
मुख्यमंत्री भजनलाल को क्यों करनी पड़ी इंदिरा रसोई की समीक्षा
वर्तमान में संचालित इंदिरा रसोईयां की खामियां होंगी दूर
केन्द्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रदेश में होगा प्रभावी क्रियान्वयन
परीक्षण करवाकर रसोईयों की संख्या एवं स्थान का होगा पुनर्निधारण
जयपुर। कांग्रेस सरकार की शुरू की गई योजना इंदिरा रसोई की मुख्यमंत्री भजनलाल को आखिर समीक्षा क्यों करनी पड़ी। दरअसल सीएम भजनलाल इंदिरा रसोई में निहित खामियों को दूर करना चाहते हैं। भाजपा सरकार को यह लगता है कि इंदिरा रसोई में कुछ खामियां हैं जिन्हें दूर करना जरूरी है। इसलिए मुख्यमंत्री ने इस योजना की समीक्षा की। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेशवासियों को जनहितैषी योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित करने के लिए संकल्पित है।
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पीएम की मौजूदगी समीक्षा
प्रधानमंत्री की उपस्थिति में उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं से करोड़ों लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आया है। उनका जीवन स्तर ऊपर उठा है एवं उनके सुनहरे भविष्य का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इन योजनाओं में हर वर्ग के हितों का ध्यान रखा गया है। ‘सबका साथ, सबका विकास एवं सबका विश्वास’ को चरितार्थ करती यह योजनाएं राज्य में प्रभावी रूप से लागू कर प्रदेशवासियों को लाभान्वित किया जाएगा।
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इंदिरा रसोई में ये नजर आई खामियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्दिरा रसोई योजना की समीक्षा कर इसमें निहित सभी खामियों को दूर कर नव योजना के तहत प्रदेश में आमजन को पौष्टिक एवं गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध करवाना हमारा ध्येय है। इस योजना की समीक्षा में कई कमियां पाई गई। वर्तमान मैन्यू में भोजन की मात्रा लगभग 450 ग्राम है जो पर्याप्त नहीं है। साथ ही, ऐसी जगहों पर रसोई संचालित की जा रही है जहां इनकी उपयुक्तता नहीं है। इसके अतिरिक्त मॉनिटरिंग हेतु स्थायी स्टाफ का अभाव है जिससे इसके निरीक्षण में कठिनाई होती है।
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क्या बोले मुख्यमंत्री भजनलाल
उन्होंने कहा कि रसाईयों में पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक भोजन का प्रावधान किया जाएगा। साथ ही, इनके संचालन हेतु उपयुक्त स्थान का प्रावधान किया जाएगा। प्रभावी मॉनिटरिंग हेतु उचित व्यवस्थाएं की जाएंगी जिससे अधिक से अधिक लोगों को गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध करवाया जा सके। गत योजना के अंतर्गत संचालित रसोईयों की संख्या की आवश्यकता का परीक्षण करवाकर पुनर्निर्धारण किया जाएगा।