
सवाईमाधोपुर टाइगर सफारी का काला सच, जंगल सफारी में वाहन ब्रेक डाउन, 90 मिनट बाघों के बीच फंसे टूरिस्ट, गाइड भागा…
राजस्थान में पर्यटक महसूस कर रहे असुरक्षित, कभी महिलाओं संग दुष्कर्म तो कहीं बाघों का शिकार पर्यटक…!
अंधेरे जंगल में 90 मिनट फंसे टूरिस्ट, बच्चे रोते रहे
टूरिस्ट ने बनाए वीडियो, वनपाल से हुई बहस
बिना लाइट के कैंटर से लौटे बाहर, DFO ने दी कार्रवाई की चेतावनी
टूरिस्ट बोले – “जंगल में हादसा हो सकता था”
रणथम्भौर में अब तक 21 ट्यूरिस्टों का शिकार बना चुके हैं बाघ
पिछले वर्ष ही 1 बच्चे, 1 युवक और 1 गाइड का शिकार कर चुके हैं बाघ
ऐसे तो कैसे होगा राजस्थान में पर्यटकों की संख्या में इजाफा ? जिम्मेदार हो रहे लापरवाह
नवीन सक्सेना,
सवाईमाधापुर,(dusrikhabar.com)। सवाई माधोपुर के रणथंभौर टाइगर रिजर्व में शनिवार शाम 20 टूरिस्ट की जान खतरे में आ गई। कैंटर का ब्रेकडाउन होने से ये सभी लोग तीन बाघों की टेरिटरी वाले जोन-6 में करीब डेढ़ घंटे तक फंसे रहे। अंधेरे में महिलाएं और बच्चे डरे-सहमे रोते रहे, जबकि गाइड टूरिस्टों को खुली गाड़ी में छोड़कर भाग गया। बाद में टूरिस्ट ने घटना के वीडियो बनाकर लापरवाही के आरोप लगाए।
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90 मिनट तक खुले जंगल में फंसे टूरिस्ट, गाइड भाग गया
शनिवार शाम करीब 6 बजे रणथंभौर टाइगर रिजर्व के जोन नंबर-6 में कैंटर अचानक खराब हो गया। इस इलाके को तीन बाघों की टेरिटरी माना जाता है। गाइड ने यात्रियों से कहा कि वह दूसरी गाड़ी लेकर आता है और वहां से चला गया, लेकिन वापस नहीं लौटा।
इस दौरान कैंटर में सवार बच्चे डर के मारे रोने लगे। अंधेरा गहराता जा रहा था और टूरिस्ट मोबाइल की टॉर्च जलाकर किसी तरह स्थिति संभाल रहे थे। कैंटर में बैठी एक महिला ने ड्राइवर से कहा – “भैया, आपने हमें फंसा दिया। आपका गाइड कहां है?” ड्राइवर ने जवाब दिया – “गाइड तो भाग लिया।”
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टूरिस्ट ने बनाए वीडियो, वनपाल से हुई बहस
टूरिस्ट ने इस घटना के दो वीडियो बनाए।
- पहला वीडियो जंगल के रूट नंबर-6 का है, जिसमें कैंटर अंधेरे में खराब खड़ा दिखता है। चारों तरफ घना जंगल और मोबाइल की हल्की रोशनी ही नजर आती है।
- दूसरा वीडियो राजबाग नाका वन चौकी का है, जहां टूरिस्ट और वनपाल विजय मेघवाल के बीच बहस हो गई।
वीडियो में टूरिस्ट कहते हैं – “आप एक बार कह दीजिए कि यह हमारी जिम्मेदारी नहीं है।” वनपाल जवाब देते हैं – “कैंटर खराब हो गया तो हम क्या करें? हमने दूसरा कैंटर भेजा।” इस पर टूरिस्ट भड़क जाते हैं और आरोप लगाते हैं कि मदद में ढाई घंटे की देरी की गई।
बिना लाइट वाला कैंटर आया, टॉर्च से निकले बाहर
काफी देर बाद टूरिस्ट के लिए दूसरा कैंटर भेजा गया, जिसकी हेडलाइट ही खराब थी। ड्राइवर ने टॉर्च की रोशनी से गाड़ी चलाई और रात करीब 8 बजे टूरिस्ट जंगल से बाहर निकल पाए। टूरिस्ट का आरोप है कि थोड़ी सी देर और होती तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था, क्योंकि वह इलाका बाघों की गतिविधियों वाला है।
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DFO बोले – दोषी कैंटर और गाइड पर होगी कार्रवाई
मामले को लेकर रणथंभौर टाइगर रिजर्व के पर्यटन डीएफओ प्रमोद धाकड़ ने कहा –
“कैंटर के ब्रेकडाउन और टूरिस्ट की शिकायत को गंभीरता से लिया गया है। दोषी गाइड और कैंटर ऑपरेटर के खिलाफ जांच की जाएगी। दूसरा कैंटर वेटिंग में था, लेकिन समय पर नहीं पहुंच सका। तीसरे कैंटर की लाइट खराब थी। इन तीनों मामलों में कार्रवाई की जाएगी।”
टूरिस्ट बोले – “जंगल में हादसा हो सकता था”
जंगल से बाहर निकलने के बाद टूरिस्ट ने कहा कि इस तरह की लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती थी। “हम महिलाओं और बच्चों को लेकर खुले कैंटर में अंधेरे जंगल में बैठे रहे। बाघ कभी भी हमला कर सकता था। वन विभाग की जिम्मेदारी थी कि तुरंत सुरक्षित इंतजाम करता।”
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