार आम चुनावों के बाद भारत के प्रधानमंत्री पद पर नियुक्त किए गए। वहीं दूसरी बार 2009 में उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री पद की दूसरी बार शपथ ग्रहण की। इस तरह डॉ मनमोहन सिंह ने लगातार दो बार अपना प्रधानमंत्री पद का कार्यकाल पूरा किया। 

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राजनीति में नहीं कोई उनकी टक्कर का अर्थशास्त्री

भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर उन्होंने दो बार लगातार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और पक्ष और विपक्ष का उन्हें भरपूर सहयोग भी मिला। अर्थशास्त्र पर उनकी जबरदस्त पकड़ के चलते उन्होंने बतौर वित्त मंत्री भारत को आर्थिक संकट से बाहर निकाल विकासशील राष्ट्रों की श्रेणी में ला खड़ा किया। ऐसा कहा जाता है कि मनमोहन सिंह का पर्सनली न सिर्फ राजनीति बल्कि व्यक्तिगत जीवन में भी कोई विरोधी नहीं था। अपने विषय में माहिर होने के कारण विपक्ष में होने के बावजूद भी देश के प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री उनसे सलाह मशविरा करने उनके पास पहुंच जाते थे।

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खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनसे कई विषयों पर चर्चा किया करते थे, अक्सर प्रधानमंत्री मोदी मनमोहन सिंह के पास सदन में बैठकर भारत की अर्थव्यवस्था के बारे में सलाह लिया करते थे। वहीं प्रधानमंत्री मोदी से पहले अटल बिहारी वाजपेयी भी उनके अर्थशास्त्र के कायल थे। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी उनके अर्थशास्त्र की प्रशंसा किया करते थे। 

 

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