कल्चरल डायरीज में इस बार का आकर्षण “कर्टन रेजर…”

कल्चरल डायरीज में इस बार का आकर्षण “कर्टन रेजर…”

सैकड़ों कला प्रेमी बन रहे कल्चरल डायरीज के इतिहास का हिस्सा

कल्चरल डायरीज से अल्बर्ट हॉल होने लगा गुलजार

अल्बर्ट हॉल पर कल्चरल डायरीज में रास लीला और ताल वाद्य कचहरी मुख्य आकर्षण

राजस्थान पर्यटन की अनूठी पहल से सांस्कृतिक विरासत को मिल रही नई पहचान

 

जयपुर,(dusrikhabar.com)। राजस्थान की कला और संस्कृति की पहचान बनता जा रहा राजस्थान पर्यटन का आयोजन कल्चरल डायरीज। मानो जैसे अल्बर्ट हॉल के दिन भी फिर गए हों। पहले अक्सर दिन में अल्बर्ट हॉल की सैर करने और यहां फोटो खिंचवाने वाले पर्यटकों का जमावड़ा रहता था लेकिन कल्चरल डायरीज के आयोजन से अब शाम के वक्त भी जयपुर का अल्बर्ट हॉल न सिर्फ रोशनी बल्कि पर्यटकों के साथ-साथ कला प्रेमियों से भी सराबोर रहने लगा है। (This time’s attraction in Cultural Diaries is “Curtain Raiser…”)

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पारंपरिक लोक कलाकारों को मिला मंच 

राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को नई पहचान देने और पारंपरिक लोक कलाकारों को मंच प्रदान करने के उद्देश्य से कल्चरल डायरीज का आयोजन 21-22 मार्च को अल्बर्ट हॉल जयपुर में किया जाएगा। राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी की पहल पर शुरू की गई इस श्रृंखला के माध्यम से पारंपरिक कला रूपों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे राज्य की सांस्कृतिक पहचान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूती मिल रही है।

कल्चरल डायरीज में पहली बार कर्टन रेजर

एक महीने में दो बार होने वाले इस कल्चरल डायरीज आयोजन के इस महीने के पहले दिन 21 मार्च को कृष्ण लीला की भव्य प्रस्तुति होगी, जिसे भारतीय कत्थक नृत्य एवं संगीत संस्थान की निदेशक डॉ. स्वाति अग्रवाल और उनकी टीम प्रस्तुत करेगी। इस प्रस्तुति में भगवान श्रीकृष्ण के जीवन के प्रमुख प्रसंगों को नृत्य और संगीत के माध्यम से जीवंत किया जाएगा। कार्यक्रम के अंतर्गत कृष्ण जन्म, गोपियों संग रास, माखन चोरी, यशोदा संग वात्सल्य, असुरों का वध, गोवर्धन पर्वत धारण और राधा-कृष्ण प्रेम जैसे विभिन्न दृश्यों को आकर्षक कत्थक शैली में प्रस्तुत किया जाएगा।

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क्या होगा 22 मार्च को कल्चरल डायरीज में

वहीं 22 मार्च को ताल वाद्य कचहरी’ का आयोजन होगा, जिसमें प्रसिद्ध संगीतज्ञ मुफ्फर रहमान एवं उनकी टीम भारतीय शास्त्रीय संगीत और ताल वाद्यों की मोहक प्रस्तुति देंगे। यह आयोजन राजस्थान के पारंपरिक और शास्त्रीय संगीत की समृद्ध विरासत को दर्शकों तक पहुंचाने का प्रयास है।

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गौरतलब है कि उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी की पहल पर राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा शुरू की गई कल्चरल डायरीज पारंपरिक लोक कलाकारों को मंच प्रदान करते हुए राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को नया आयाम देने का कार्य कर रही है। यह पहल न केवल राजस्थान के शास्त्रीय और लोक कलाकारों को एक मंच प्रदान करती है, बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक अनूठा सांस्कृतिक अनुभव प्रस्तुत करती है।

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