प्रतुल सिन्हा की पुस्तक “गांधी,जिन्ना अंबेडकर और आजादी” पर गोलमेज संवाद…

प्रतुल सिन्हा की पुस्तक “गांधी,जिन्ना अंबेडकर और आजादी” पर गोलमेज संवाद…

गांधी,जिन्ना, अम्बेडकर औऱ आजादी की किताब पर गोलमेज संवाद

वरिष्ठ पत्रकार और लेखक प्रतुल सिन्हा हैं गांधी,जिन्ना अंबेडकर और आजादी पुस्तक के लेखक

नए दृष्टिकोण के साथ प्रतुल सिन्हा ने लिखी पुस्तक “गांधी,जिन्ना अंबेडकर और आजादी”

पूर्व मंत्री बीडी कल्ला, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी, वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र बोड़ा रहे मौजूद 

विजय श्रीवास्तव,

जयपुर,(dusrikhabar.com)। भारत की आज़ादी की कहानी के तीन प्रमुख पात्रों गांधी, जिन्ना और अंबेडकर को एक बार फिर नई दृष्टि से देखते हुए आई श्रमजीवी पत्रकार प्रतुल सिन्हा की पुस्तक” गांधी जिन्ना अंबेडकर और आजादी” पर आज राजस्थान प्रौढ़ शिक्षण समिति में गोलमेज संवाद आयोजित किया गया।

साहित्यागार द्वारा प्रकाशित प्रतुल सिन्हा की किताब “गांधी, जिन्ना, आंबेडकर और आजादी” पर चर्चा में राजस्थान विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष डॉ.सी. पी. जोशी ने कहा कि महात्मा गांधी ने देश की आजादी के लिए आम आदमी को मोबिलाइज किया। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के साथ ही देश भर में घूम-घूम कर यह महसूस किया की अंग्रेजों को कैसे हराया जा सकता है और उसी के अनुरूप उन्होंने सत्य अहिंसा और सत्याग्रह जैसे हथियारों का उपयोग किया।

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पूर्व मंत्री डॉ.बी. डी. कल्ला ने कहा कि इस शोधपरक पुस्तक में इतिहास को नए नजरिए से प्रदर्शित किया गया है। महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों को वोट का अधिकार दिलाया और उन्होंने देश में वैज्ञानिक रूप से कार्य कर आजादी दिलाई।

विधानसभा के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने पुस्तक का विश्लेषण करते हुए कहा कि आजादी से पूर्व के 70 साल के कालखंड को लेखक ने पूरी निष्पक्षता के साथ सच को ढूंढ कर निकालने का प्रयास किया है पुस्तक में महात्मा गांधी की तारीफ के साथ ही उनकी गलतियों को भी बेबाकी के साथ इंगित किया है।

Round table discussion on Pratul Sinha's book "Gandhi, Jinnah, Ambedkar and Independence"...

वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र बोड़ा ने पुस्तक का विश्लेषण करते हुए कहा कि इस पुस्तक में ज्यादा बड़ा भाग लगभग 40पन्ने महात्मा गांधी के बारे में लिखे गए हैं फिर 30 पन्ने डॉ बीआर अंबेडकर पर और करीब 20 पन्ने जिन्ना के बारे में लिखे गए हैं। उन्होंने महात्मा गांधी के लिए कहा कि आजादी में गांधी का खुद का कुछ नहीं था और लेकिन अंबेडकर समाज के भले के लिए और जिन्ना अपने हित के लिए सक्रिय था। राजेंद्र बोड़ा ने अपने संवाद में कहा कि गांधी ने अपने बारे में कुछ भी नहीं छिपाया उनका जीवन खुली किताब था, जो लोग आज गांधी की आलोचना करते हैं वो उनके बारे में पढ़कर ही करते हैं, गांधी जी मानवता की बात करते थे जो कि आज भी सार्थक है।

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हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति सनी सेबेस्टियन, शायर लोकेंद्र कुमार ‘साहिल’ तथा लेखक राघवेंद्र रावत ने भी अपने विचार वक्तव्य किए।

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कार्यक्रम में पुस्तक के लेखक और राज्य के वरिष्ठ पत्रकार प्रतुल सिन्हा ने बताया कि उन्हें पुस्तक की सामग्री के संकलन में आठ साल लगे। उन्होंने कहा कि अनेक पुस्तकों और दस्तावेजों के अध्ययन के पश्चात वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि बी आर अंबेडकर मिसफिट पॉलीटिशियन थे,वे समाजशास्त्री थे जबकि महात्मा गांधी और जिन्ना विशुद्ध राजनीतिज्ञ. गोलमेज़ संवाद का संचालन जनसंपर्क विभाग के पूर्व अतिरिक्त निदेशक अरुण जोशी ने किया।

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