
राजस्थान सरकार नहीं करेगी नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध
राजस्थान की भजनलाल सरकार का CAA पर बड़ा फैसला
सुप्रीम कोर्ट से सीएएस के खिलाफ राजस्थान सरकार की अर्जी वापास
सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया है CAA पर रोक लगाने से इनकार
विजय श्रीवास्तव।
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल (CM Bhajanlal) की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में राजस्थान की ओर से चल रहे CAA के खिलाफ केस को बुधवार को वापस लेने का निर्णय किया है। यानी भजनलाल सरकार (Bhajanlal sarkar) केंद्र सरकार के नागरिक संशोधन कानून (CAA) का विरोध नहीं करेगी।
गौरतलब है कि पूर्ववर्ती गहलोत (ashok gahlot)सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में CAA के खिलाफ याचिका दायर की थी। हालांकि मंगलवार को मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के क्रियान्वयन को लेकर रोक लगाने से फिलहाल मना कर दिया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से 21 दिन में मामले को लेकर जवाब मांगा है। केंद्र सरकार ने इस कानून को लेकर पिछले सप्ताह अधिसूचना जारी की थी।
Read also:प्रहलाद गुंजल की कांग्रेस तो मानवेंद्र जसोल की भाजपा में एंट्री…!
CAA से जुड़ी शीर्ष अदालत में 237 याचिकाएं
सीएए मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में लगभग 237 याचिकाएं दाखिल की गई थीं। इन सभी दाखिल याचिकाओं पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने सीएए के क्रियान्वयन को लेकर फिलहाल रोक लगाने से इनकार करते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। वहीं केंद्र सरकार को कोर्ट में जवाब पेश करने के लिए 8 अप्रैल तक समय दिया है। यानी अब अगली सुनवाई 9 अप्रैल को होगी।
Read also:जिला चुनाव अधिकारियों-पुलिस को निर्देश, निष्पक्ष हों चुनाव…
आपको बता दें कि केंद्र की ओर से सोलिसिटर जनरल ने चार हफ्ते का समय मांगा था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 21दिन का समय दिया है। केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा,’यह (सीएए) किसी भी व्यक्ति की नागरिकता नहीं छीनता।’
Read also:राजस्थान की डिजिटल मीडिया पॉलिसी में कई खामियां, बदलाव जरूरी…!
केंद्र को समय दिए जाने का विरोध
इधर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं के वकील कपिल सिब्बल ने केंद्र को समय दिए जाने का विरोध किया। सिब्बल ने कहा कि 2019 में नागरिकता विधेयक को संसद ने मंजूरी थी। अब चार साल हो चुके हैं और नोटिफिकेशन अभी जारी किया गया है। अगर एक बार लोगों को इस कानून के आधार पर नागरिकता मिल गई तो उसे वापस करना मुश्किल होगा।
सिब्बल ने केंद्र की ओर से जारी नोटिफिकेशन पर रोक लगाने की मांग की। गौरतलब है कि याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश अन्य वकील इंदिरा जयसिंह ने भी सीएए पर रोक लगाने और इस मामले को बड़ी बेंच में भेजने की मांग की थी।