
राजेंद्र वोरा ने ”दादा भगवान” को भेंट की मंगलयात्रा पत्रिकाओं की प्रतियां
आत्म-साक्षात्कार के लिए लॉस एंजिल्स में ज्ञानविधि शिविर
पूज्य दीपकभाई देसाई (दादा भगवान) के साथ आत्म साक्षात्कार के लिए लगाया गया शिविर
प्रमुख भारतीय अमेरिकी राजेंद्र वोरा ने भेंट की दादा भगवान को मंगलयात्राओं की प्रतियां
अमेरिका में जैन सोशल ग्रुप बेवर्ली हिल्स के संस्थापक-अध्यक्ष और फेडरेशन के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं राजेंद्र वोरा
लॉस एंजिल्स, (dusrikhabar.com)। अक्रम विज्ञान आत्मबोध की बुनियाद पर आधारित है। यह अनोखा विज्ञान रोजमर्रा के व्यावहारिक समाधान प्रदान करता है जिससे जीवन में सद्भाव और खुशी आती है। इसी क्रम में वर्तमान जीवित आध्यात्मिक गुरु पूज्य दीपकभाई देसाई (दादा भगवान) से आत्म-साक्षात्कार पाने के लिए लॉस एंजिल्स में ज्ञानविधि के साथ शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें सैंकड़ों भक्तों ने शिविर का लाभ प्राप्त किया। (Camp organized for self-realization with Pujya Deepakbhai Desai (Dada Bhagwan)
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शाश्वत सुख से जीवन की खोज होती है पूरी
ऐसा माना जाता है कि प्रत्येक प्राणी निरंतर सुख की तलाश में रहता है। दर्द किसी को अच्छा नहीं लगता और इस दर्द को दूर कर जब शाश्वत सुख का स्रोत मिल जाता है तो जीवन की यह खोज पूरी हो जाती है। शाश्वत खुशी केवल अपने सच्चे स्वरूप की प्राप्ति के माध्यम से ही प्राप्त की जा सकती है। शाश्वत सुख का मार्ग पटेल, जिन्हें दादा भगवान के नाम से भी जाना जाता है, द्वारा खोजा गया था और वह आध्यात्मिक विज्ञान दुनिया के सामने अक्रम विज्ञान के रूप में प्रकट हुआ था।
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अक्रम विज्ञान आत्मबोध की बुनियाद पर आधारित
दरअसल अक्रम विज्ञान आत्मबोध की बुनियाद पर आधारित होता है। यह अनोखा विज्ञान रोजमर्रा की व्यावहारिक समस्याओं के समाधान प्रदान करता है जिससे जीवन में सद्भाव और खुशी आती है। ऐसा कहा जाता है कि ज्ञानी (आध्यात्मिक गुरु) की कृपा से व्यक्ति दो घंटे के समारोह (ज्ञानविधि) में सहजता से आत्म-ज्ञान प्राप्त कर लेता है। कई लोगों ने इस शाश्वत सुख का अनुभव किया है।
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दादा भगवान को भेंट मंगलयात्रा पत्रिका की प्रतियां
लॉस एंजिल्स में इस आयोजन के दौरान प्रमुख भारतीय अमेरिक, जैन सोशल ग्रुप बेवर्ली हिल्स के संस्थापक-अध्यक्ष और फेडरेशन के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेंद्र वोरा ने पूज्यश्री को समूह की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी और मंगलयात्रा पत्रिकाओं की प्रतियां भेंट कीं। आपको बता दें कि जैन सोशल ग्रुप के वैश्विक स्तर पर 425 से अधिक चैप्टर और 92,000 से अधिक सक्रिय सदस्य हैं।