राजस्थान सरकार ने लिए दोअहम निर्णय…क्या जिले फिर से होंगे तय…

राजस्थान सरकार ने लिए दोअहम निर्णय…क्या जिले फिर से होंगे तय…

राजस्थान में भजनलाल सरकार के दो महत्वपूर्ण निर्णय

प्रदेश में एकल पट्टा प्रकरण की होगी निष्पक्ष जांच, वहीं जिलों के संबंध में पुनर्गठन समिति गठित

एकल पट्टा प्रकरण में पूर्व न्यायाधीश आर.एस.राठौड़ की अध्यक्षता में जांच समिति गठित

ललित के पंवार की अध्यक्षता में जिलों के पुनर्गठन के संबंध में समिति गठित

जयपुर।  राजस्थान की भजनलाल सरकार ने शुक्रवार को दो अहम निर्णय लिए हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश में एकल पट्टा प्रकरण को लेकर एक जांच समिति का गठन किया है जो इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करेगी। यह समिति पूर्व न्यायाधीश आर.एस.राठौड़ की अध्यक्षता में जांच एकल पट्टा प्रकरण की जांच करेगी। 
दूसरे अहम निर्णय के तौर पर पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के कार्यकाल में गठित नए जिलों के पुर्नगठन के संबंध में जांच के लिए भी मुख्यमंत्री भजनलाल ने एक समिति का गठन किया है। ललित के. पंवार की अध्यक्षता में गठित ये समिति जिलों के बारे में जांच कर अपनी रिपोर्ट जल्द ही सरकार के समक्ष प्रस्तुत करेगी। 

एकल पट्टा प्रकरण जांच समिति में ये भी रहेंगे सदस्य

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर पूर्व न्यायाधीश आर.एस.राठौड़ की अध्यक्षता में एकल पट्टा प्रकरण के लिए इस समिति का गठन किया गया है। साथ ही, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं नगरीय विकास एवं आवासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव इस समिति के सदस्य होंगे।
गौरतलब है कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में एकल पट्टा प्रकरण में हुई अनियमितताओं पर न्यायालय से प्रकरण वापिस लेने के लिए कमेटी गठित की गई थी। लेकिन कमेटी में तत्कालीन यूडीएच मंत्री के कार्यालय से संबंधित अधिकारियों को शामिल किया गया था। इससे उक्त कमेटी की निष्पक्षता पर सवाल उठे थे। 

जिलों के पुनर्गठन पर मंत्रिमंडलीय  उप समिति को सौंपेगी रिपोर्ट

जिलों के पुर्नगठन के संबंध में  पूर्व आई.ए.एस. ललित.के.पंवार की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है जो नए जिलों के पुर्नगठन के संबंध में मंत्रिमण्डलीय उप-समिति को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। आपको बता दें है कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में जिलों का पुनर्गठन करते हुए नवीन जिले सृजित किए गए थे।
राज्य सरकार की ओर से गठित नवीन जिलों की प्रशासनिक आवश्यकताओं, वित्तीय संसाधनों सहित अन्य बिन्दुओं पर समीक्षा का फैसला किया गया था। हाल ही में इस सन्दर्भ में मंत्रिमण्डलीय उप-समिति का गठन भी किया गया है। नवगठित कमेटी मंत्रिमण्डलीय उप-समिति को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
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