युवा गर्व से हिन्दी का प्रयोग करे- उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी

युवा गर्व से हिन्दी का प्रयोग करे- उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी

हिंदी दिवस पर राज्यस्तरीय समारोह, कई शिक्षक,लेखक और साहित्यकारों का किया गया सम्मान

उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने किया प्रतिभाओं और साहित्यकारों को सम्मानित

 

जयपुर, (dusrikhabar.com)। उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी के मुख्य आतिथ्य में तथा विशिष्ट अतिथि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत एवं विधायक सिविल लाइन्स गोपाल शर्मा के विशिष्ट आतिथ्य में शनिवार को जयपुर स्थित सवाई मानसिंह चिकित्सा महाविद्यालय के मुख्य सभागार में राजस्थान सरकार के भाषा एवं पुस्तकालय विभाग द्वारा राज्य स्तरीय हिन्दी दिवस समारोह आयोजित किया गया।

उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने इससे पूर्व मुख्य अतिथि के रूप में दीप प्रज्वलन कर सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उनको स्वागत स्वरुप पादप एवं पुस्तक भेंट की गई। इसके पश्चात छात्राओं द्वारा शुभमकरोति कल्याणम वन्दना का प्रस्तुतिकरण किया गया। इस अवसर पर भाषा विमर्श के विशेषांक ‘प्रशासन में सर्जन’ का विमोचन किया गया।

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हिंदी दिवस पर राज्यस्तरीय समारोह में उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी, मंत्री अविनाश गहलोत द्वीप प्रज्जवलन करते हुए

हिंदी सिर्फ भाषा या विषय नहीं हमारी पहचान: दिया कुमारी

उपमुख्यमंत्री ने हिंदी दिवस की शुभकामनायें देते हुए उन सभी महानायकों, महापुरूषों को नमन किया जिनके प्रयासों से हिन्दी को संरक्षण और बढ़ावा मिला, राजभाषा का दर्जा मिला। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि हमें गर्व है कि हम हिन्दी भाषी हैं। हिंदी भाषा जन—जन की भाषा है जो भारत को एकता के सूत्र में बांधती है। हमें राष्ट्र पर गर्व है, तो हमें राष्ट्र की भाषा हिन्दी पर भी गर्व होना चाहिए। अंग्रेजी न जानने पर आत्म विश्वास में कोई कमी नहीं आनी चाहिए।

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उन्होंने कहा कि हिन्दी सिर्फ एक भाषा या विषय नहीं बल्कि हमारी पहचान है, भावों की अभिव्यक्ति है, एक विस्तृत विचारधारा, सोच और हमारी संस्कृति है। जब भी हम देश के बाहर कहीं जाते हैं और वहां किसी भारतवासी से मिलना होता है और जब उनसे हिन्दी में बात करते हैं तो बड़ी ही आत्मीयता ओर अपनेपन का अनुभव होता है। इस अवसर पर उन्होंने हिन्दी सेवा पुरस्कार प्राप्त करने वाले लेखकों, बोर्ड परीक्षाओं में अधिकतम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को भी बधाई दी।

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डिजिटल युग में हिंदी का उपयोग बेहद जरूरी: अविनाश गहलोत

विशिष्ट अतिथि के रूप में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने अपने सम्बोधन में कहा कि हिन्दी भाषा को किसी एक क्षेत्र की भाषा कहना सही नहीं हैं यह पूरे देश की भाषा है। हिंदी भाषा का उपयोग दैनिक जीवन में होना चाहिए। निज भाषा का ज्ञान ही उन्नति का आधार है। उन्होंने कहा कि हमें बच्चों को बताना चाहिए कि उन्हें हिन्दी का गर्व के साथ उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के डिजिटल युग में हिंदी का उपयोग किया जाना चाहिए।

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हम सबको अपनी भाषाओं पर गर्व: गोपाल शर्मा

