सरपंच सबसे बड़ा जनप्रतिनिधि: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

सरपंच सबसे बड़ा जनप्रतिनिधि: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

प्रशासक नियुक्त करने पर सीएम का अभिनंदन कर जताया आभार 

जयपुर में मंगलवार को हुआ पंचायतीराज सशक्‍तीकरण एवं अभिनंदन समारोह  

सीएम भजनलाल ने कहा सशक्त पंचायतीराज और ग्रामीण विकास राज्य सरकार की प्राथमिकता

सरपंचों के हाथों में गांवों के विकास की बागडोर- मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

 

जयपुर, (dusrikhabar.com)। सरपंच प्रदेश में सबसे बड़ा जनप्रतिनिधि, सबकुछ होता है उसके हाथ में। जयपुर में शिप्रापथ पर आयोजित पंचायंत राज सशक्तिकरण एव अंभिनदंन समारोह में अपने पुराने सरपंच कार्यकाल के दिनों का याद किया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि गरीब, किसान और पशुपालकों को मजबूती देकर ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय, डॉ. भीमराव अम्बेडकर और चौधरी चरण सिंह के ग्रामोदय के स्‍वप्‍न को साकार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं का फोकस गांवों के बुनियादी ढांचे के विकास, किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा देने पर है।

शर्मा मंगलवार को सरपंच संघ राजस्थान द्वारा आयोजित पंचायतीराज सशक्तीकरण एवं अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरपंचों के हाथों में गांवों के विकास की बागडोर होती है और समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति के उद्धार में सरपंच सबसे महत्वपूर्ण कड़ी होता है। शर्मा ने कहा कि यदि उनकी इच्छाशक्ति मजबूत हो, दूरदृष्टि हो और लोगों का साथ हो तो गांवों का कायाकल्प किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि के रूप में सरपंचों के पास लोगो की सेवा का अवसर होता है और इसी सेवाभाव के साथ राजस्थान के प्रतिभाशाली और समर्पित सरपंच अपने गांवों को विकास की राह पर ले जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने सरपंच के रूप में अपने कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि आप लोगों को देखकर मेरा हृदय आज उसी भाव से भर उठा है, जब मैं स्वंय सरपंच था। उन्होंने कहा कि मैं गांव की मिट्टी में ही पला-बढ़ा हूं और उसी मिट्टी की सोंधी खुशबू और चुनौतियों के बीच जिया हूं।

बिना भेदभाव सभी विधानसभा क्षेत्रों के गांवों को दिया बजट

सीएम शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार पंचायतीराज के सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास के लिए प्राथमिकता के साथ काम कर रही है। हमने राज्य बजट में बिना भेदभाव राज्य के सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों के गांवों के लिए बजट का प्रावधान किया। पंचायतीराज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों के मानदेय में 1 अप्रेल, 2024 से 10 प्रतिशत वृद्धि की गई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 371 ग्राम पंचायत भवनों का कार्य पूर्ण करवाया गया है। ग्रामीण सड़क तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए 200 विधान सभा क्षेत्रों में 1 हजार करोड़ रुपये की लागत से मिसिंग लिंक और नॉन पेचेबल सड़कों के 1 हजार 631 कार्य प्रारंभ किए जाकर 530 किलोमीटर लम्बाई के 309 कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं।

किसानों-पशुपालकों के लिए प्राथमिकता के साथ बन रही योजनाएं

शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में किसानों और पशुपालकों के लिए प्राथमिकता के साथ योजनाओं, कार्यक्रमों और नीतियों का निर्माण कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2027 तक किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध कराना हमारी सरकार का लक्ष्य है। इसके लिए पीएम-कुसुम योजना को तेजी से लागू किया जा रहा है। किसान अपनी अनुपजाऊ भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाकर ऊर्जा उत्पादक भी बन रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पीएम किसान सम्मान निधि के साथ ही मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 2 हजार रुपये के अतिरिक्त अनुदान का लाभ भी किसानों को दे रही है। अब तक हम 1,355 करोड़ रुपये किसानों के खातों में ट्रांसफर कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को जमाबंदी, खसरा गिरदावरी और राजस्व रिकॉर्ड की प्रतियां ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही हैं तथा नामांतरण की प्रक्रिया को पेपरलेस किया गया है।

उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान सहकारी गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना लागू की गई है। इसके तहत 24 हजार से अधिक गोपालक परिवारों को 1 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया गया है। पशुपालकों को निःशुल्क पशु चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के लिए हेल्पलाइन कॉल सेंटर सेवा 1962 शुरू की गई है। 536 मोबाइल वाहनों द्वारा 30 लाख पशुओं का उपचार किया गया है।

राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का कर रही विस्तार

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार करने का काम भी हमारी सरकार प्रतिबद्धता के साथ कर रही है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में 72 हजार से अधिक कूपन जारी कर गर्भवती महिलाओं को निःशुल्क सोनोग्राफी जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि राजीविका परियोजना के तहत 4 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है तथा 48 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को लाभान्वित किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत प्रदेश में जरूरतमंद लोगों के अपने घर का सपना साकार हो रहा है।

शर्मा ने कहा कि प्रदेश में फार्मर आईडी बनाने के लिए 5 फरवरी से सभी ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर तीन दिवसीय शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इसमें पंजीकरण करवाकर डिजिटल पहचान पत्र के माध्यम से केन्द्र एवं राज्य सरकार की सभी कृषि योजनाओं का लाभ बिना किसी रूकावट के प्राप्त हो सकेगा।

इस अवसर पर पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि पचायतीराज जनप्रतिनिधि अपने ग्रामवासियों से सीधे सम्पर्क में रहते है, इसलिए गांव की समस्याओं के निराकरण और जनकल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में इनकी प्रभावी भूमिका होती है। उन्होंने आह्वान किया कि सरपंच प्रतिनिधि अपने गांवों को गंदगी और पॉलीथीन मुक्त बनाकर स्वच्छ भारत के संकल्प को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।

कार्यक्रम में सरपंच संघ राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल ने प्रशासक के रूप में सरपंचों का कार्यकाल बढ़ाने पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और राज्य सरकार का आभार जताया। विधायक शत्रुघ्न गौतम, कैलाश वर्मा, शासन सचिव पंचायतीराज डॉ. जोगाराम सहित बड़ी संख्या में पंचायतीराज प्रतिनिधिगण एवं आमजन उपस्थित रहे। 

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