
11 लाख पेंशनर्स की जान के पीछे पड़ी है राज्य सरकार…!
पेंशनर्स की सुविधाओं में आए दिन सरकार कर रही कटौती
मेडिकल सुविधाओं के अभाव में अच्छा उपचार नहीं करवा पा रहे पेंशनर्स (Pensioners)
प्रदेश की मेडिकल सुविधाओं में RGHS सुविधा का सबसे बुरा हाल
कई लाइफ लाइन से जुड़ी दवाएं अब नहीं मिल रही कर्मचारियों को मेडिकल डायरी/ RGHS के अन्तर्गत
जयपुर।
राजस्थान सरकार के पेंशनर्स तिल-तिल कर मरने को मजबूर
क्या यही है राजस्थान सरकार की गुड गवर्नेंस ?
पेंशनकर्मियों की सुविधाओं में आए दिन हो रही कटौती
आए दिन पेंशनर्स (Pensioners) की RGHS सुविधाओं में सरकार कर रही कटौती
राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) के एक पेंशनर ने सुनाई Dusrikhabar.com को अपनी पीड़ा, कहा-
RGHS में मिलने वाली दवाओं में से जरूरी दवाएं सरकार ने की बैन
अब साधारण दवाएं ही मिल रही पेंशनकर्मियों को
Read also: RGHS में भर्ती के नियम बदले…!
जो दवाएं हैं बुढ़ापे में सबसे ज्यादा जरूरी, उन दवाओं पर ही सरकार ने लगाया बैन
दवा दुकानदारों ने पेन किलर अल्ट्रासेट, पेट्रिल एमडी जैसी कई दर्द निवारक और नींद की गोलियां की बैन
जबकि डॉक्टर के प्रेसक्रिप्शन पर मिलनी RGHS में मिलनी चाहिए ये दवाएं
लेकिन आम दवाओं की दुकानों पर अब नहीं मिल रहीं ये दवाएं
60साल की उम्र के बाद नींद न आने की समस्या है आम
अलग अलग बीमारियों के चलते शरीर में सीवीयर पेन होने की समस्या आम है
Read also: RGHS के बदले नियम..!
ऐसे में इन दर्दों और समस्याओं के निवारण के लिए कुछ नारकोटिक (Narcotic) और
कुछ साइकोट्रॉपिक (Psychotropic) के साथ साथ ट्रैंक्विलाइजर (Tranquilizer) जैसी दवाओं की होती है जरूरत
इसके साथ ही मल्टी विटामिन, कैल्शियम और आयरत तक की दवाएं नहीं उपलब्ध हैं पेंशनर्स को
जबकि डॉक्टर भी इन दवाओं को बहुत जरूरी होने पर ही लिखता है मरीजों को
लेकिन जब सरकार इन दवाओं की आपूर्ति RGHS के जरिए रोक देगी तो
पेंशनकर्मियों (Pensioners) को बाजार से नकद दाम देकर खरीदनी होंगी ये दवाएं
और अगर ऐसा होता है तो फिर क्या फायदा है सरकारी नौकरी का ?
ऐसे में अगर पेंशनकर्मी दवाएं खरीदने में ही अपनी पूरी पेंशन लगा देगा तो
बुढ़ापे में जिस सुविधा के लिए सरकारी नौकरी की उसकी क्या जरूरत है?
Read also: CM भजनलाल का बड़ा फैसला, राजस्थान में कम होंगे 10 जिले, पिछली सरकार के फैसलों का रिव्यू…
जब पूरी पेंशन ही दवाओं और अस्पतालों के चक्कर में खत्म हो जाएगी तो
वह अपना बचा हुआ जीवन कैसे अच्छे ढंग से जी पाएगा?
सरकार की RGHS योजना का बड़े अस्पताल उड़ा रहे हैं मखौल
निजी अस्पताल चाहे जब मना कर देता है RGHS के लाभार्थियों के उपचार से
क्या राज्य सरकार को नहीं सोचना चाहिए अपने पेंशनर्स (Pensioners) के बारे में?
क्या सिर्फ चुनावों में वोट बैंक बनकर रह गए हैं प्रदेश के 11 लाख पेंशनर्स
Read also: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह-2024 की तैयारी बैठक
जब वोट चाहिए होते हैं तो प्रदेश के ये ही 11 लाख पेंशनर्स सरकार को याद आते हैं
और चुनावों के बाद इन पेंशनर्स की बेकद्री भी सरकार जमकर करती है
आखिर इन राज्य सरकार के कभी वफादार रहे कर्मियों की क्या गलती है।
तो क्या सरकार को नहीं करनी चाहिए इन दवाओं की आपूर्ति अपने पेंशनभोगी कर्मचारियों के लिए
ताकि पेंशनर्स को खर्च नहीं करना पड़े इन दवाओं के लिए अतिरिक्त पैसा
क्योंकि बाजार में बहुत महंगे दामों पर मिलती हैं ये दवाएं