विशिष्ट अतिथि विधायक सिविल लाइन्स गोपाल शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारतेन्दु हरिश्चंद्र ने कहा था कि ‘निज भाषा उन्नति है, सब उन्नति को मूल, बिन निज भाषा ज्ञान के, मिटन न हिय के सूल’। हम सबको अपनी भाषाओं पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत रत्न एवं देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 14 अक्टूबर 1977 को संयुक्त राष्ट्रसंघ के मंच पर हिन्दी भाषा में बोलते हुए कहा था कि “स्वप्न हुआ साकार”। विधायक ने कहा कि हमें राष्ट्र को जीवन में अपनाना होगा, हिन्दी भाषा के साथ गौरव से आगे बढ़ाना होगा। 

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भाषा एक प्रवाह है: डॉ केके पाठक

शासन सचिव, कार्मिक विभाग डॉ. के. के. पाठक ने समारोह के मुख्य वक्ता के रूप में कहा कि भाषा एक प्रवाह है। भाषा सरिता है ,सागर नहीं है। भाषा संवाद का माध्यम है जबकि सागर तो ज्ञान है। संस्कृत, पाली व प्राकृत और हिन्दी भाषा के विकास का अपना इतिहास है। दुनिया की आधी आबादी भारतीय प्रायद्वीप में रहा करती थी। भाषा संस्कृति से संस्कार लेकर आती है। कुछ चीजें आख्यानों अथवा नरेटिव पर निर्भर करती है। जब हम जिव्हा से बोलते है तो शब्द कान तक पहुंचते हैं, हृदय की आवाज़ हृदय तक तथा आत्मा की आवाज़ आत्मा तक पहुंचती है।

हिंदी हमारी नहीं अपितु विश्व की भाषा : कृष्ण कुणाल

शासन सचिव, स्कूल शिक्षा, भाषा एवं पुस्तकालय विभाग कृष्ण कुणाल ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए स्वागत उद्बोधन में कहा कि इस वर्ष 12वीं कक्षा में सर्वाधिक छात्रों ने हिंदी विषय का चुनाव किया है। संविधान सभा ने 14 सितम्बर 1949 को हिंदी भाषा को राजभाषा के रूप में अंगिकृत किया। हिंदी केवल भारत की ही भाषा नहीं है अपितु यह विश्व की भाषा बन गई है। उत्तर भारत ही नहीं दक्षिण भारत के लोग भी हिंदी भाषा को महत्त्व दें रहे हैं। 

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हिंदी साहित्य के लिए इन्हे मिला सम्मान

उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी के कर कमलों से कला संस्कृति एवं पर्यटन विषयों पर निरन्तर अपनी लेखनी से योगदान देने वाले साहित्यकार एवं अतिरिक्त निदेशक जनसम्पर्क राजेश कुमार व्यास को उनकी प्रख्यात “कृति कलाओं की अन्तर्दृष्टि” हेतु सम्मानित किया गया। इसी प्रकार डॉ. अखिलेश पालरिया को उनकी पुस्तक” मेरी प्रिय कहानियां”, साहित्यकार  विजय जोशी को उनकी पुस्तक “अनुभूति के पथ पर:जीवन की बातें”,डॉ. सतीश कुमार को उनकी पुस्तक “मैं विधायिका हूं”, बजरंगलाल जेठू को “जनसंचार,पत्रकारिता एवं सिनेमा” डॉ.डी.डी. ओझा को पुस्तक “जलशोधन—प्राचीन से अर्वाचीन”,डॉ. दिपक सिंह राजपुरोहित को पुस्तक “नाड़ी दीप विज्ञान”, डॉ. ​सचिन गुप्ता को ” उद्यमिता दृष्टिकोण” डॉ. सुनिता गुप्ता व डॉ एन.के. गुप्ता को “फसल कार्यिकी के मूल सिद्धांत” और डॉ. दीपिका विजयवर्गीय को पुस्तक “चैतन्य महाप्रभू और गौड़िय संप्रदाय” के लिए सम्मानित किया गया।

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समारोह में हिन्दी विषय में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले चयनित विद्यार्थियों (बोर्ड परीक्षा, 2024 माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक) का संभागवार सम्मान किया गया। निदेशक भाषा एवं पुस्तकालय विभाग श्री मनीष गोयल ने कार्यक्रम के अन्त में सभी का आभार जताया।

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