पर्यटन नीति–2025 से राजस्थान बनेगा विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र

पर्यटन नीति–2025 से राजस्थान बनेगा विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र

नई राजस्थान पर्यटन नीति एक दूरदर्शी दस्तावेज़: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

प्रवासी राजस्थानी दिवस पर भव्य सांस्कृतिक संध्या

नए सर्किट, डिजिटल टूरिज्म, एस्ट्रो–टूरिज्म और वेलनेस पर बड़ा फोकस 

 

नवीन सक्सेना,

जयपुर,dusrikhabar.com।  प्रवासी राजस्थानी दिवस–2025 के अवसर पर बुधवार रात जेईसीसी परिसर में आयोजित भव्य सांस्कृतिक संध्या में उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा कि नई राजस्थान पर्यटन नीति–2025 राज्य को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान दिलाने वाली दूरदर्शी नीति है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इसे राजस्थान के पर्यटन भविष्य को नया आयाम देने वाला ऐतिहासिक दस्तावेज़ बताया।

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इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा कि नई राजस्थान पर्यटन नीति–2025 के जरिए राज्य सरकार का लक्ष्य आगामी वर्षों में राजस्थान को विश्वस्तर पर प्रतिस्पर्धी, सुरक्षित और पर्यटक–अनुकूल राज्य के रूप में स्थापित करना है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि “राजस्थान की संस्कृति, विरासत, कला और प्राकृतिक विविधता को नए युग की पर्यटन आवश्यकताओं से जोड़कर विश्वस्तरीय अनुभव देना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

नई नीति पर्यटन विकास को देगी नयी गति और दिशा:दिया कुमारी

यह नीति पर्यटन विकास को नयी गति और दिशा देगी।” उपमुख्यमंत्री ने कहा कि नई नीति राजस्थान को भारत का सबसे मजबूत, आधुनिक और आकर्षक पर्यटन राज्य बनाने का संकल्प है। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि हर पर्यटक राजस्थान की संस्कृति, मेहमाननवाज़ी और विविधता भरे अनुभवों से समृद्ध होकर लौटे।

उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा कि यह नीति राज्य में पर्यटन के विस्तार, रोजगार सृजन, डिजिटल सुविधा, धार्मिक–सांस्कृतिक सर्किट, एस्ट्रो–टूरिज्म, एडवेंचर और वेलनेस टूरिज्म जैसे नए क्षेत्रों को गति देने वाला व्यापक रोडमैप साबित होगी। नई नीति के तहत राज्य सरकार ने पर्यटन ढांचे को पूर्णतया आधुनिक, सुरक्षित, निवेश–अनुकूल और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लक्ष्य निर्धारित किए हैं।

यह नीति सिर्फ एक नीतिगत डॉक्यूमेंट ही नहीं बल्कि यह हमारे राज्य को एक वैश्विक पर्यटन महाशक्ति में बदलने का हमारा रोडमैप है। उन्होंने कहा कि हमारा दृष्टिकोण स्पष्ट है की पर्यटन के आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए पर्यटन के सभी आयामों जैसे पर्यटक सुविधाओं, मार्केटिंग एवं प्रमोशन, मेले एवं त्योहार, पर्यटन निवेश, पर्यटन में आईटी, डिजिटल एवं एआई, कौशल विकास, युवाओं को पर्यटन क्षेत्र में रोजगार आदि पर लक्ष्य निर्धारित कर कार्य किया जाएगा।

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पॉलिसी के प्रमुख बिंदु

राज्य सरकार ने पर्यटन परियोजनाओं को तेजी से गति देने के लिए पीपीपी मॉडल और इज ऑफ डूइंग बिजनेस को केंद्र में रखा है। सभी अनुमतियों के लिए सिंगल वेब पोर्टल, पर्यटन व्यवसायों की ग्रेडिंग और गतिविधि निगरानी के लिए एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित किया जाएगा। पर्यटन व्यवसायियों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिवर्ष राजस्थान पर्यटन पुरस्कार दिए जाएंगे। छात्रों को पर्यटन कोर्स व कौशल कार्यक्रमों के लिए स्कॉलरशिप, तथा पर्यटन उद्यमों को ट्रेनिंग–स्किल इंसेंटिव उपलब्ध कराया जाएगा।

विशेष पर्यटन क्षेत्र एवं धार्मिक सर्किट

  • चुनिंदा जिलों में स्पेशल टूरिज्म जोन (STZ) प्लग–एंड–प्ले मॉडल पर स्थापित होंगे।

  • कृष्ण गमन पथ, बृज–द्वारका तीर्थ मार्ग और प्रमुख मंदिरों में सुविधाएँ बढ़ेंगी।

  • वन विभाग के साथ मिलकर वन्यजीव–आधारित टूरिज्म हब विकसित होंगे।

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डिजिटल और अनुभव आधारित पर्यटनः

सरकार ऐतिहासिक स्मारकों का थ्रीडी लेजर स्कैन, वीआऱ अनुभव, डिजिटल संग्रहालय और लाइट–एंड–साउंड शो विकसित करेगी। नई पर्यटन फ़िल्में, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर सहयोग और डिजिटल प्रचार पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। पर्यटकों को बेहतर डिजिटल सुविधा देने के लिए नया राजस्थान पर्यटन वेब पोर्टल, मोबाइल ऐप, चैटबॉट, डिजिटल मैप व गाइडबुक लॉन्च किए जाएंगे।

