
3 IPS का तबादला, नाराज सरकार! बदले गए कार्यवाहक डीजी हेमंत प्रियदर्शी..!
एसीबी की तीन बड़ी चूक के चलते जारी हुई तबादला सूची
दूदू कलेक्टर ट्रेप, SMS ऑर्गन ट्रांसप्लांट प्रकरण और एकल पट्टा में लापरवाही
विजय श्रीवास्तव,
जयपुर (Rajasthan Police) पिछले दिनों तीन केसों में ACB की लापरवाही से नाराज मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajan lal Sharma)ने एक साल से भी अधिक समय से कार्यवाहक डीजी का पद संभाल रहे एडीजी हेमंत प्रियदर्शी (ADG Hemant Priyadarshi) को एसीबी से हटाकर एससीआरबी (SCRB) में तबादला कर दिया है।
गुरुवार राजस्थान पुलिस विभाग में अचानक बड़ा फेरबदल देखने को मिला। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर कार्मिक विभाग ने पुलिस के 3 IPS अधिकारियों की तबादला सूची जारी की है। इस तबादला (IPS Transfar list) सूची के आने के बाद आईपीएस लॉबी और ब्यूरोक्रेसी (Bureaucracy) सहित इसकी चर्चा पूरे प्रदेशभर में हो रही है।
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किसको कहां लगाया?
आईपीएस तबादला सूची में प्रदेश के दो आईपीएस अफसरों का तबादला किया गया है वहीं एक आईपीएस अफसर को प्रमोट किया गया है। नई तबादला सूची के अनुसार आईपीएस रवि प्रकाश मेहरड़ा (IPS Ravi Prakash Mehrada) को एसीबी की कमान सौंपी गई है तो वहीं आईपीएस सचिन मित्तल (IPS Sachin Mittal) का प्रमोशन कर उन्हें अतिरिक्त महानिदेशक भर्ती एवं पदोन्नति बोर्ड की कमान दी गई है। वहीं सजा के तौर पर एडीजी हेमंत प्रियदर्शी को जो कि कार्यवाहक डीजी का काम देख रहे थे को एडीजी एससीआरबी में भेजा गया है।
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अचानक क्यों जारी हुई तबादला सूची?
जानकार सूत्रों की मानें तो पिछले दिनों तीन केसों में पुलिस के आलाधिकारियों की लापरवाही से नाराज सरकार ने एक साल से भी अधिक समय से कार्यवाहक डीजी का पद संभाल रहे एडीजी हेमंत प्रियदर्शी को एसीबी से हटाकर एडीजी एससीआरबी में तबादला कर दिया है। हेमंत प्रियदर्शी के तबादले को एसीबी की गिरती साख और लो-परफॉर्मेंस से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
एसीबी से किन मामलों में हुई लापरवाही?
जानकार सूत्रों की मानें तो दूदू कलेक्टर रिश्वत प्रकरण (Dudu collector bribe case) में एसीबी ने जल्दबाजी की, मामले में ट्रेप कार्रवाई से पहले एसीबी ने प्रकरण में न ही सत्यापन किया न ही अधिकारी पर नजर रखकर मामले को जांचने की कोशिश की। इस तरह के बड़े और हाई प्रोफाइल प्रकरण में पुख्ता सबूत होने के बावजूद एसीबी ने प्रकरण को लेकर संजीदगी नहीं दिखाई।
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ऑर्गन ट्रांसप्लांट प्रकरण में लापरवाही
ऑर्गन ट्रांसप्लांट (Organ Transplant) प्रकरण में एसीबी में एसीबी की जांच चल रही थी। सूत्रों के अनुसार एसीबी डीजी होने के नाते आईपीएस हेमंत प्रियदर्शी को जवाबदारी सौंपी गई थी लेकिन प्रकरण की गंभीरता के अनुसार एसीबी इस प्रकरण में अपनी पूरा इनपुट नहीं दे पाई और अंतत: मामला एसीबी से जयपुर पुलिस कमिश्नरेट को सौंपा गया।
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एकल पट्टा प्रकरण में भी हुई एसीबी से लापरवाही
इसी तरह एकल पट्टा प्रकरण में भी एसीबी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (ashok gahlot) के खास शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) को क्लीन चिट दे दी गई। इस पर एसीबी ने जबाव दिया कि कोई मामला बनता ही नहीं है। इससे पूर्व पिछली भाजपा सरकार (BJP Government) ने एकल पट्टा प्रकरण में धारीवाल सहित जिम्मेदार अधिकारियों पर केस किया था और वर्तमान सरकार को एसीबी के चक्कर में मामला से पीछे हटना पड़ा और सरकार की काफी किरकरी हुई। हालांकि इस मामले में सरकार पहले ही आरपीएस (RPS) अधिकारी सुरेंद्र सिंह को एपीओ (APO) की सजा दे चुकी है।
