
मां लक्ष्मी पूजन का ये शुभ मुहूर्त सबसे प्रभावशाली, होगी धनवर्षा..
साफ सुथरे और रोशन घरों में होती है मां लक्ष्मी की विशेष कृपा
भगवान गणेश और मां सरस्वती भी रहते हैं मां लक्ष्मी के साथ
घरों में होती सुख और समृद्धि की वर्षा
दीपावली पूजन के दिन आज बन रहे हैं 4 राजयोग
जयपुर, (dusarikhabar.com)। देश और दुनिया में आज दीपावली का पर्व मनाया जा रहा है। घर की सजावट के साथ ही शाम को महालक्ष्मी के पूजन की तैयारियां भी जोरों पर है। हर घर में मां लक्ष्मी के स्वागत-सत्कार के साथ विधि विधान से पूजन किया जाएगा। हर घर दीपों से रोशन होगा, हर शहर, गली-मोहल्ले, चौराहों पर लाइटों और दीपकों की जगमग रोशनी प्रकाशमान रहेगी। आज के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश के साथ-साथ भगवान राम को भी पूजा जाता है। ऐसा माना जाता है कि दीपावली पर पूजन के पीछे सतयुग और त्रेता युग का संबंध प्रमुख रूप से होता है।
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लक्ष्मी पूजन का श्रेष्ठ मुहूर्त
अमावस्या तिथि दोपहर 3.52 बजे से शुरु होगी और तिथि का समापन 1 नवम्बर को शाम 6 बजकर 16 मिनट पर होगा। इसीलिए इस बार दो दिन तक दीपावली पूजन का शुभ मुहूर्त माना जा रहा है।
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दीपावली पूजन के मुहूर्त
प्रदोष काल में यानी आज 31 अक्टूबर को शाम 5.36बजे से रात 8.11मिनट तक है, वहीं वृषभ लग्न (स्थिर लग्न)- शाम 6.25मिनट से लेकर रात 8बजकर 15 मिनट तक होगा।
पूजा का पहला मुहूर्त शाम 5 बजे से शुरू होगा जो रात में 3 बजकर 27मिनट तक लक्ष्मी पूजन करने मुहूर्त रहेगा। पंडितों के अनुसार आज दीपावली पूजन के देर रात तक कुल 6 शुभ मुहूर्त माने गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि आज दीपावली पूजन के समय 4 राजयोग बन रहे हैं। शश, कुलदीपक, शंख और लक्ष्मी योग के कारण इस दीपावली का शुभ फल और अधिक बढ़ जाएगा।
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(Diwali 2024 Lakshmi-Ganesh Pujan Muhurat)
लक्ष्मी पूजन का दूसरा शुभ मुहूर्त
मां लक्ष्मी के पूजन का महानिशीथ काल में पूजन के लिए शुभ मुहूर्त, 31 अक्टूबर रात 11 बजकर 39 मिनट से लेकर देर रात 12 बजकर 30 मिनट तक होगा।
क्या है मान्यता
ऐसा कहा जाता है कि मां लक्ष्मी को साफ-सफाई प्रिय है और मां लक्ष्मी का वास साफ-सफाई वाले स्थानों और घरों और शहरों में होता है। ऐसे में दीपावली लक्ष्मी पूजन का विशेष विधान बताया गया है। इस दिन शाम और रात्रि के समय शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी, विघ्नहर्ता भगवान गणेश और माता सरस्वती की पूजा एवं आराधना परम सुखदायी और लाभकारी होती है।
हमारे पुराणों में भी ऐसा लिखा है कि कार्तिक अमावस्या की अंधेरी रात में महालक्ष्मी का स्वयं धरती पर आगमन होता है, और वे हर घर में जाती हैं। ऐसे में जो घर हर प्रकार से स्वच्छ और प्रकाशवान हो, वहां वे अंश रूप में खुद विराजमान हो जाती हैं। इसलिए हमें घरों और आसपास में साफ सफाई रखनी चाहिए।
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