आखिर वसुंधरा राजे ने ऐसा क्यों कहा..?

आखिर वसुंधरा राजे ने ऐसा क्यों कहा..?

24 घंटे से पहले ही राजे का अपने बयानों पर “U-टर्न”

शनिवार को नामांकन भरने जाते वक्त एक दिन पहले के बयान पर कही बड़ी बात

“मैं आपके बीच ही हूं, कहीं नहीं जा रही”, एक दिन पहले बोलीं थीं “मैं रिटायर हो सकती हूं”

 

विजय श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार।

झालावाड़। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की संगठन महासचिव वसुंधरा राजे ने अपने बयानों पर यू टर्न ले लिया है। वसुंधरा राजे ने आज नामांकन भरने जाते समय जनता को ये विश्वास दिलाया कि वे कहीं नहीं जा रही हैं। राजे ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आपके बीच ही हूं, कहीं नहीं जा रही हूं। राजे के इस भाषण और बयान से भले ही जनता पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा हो लेकिन शुक्रवार को एक जनसभा में वसुंधरा राजे के मैं रिटायर हो सकती हूं के बयानों के बाद राजनीतिक गलियारों में इसके कई मायने निकाले जा रहे थे।

राजे के बयानों के राजनीतिक मायने..!

वसुंधरा राजे के मैं रिटायर हो सकती हूं वाले भाषण पर सियासी गलियारों में बड़ी चर्चा थी कि कि आखिर राजे ने अचानक ये बयान क्यों दिए। उनका झालावाड़ से टिकट भी क्लियर हो गया है ऐसे में उनके बयानों से सियासी हलचल तेज हो गई थी। लेकिन वसुंधरा ने शनिवार को अपने बयानों से उलट ये कहा कि मैं कहीं नहीं जा रही, आपके बीच ही हूं, से भाजपा के गलियारों में कई तरह की बातें बनाई जा रही हैं।

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क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक?

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो वसुंधरा राजे शुक्रवार को झालावाड़ में अपने बेटे दुष्यंत सिंह के बयानों को सुनकर भावुक हो गई थीं उन्हें ऐसा लगा कि अब उनका पुत्र उनकी राजनीतिक सत्ता का उत्तराधिकारी बन सकता है। वहीं पार्टी में उनकी स्थिति थोड़ी कमजोर भी होने लगी थी ऐसे में वसुंधरा राजे ने मंच से जनसभा में ये बात कह दी थी। लेकिन अब उनके बयानों से पलट जाने के पीछे ये कयास भी लगाए जा रहे हैं कि राजस्थान में फिर से कहीं राजे को केंद्र से गद्दी का इशारा तो नहीं मिल गया?

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वसुंधरा राजे ने क्यों दी अपने बयानों पर सफाई ?

पत्रकारों से बात करते हुए राजे ने कहा आप लोग शब्दों को पकड़ते हैं। इसलिए मैं ये क्लियर करना चाहती हूं कि मैं कहीं नहीं जा रही हूं, झालावाड़ हमारा परिवार है, इससे मेरे केवल राजनीतिक संबंध नहीं हैं। दुष्यंत के भाषणों के दौरान लोगों का जुटना और संजीदगी से उसे सुनने का माहौल देख मुझे एक मां के रूप में अच्छा लगा बस इसलिए ये बात मुंह से निकल गई थी।

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भावुक होकर वसुंधरा राजे ने क्या दिए थे बयान?

शुक्रवार को राजे ने कहा था मेरे बेटे सांसद साहब को सुनकर मैं खुश हूं मुझे अब लग रहा है कि मुझे उसे सिखाने की और जरूरत नहीं है। जनता ने अच्छा बुरा सब उन्हें सिखा दिया है। मुझे पूरा भरोसा है कि अब वो पूरी तरह से राजनीति के उतार चढ़ाव सीख और समझ गए हैं।

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