
राजस्थान का अनोखा मेला, जहां केवल महिलाएं हो सकती हैं शामिल…!
श्रावणी तृतीया: सुहाग और सौभाग्य का पर्व
हरियाली तीज 2025: उदयपुर में सजेगी संस्कृति, झूले और श्रद्धा की छटा
श्रावण शुक्ल तृतीया को महिलाओं के सौंदर्य, पारंपरिकता और हरियाली के संगम का त्योहार
इस अनोखे मेले में केवल महिलाएं हो सकती हैं शामिल
सुश्री सोनिया,
उदयपुर, (dusrikhabar.com)। हरियाली तीज जिसे श्रावणी तीज भी कहा जाता है, सावन के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मानसून के आगमन के अवसर पर प्रकृति की सुंदरता को उत्सव के रूप में मनाया जाता है। रविवार 27 जुलाई 2025 को उदयपुर में भी हरियाली तीज का उत्सव मनाया जाएगा।
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सुहागिन महिलाओं के लिए पर्व का दिन है श्रावणी तीज

शिखा सक्सेना, उप निदेशक, पर्यटन, उदयपुर
उदयपुर पर्यटन विभाग की उपनिदेशक शिखा सक्सेना ने बताया कि श्रावणी तीज उदयपुर की महिलाओं के लिए एक पवित्र त्योहार की तरह हैं। इसलिए हरियाली तीज, जिसे यहां श्रावणी तीज भी कहते हैं। यह दिन सुहागिनों के लिए विशेष महत्व रखता है, जब महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा कर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं।
महिलाएं हरे वस्त्र, चूड़ियां, बिंदी और मेहंदी से सजकर झूले झूलती हैं, लोकगीत गाती हैं और सखियों संग पर्व की खुशियां बांटती हैं। इस दिन सहेलियों की बाड़ी से फतेहसागर झील तक महिलाओं के लिए एक विशेष मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें पर्यटन विभाग भी अपनी भूमिका निभाता है।
उदयपुर में झांकियां, नाव जुलूस और पारंपरिक मेला
उदयपुर की परंपरा के अनुसार इस दिन पिछोला झील में भव्य नाव जुलूस निकाला जाता है। सजीव झांकियों और नावों से शहर में उत्सव का वातावरण बन जाता है। सहेलियों की बाड़ी से फतेह सागर झील तक लगने वाले महिला विशेष मेले में झूले, पारंपरिक वस्त्रों की दुकानें, मिठाइयों के स्टॉल और लोककलाओं की झलक देखने को मिलती है। इस मेले में केवल महिलाएं ही शामिल हो सकती हैं और पारंपरिक परिधानों में हिस्सा लेकर उत्सव को और भी मनोहारी बनाती हैं।
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हरियालो राजस्थान अभियान: प्रकृति के प्रति सम्मान का संदेश
हरियाली तीज केवल धार्मिक पर्व ही नहीं, बल्कि पर्यावरण चेतना का प्रतीक भी है। इसी उद्देश्य से हर वर्ष राजस्थान सरकार द्वारा “हरियालो राजस्थान” अभियान चलाया जाता है, जिसके तहत पूरे प्रदेश में पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस प्रकार यह पर्व संस्कृति, पर्यावरण और सामाजिक एकता तीनों का अनूठा संगम प्रस्तुत करता है।
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