वैदिक पंचांग-द्वितीया तिथि

वैदिक पंचांग-द्वितीया तिथि

*~ वैदिक पंचांग ~*

वैदिक पंचांग-द्वितीया ज्योतिषी पूनम गौड़ के अनुसार कैसे शुभ होगा? 

जानिए वैदिक पंचांग से (द्वितीया) के बारे में 

वैदिक पंचांग दिनांक – 30 अक्टूबर 2023
दिन – सोमवार
विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)
शक संवत – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद ॠतु
मास – आश्विन

वैदिक पक्ष – कृष्ण
तिथि – द्वितीया 22:22 तक तत्पश्चात तृतीया
नक्षत्र – कृत्तिका 04:01 (31 अक्टूबर) तक त्तपश्चात रोहिणी
योग – व्यतिपात 17:33 तक तत्पश्चात वरीयान
राहुकाल – 07:30 – 09:00 बजे तक
सूर्योदय – 06:31
सूर्यास्त – 17:38
दिशाशूल – पूर्व दिशा में
सर्वार्थ सिद्धि योग – 04:01(31अक्टूबर) से 06:32 (31अक्टूबर) तक

वैदिक व्रत पर्व – करवा चौथ व्रत 01 नवम्बर 2023

अहोई अष्टमी 05 नवम्बर 2023
धन तेरस 10 नवम्बर 2023
छोटी दीवाली 11 नवम्बर 2023
बड़ी दीवाली 12 नवम्बर 2023
सोमवती अमावस्या 13 नवम्बर 2023
अन्नकुट 14 नवम्बर 2023
भाई दूज 15 नवम्बर 2023
गोपाष्टमी 20 नवम्बर 2023
आंवला नवमी 21 नवम्बर 2023
देवउठनी एकादशी 23 नवम्बर 2023
व्रत की पूर्णिमा 26 नवम्बर 2023
स्नान दान की पूर्णिमा 27 नवम्बर 2023

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💥 पंचांग विशेष:- द्वितीया को बैगन या कटहल खाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

👉30 अक्टूबर 2023 सोमवार को प्रात: 04:43 से 31 अक्टूबर प्रातः 04:01 तक यानि 30 अक्टूबर, सोमवार को पूरा दिन कृत्तिका नक्षत्र युक्त सोमवार का योग है।

👉शिवपुराण विश्वेश्वरसंहिता अध्याय 16 के अनुसार
कृत्तिकासोमवारेषु शिवस्य यजनं नृणाम् ॥ महादारिद्र्यशमनं सर्वसंपत्रं भवेत् ॥ गृहक्षेत्रादिदानाच्च गृहोपकरणादिना ॥

वैदिक कुबेरकृत शिवस्तोत्र

👉🏻 कृत्तिका नक्षत्र से युक्त सोमवारों को किया हुआ शिवजी का पूजन मनुष्यों के महादारिद्र को मिटाने वाला और संपूर्ण संपत्तियों को देने वाला हैं।

👉🏻धन संपत्ति प्राप्ति, दरिद्रता निवारण के लिए दूध से रुद्राभिषेक करें, बिल्वपत्र अथवा पुष्प से शिव सहस्त्रार्चन करें। दारिद्रदहन शिवस्तोत्र का पाठ करें। कुबेरकृत शिवस्तोत्र का पाठ करें जिससे कुबेर अपनी छिनी हुई धन-सम्पत्ति फिर से प्राप्त की थी। #लिङ्गपुराण के अनुसार चंद्र की उत्पत्ति कृत्तिका में ही हुई थी अतः इसको चन्द्र का जन्म नक्षत्र माना जाता है।

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👉वैदिक शिवपुराण विद्याश्वर संहिता के अनुसार चंद्रमा सम्पत्ति के दाता हैं।

👉ब्रह्मवैवर्तपुराण तथा महाभारत के अनुसार कृतिका नक्षत्र में घी और खीर से युक्त भोजन ब्राह्मण व साधु संतो को दान करने से उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

👉30 अक्टूबर 2023 को कृत्तिका नक्षत्र युक्त सोमवार है।

👉‘रात्रि में भगवान विष्णु के समीप जागरण, प्रातःकाल स्नान करना, तुलसी के सेवा में संलग्न रहना, उद्यापन करना और दीप दान देना – ये कार्तिक मास के पाँच नियम हैं।’ -(पद्म पुराण, उ.खंडः 117.3)*

👉इन पाँचों नियमों का पालन करने से कार्तिक मास का व्रत करने वाला पुरुष व्रत के पूर्ण फल का भागी होता है। वह फल भोग और मोक्ष प्रदान करने वाला बताया गया है ।*

👉कार्तिक मास के समान कोई और मास नहीं है । कार्तिक मास में सूर्योदय से पहले स्नान करने की बड़ी भारी महिमा है और ये स्नान तीर्थ स्नान के समान होता है ।

👉पूनम गौड़ से ज्योतिषीय सलाह लेने के लिए 8826026945 पर व्हाट्सएप्प करें।

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