क्या कह रहे हैं आपके आज के सितारे…!

वैदिक पंचांग

वैदिक पंचांग में क्या है आज आपके लिए ?

जानिए ज्योतिषी पूनम गौड से वैदिक पंचांग के जरिए आज कैसा रहेगा आपका दिन ?

दिनांक – 17 नवम्बर 2023
दिन – शुक्रवार
विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)
शक संवत – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद ॠतु
मास – आश्विन
पक्ष – कृष्ण
तिथि – चतुर्थी दोपहर 11:03 तक तत्पश्चात पंचमी
नक्षत्र – पूर्वाषाढा 18 नवम्बर रात्रि 01:17 तक तत्पश्चात उत्तराषाढ़ा
योग – धृति सुबह 07:37 तक तत्पश्चात शूल
राहुकाल – 10:30 – 12:00 तक
रवि योग – 01:17(18 नवम्बर) – 06:46(18 नवम्बर)

दिन की शुरुआत 

सूर्योदय – 06:45
सूर्यास्त – 17:27
दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
व्रत पर्व – विष्णुपदी सक्रांति 17 नवम्बर 2023
गोपाष्टमी 20 नवम्बर 2023
आंवला नवमी 21 नवम्बर 2023
देवउठनी एकादशी 23 नवम्बर 2023
व्रत की पूर्णिमा 26 नवम्बर 2023
स्नान दान की पूर्णिमा 27 नवम्बर 2023

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💥 विशेष:- चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

👉विष्णुपदी संक्रांति जप तिथि : 17 नवम्बर 2023 शुक्रवार को (विष्णुपदी संक्रांति)
👉पुण्यकाल सूर्योदय से दोपहर 12:24 तक
👉विष्णुपदी संक्रांति में किये गये जप-ध्यान व पुण्यकर्म का फल लाख गुना होता है। – (पद्म पुराण , सृष्टि खंड)

👉विष्णुसहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करें।

👉क्रूर, पापी, भ्रष्ट लोगों और अपराधियों के लिए विष्णुपदीसंक्रान्ति अच्छी है।

👉वस्तुओं की लागत सामान्य होगी।

👉जीवन में स्थिरता लाती है।

👉लोगों को स्वास्थ्य लाभ होगा, राष्ट्रों के बीच सम्बन्ध मधुर होंगे और अनाज भण्डारण में वृद्धि होगी।

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भोजन ग्रहण करने में पर्याप्त सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए आइए जानते है किस प्रकार –
१- आटा गूथने वाले पात्र में कभी भोजन नहीं करना चाहिए
२- रसोई में प्रयुक्त चकला और बेलन को रोटी बनाने के तुरंत बाद साफ जल से धुलकर रख देना चाहिए लेकिन यह बर्तन बेसिन में धोना ठीक नही है !!
३- स्टील की थाली या चाइनीज बर्तन में ग्राह्य भोजन या पेय पदार्थ नही ग्रहण करना चाहिए इसके लिए कांसे ,फूल,पीतल या अन्य धातुओं के बर्तन का प्रयोग करना चाहिए
४- भोजन से पूर्व हाथ पैर मुंह आदि धोकर जमीन पर बैठकर भोजन करना चाहिए जिनकी कुंडली में राहु से संबंधित किसी प्रकार का दोष है उन्हे रसोईघर में ही बैठकर भोजन करना चाहिए
५- भोजन की थाली हाथ में लेकर भोजन नही करना चाहिए जैसा की आजकल विवाह पार्टी या भोजो में अक्सर देखने को मिल रहा है
६- भोजन करने से पूर्व और पश्चात आचमन करना चाहिए
७- आचमन के पश्चात पांच ग्रास भोजन करने के बाद ही पूर्ण भोजन का आनंद लेना चाहिए
८- भोजन करने के पूर्व शुद्ध भोजन को भगवान श्री हरि को निवेदित कर प्रार्थना करनी चाहिए कि हमे यह अन्न प्रसाद नित्य ही ऐसे प्राप्त होता रहे

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९-भोजन करना साक्षात यज्ञ करने के समान है जिससे आपको अश्वमेध यज्ञ और वाजपेय यज्ञ जैसे कई यज्ञ का पुण्य प्राप्त होता है
१०- भगवान नारायण के चरणामृत जल का प्रतिदिवस स्वयं पान करना चाहिए तथा अपने पितरों के निमित्त चरणामृतजल को निवेदित करना चाहिए।

👉श्रीहरि…. श्रीहरि… श्रीहरि – ऐसा थोड़ी देर जप करें। तीन बार जपने से एक मंत्र हुआ। उत्तराभिमुख होकर इस मंत्र की 1-2 माला शांतिपूर्वक करें और चलते-फिरते भी इसका जप करें तो विशेष लाभ होगा और रोजी रोटी के साथ ही शांति, भक्ति और आनंद भी बढ़ेगा। बस, अपने-आप समस्या हल हो जायेगी।

👉जौ को पानी में भिगोकर, कूट के, छिलकारहित कर उसे दूध में खीर की भांति पकाकर सेवन करने से शरीर हृष्ट-पुष्ट और मोटापा कम होता है।

ज्योतिषीय परामर्श के लिए पूनम गौड को 8826026945 पर व्हाट्सएप्प करें

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