क्या संवेदनशील भजनलाल सरकार लेगी 4.75लाख पेंशनर्स की सुध…!

क्या संवेदनशील भजनलाल सरकार लेगी 4.75लाख पेंशनर्स की सुध…!

RGHS सेवा ठप, पेंशनर्स दवाओं के लिए भटक रहे दर-दर

राजस्थान के 4.75 लाख से अधिक पेंशनर अब कहां जाएं दवा लेने

4500 से अधिक कैमिस्ट रजिस्टर्ड हैं RGHS में

पिछले पांच महीने से कैमिस्टों का 500 करोड़ से अधिक बकाया

 

जयपुर, dusrikhabar.com । 60 साल सरकार को सेवाएं देकर रिटायर हुए कर्मचारी यानी पेंशनर्स की सुध लेने वाला कोई नहीं है। सरकार ने बजट में घोषणाएं तो कर दीं लेकिन संबंधित विभागों को बजट जारी नहीं करने से पेंशनर्स तिल-तिल कर मर रहा है। RGHS में दवा नहीं मिलने की शिकायत लेकर पेंशनर्स समाज का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मिलकर अपनी पीड़ा बता चुका है। लेकिन पेंशनर्स की समस्या का कोई समाधान नहीं निकला है। 

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पांच महीने से ठप RGHS योजना, करीब 5 लाख पेंशनर्स परेशान

राजस्थान सरकार की ओर से पेंशनर्स की चल रही RGHS योजना के तहत पिछले पांच महीने से ठप पड़ी है। जबकि सरकार ने RGHS के लिए अलग से विभाग बनाया हुआ है। चुनावों के समय सरकार बड़े बड़े वादे करके भूल जाती है और परेशान होती है जनता। फिलहाल राजस्थान के करीब 5 लाख पेंशनर दवा के लिए दर -दर भटकने पर मजबूर हैं। प्रदेश के केमिस्टों ने पिछले महीने 10 अगस्त से RGHS में दवाएं देना बंद कर रखा है। ऐसे में ये लाखों पेंशनर्स नकद भुगतान कर दवा लेने को मजबूर हैं।

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केमिस्टों ने लगाया RGHS में दवा नहीं देने का बोर्ड

मेडिकल स्टोर्स पर केमिस्टों ने लगा रखे हैं आरजीएचएस योजना में दवा नहीं देने के बोर्ड। ऐसे में सरकार इन पेंशनर्स की कब सुनेगी ये तो वो ही जाने। लेकिन जब बजट घोषणा हुई है और बजट है तो जारी करने में दिक्कत क्या है? सरकार की अन्य योजनाओं के लिए सड़कों, ड्रेनेज और विकास पर तो सरकार पानी की तरह पैसा बहा रही है लेकिन जो लोग अपना खून पसीना एक कर आज पेंशनभोगी हैं तो उनके लिए बजट घोषणाओं के बाद भी सरकार का रूखा रवैया हैरान कर देना वाला है।

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साथ ही केमिस्टों की कुछ और समस्याएं भी हैं जिसके कारण उनके बिलों को सरकार छोटी-छोटी गलतियां निकाल कर बिलों को रिजेक्ट कर देती है। पेंशनर्स को दवा देने के लिए केमिस्टों पर बड़ा दवाब है लेकिन भुगतान के अभाव में वो भी मजबूर हैं।

क्या कहते हैं नियम

प्रदेश में आरजीएचएस योजना में सरकारी कर्मचारियों के वेतन से हर माह तय राशि की कटौती होती है और इसी कटौती की गई राशि को सरकार योजनाओं में खर्च करती है। ऐसे में पेंशनर्स को उनके पैसे कटने के बाद भी लाभ नहीं मिल रहा है।

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नियमावली के अनुसार केमिस्टों के द्वारा बिल सब्मिट करने के 21 दिन में भुगतान का नियम है। लेकिन हजारों केमिस्टों का 500 करोड़ से अधिक पैसा सरकार की तरफ लगभग 6 महीनों से बकाया चल रहा है जिसके चलते अब केमिस्टों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं।

जानकार सूत्रों की मानें तो सरकार पेंशनर्स समाज को RGHS में जो दवाएं उपलब्ध करवा रही है उसकी ऐवज में करीब 30 से 40 फीसदी कमीशन भी ले रही है फिर भी महीनों से बिलों का भुगतान रोकने के चलते पेंशनर्स को दवाएं नहीं मिल पा रही हैं।

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क्या कहना है केमिस्टों का

केमिस्ट संगठनों का कहना है कि वित्त मंत्री दिया कुमारी, एसीएस बजट व वित्त सचिव से उनका प्रतिनिधि मंडल मिल चुका है। वित्त मंत्री ने जल्द बजट जारी करने का आश्वासन दिया था, लेकिन सरकार ने अब तक बजट जारी नहीं किया है। केमिस्ट संघों के अनुसार राजस्थान इंटरनेशनल सेंट(RIC) में ACS शुभ्रा सिंह से भी केमिस्टों ने मिलकर RGHS से जुड़ी अपनी समस्याएं बताई थी लेकिन बस बैठक की खानापूर्ति हुई और अभी भी वही ढाक के तीन पात हैं।  

 

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