जिला स्तर पर प्रबंधनः

प्रत्येक जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला पर्यटन विकास समिति (डीटीडीसी) द्वारा पर्यटन स्थलों के संचालन और प्रबंधन के लिए डेस्टिनेशन मैनेजमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीएमओ) के रूप में भी कार्य किया जाएगा। पीक सीजन में समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए ये समितियाँ नियमित बैठकें आयोजित करेंगी।

कनेक्टिविटी और पर्यटक सुविधा

  • प्रमुख शहरों में Hop On–Hop Off Bus,
    प्रीपेड टैक्सी बूथ,
    ई-सेगवे,
    रेंटल साइकिल,
    गाइडेड ई–वाहन सेवाएँ शुरू होंगी।

  • सभी परिवहन साधनों के लिए राजस्थान ट्रैवल कार्ड लाया जाएगा।

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थीम आधारित पर्यटन को बढ़ावाः

एस्ट्रो टूरिज्म, फूड फेस्टिवल, एडवेंचर स्पोर्ट्स, ईको–टूरिज्म, फिल्म सिटी, मल्टी–परपज़ इवेंट स्टेडियम, बर्ड–वॉचिंग सर्किट, शौर्य पर्यटन सर्किट जैसे नए क्षेत्रों को बढ़ावा देकर राज्य में पर्यटन के अवसरों का दायरा व्यापक किया जाएगा। पुष्कर, मरु महोत्सव, झील महोत्सव जैसे आयोजनों को और अधिक भव्य स्वरूप देने की तैयारी भी नीति में शामिल है।

विरासत, शिल्प और वेलनेस टूरिज्म

  • मैन्युस्क्रिप्ट, जनजातीय संस्कृति और शिल्प पर आधारित क्राफ्ट म्यूज़ियम स्थापित होंगे।

  • योग, आयुर्वेद और नेचुरोपैथी पर आधारित वेलनेस टूरिज्म हब विकसित किए जाएंगे

सुरक्षा—24×7 सहायता प्रणाली

  • 24×7 पर्यटन कॉल सेंटर

  • टूरिस्ट असिस्टेंस फोर्स

  • पर्यटक वाहनों में पैनिक बटन

  • QR–आधारित फीडबैक सिस्टम

  • सुरक्षा हेतु CCTV 

राज्य में 24×7 टूरिज्म कॉल सेंटर, मजबूत टूरिस्ट असिस्टेंस फोर्स, पर्यटक वाहनों में पैनिक बटन, क्यूआर आधारित फीडबैक सिस्टम, सीसीटीवी और आईईसी गतिविधियों से सुरक्षा तंत्र को मजबूत किया जाएगा।

राजस्थान की धरती को नमन ‘खम्मा घणी, जय जय राजस्थान!’

कार्यक्रम का शुभारंभ राजस्थान की सांस्कृतिक अस्मिता को समर्पित सरस्वती-वंदना और स्वागत गीत “सोनारी धरती जठे, चांदी रो आसमान…” से हुआ। सभागार में समवेत स्वरों ने ऐसा वातावरण रचा, जिसने सभी को राजस्थान की लोकगाथाओं, वीर-परंपराओं और सौंधी मिट्टी की महक से भर दिया।

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कथक फ्यूज़न से हुई संध्या की सुरुचिपूर्ण शुरुआत

जयपुर कथक केंद्र के संयोजन व कोरियोग्राफर संगीता सिंघल के निर्देशन में कार्यक्रम की प्रथम प्रस्तुति रही विशेष कथक फ्यूज़न। कथक की नाजुक गतियाँ, पखावज की थाप, मुख-मुद्राओं की भाव-व्यंजना और जब उसमें राजस्थानी लोक-ताल की रवानगी शामिल हुई। कथा-वाचन की शास्त्रीय परंपरा और आधुनिक कोरियोग्राफी के इस अद्भुत मेल ने प्रवासी राजस्थानी अतिथियों को विशेष रूप से प्रभावित किया।

लोकनृत्यों ने जीवंत किया राजस्थान का रंग

संध्या का दूसरा चरण लोकसंगीत और लोकनृत्य की विरासत को समर्पित रहा, जिसमें— गैर की शक्तिशाली ताल और घूमती लाठियों का अद्भुत प्रदर्शन, घूमर के रंग-बिरंगे परिधानों और सौम्य मुद्राओं की मनोहारी छटा औऱ कालबेलिया की लचकती चाल और तेज लयबद्ध गतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। विश्वप्रसिद्ध कलाकार गुलाबो और उनकी टीम की प्रस्तुति कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रही। 

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इंडियन आइडल फेम पीयूष पंवार की प्रस्तुति ने बांधा समां

संध्या का सबसे प्रतीक्षित क्षण तब आया जब मंच पर पहुंचे इंडियन आइडल फेम पीयूष पंवार ने अपनी दमदार, भावपूर्ण और ऊर्जा से भरी आवाज़ में उन्होंने एक के बाद एक गीत प्रस्तुत किए। आके सीधी लगी दिल पे जैसे की प्रस्तुति ने पूरे सभागार में जोश और उत्साह की लहर दौड़ा दी।

इनकी रही गरिमयी उपस्थिति

इस अवसर पर झाबर सिंह खर्रा, राज्य मंत्री (नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन), जोराराम कुमावत, मंत्री (पशुपालन, डेयरी, गोपालन एवं देवस्थान), मुग्धा सिन्हा, एमडी आईटीडीसी, प्रवीन गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव (पर्यटन), रुक्मणी रियार, पर्यटन आयुक्त तथा देश–विदेश से जुड़े अनेक पर्यटन उद्यमी, विशेषज्ञ एवं प्रवासी राजस्थानी प्रतिनिधि उपस्थित रहे। 

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