अब 25 को मतदान, इसलिए भी बदली तारीख…!

अब 25 को मतदान, इसलिए भी बदली तारीख…!

आखिर बदलनी पड़ी EC को राजस्थान में मतदान की डेट

राजस्थान को लेकर चुनाव आयोग का बड़ा फैसला (VOTING )

राजस्थान में 23 की जगह 25 नवम्बर को मतदान

EC राजीव कुमार ने 9 अक्टूबर को PC में किया था तारीख का ऐलान (VOTING )

क्या चुनाव आयोग को था किरकिरी का डर?

 

जयपुर। राजस्थान में आखिर पहले क्यों 23 नवम्बर को मतदान की तारीख चुनाव आयोग ने घोषित की थी। क्या चुनाव आयोग को देशभर में होने वाले विवाहों के इस अबूझ सावे के बारे में नहीं थी जानकारी। जानकार सूत्रों ने किया खुलासा कि आखिर क्यों चुनाव आयोग से राजस्थान में (VOTING) की तारीखों को लेकर गफलत हुई।

दरअसल 23 नवम्बर को देशभर में विवाह और मांगलिक कार्यों का अबूझ सावा होता है। इस दिन राजस्थान में भी हजारों की संख्या में शादियां होती हैं और इस बार भी राजस्थान में करीब 32हजार शादियां एक दिन में होंगी। चूंकि राजस्थान परम्पराओं को निभाने वाले प्रदेश है इसलिए यहां रीति-रिवाज और परम्पराओं को ध्यान में शादी-ब्याह और मांगलिक कार्य होते हैं।

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डेट नहीं बदलती तो वोटिंग प्रतिशत गिर जाती राजस्थान में (VOTING)

अबूझ सावों के चलते राजस्थान में 23 नवम्बर को चुनावों में लोगों का कम आना और वोटिंग प्रतिशत गिरना तय था। चुनावी तारीखों के ऐलान के बाद जब चुनाव आयोग तक इस पर ऑब्जक्शन पहुंचने लगे तब जाकर EC को गलती का अहसास हुआ और तभी आनन-फानन में चुनाव आयोग ने अपनी भूल सुधारते हुए तुरत-फुरत में राजस्थान में (VOTING) तारीख को 23 की जगह 25नवम्बर करने का ऐलान कर दिया। जानकारों की मानें तो राजस्थान में चुनाव की तारीख नहीं बदलती तो इसका बड़ा खामियाजा चुनाव आयोग और भाजपा दोनों का उठाना पड़ सकता था।

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चुनाव आयोग पर उठ रहे सवाल

राजस्थान में चुनाव की तारीख 23 नवम्बर को घोषित करने के बाद से ही लोगों में ये माहौल बन गया था कि मतदान करने जाएंगे या शादी समारोह में मौजूद रहेंगे। सूत्रों की मानें तो लोगों में चर्चा है कि क्या चुनाव आयोग तारीखों की घोषणा करने से पहले जब राजस्थान में दौरा करके गया था या देश के अन्य चार और राज्यों में दौरा करके आया था तब उसे यह नहीं ध्यान रहा कि 23 नम्बर को देशभर में शादी और मांगलिक कार्यों का अबूझ सावा है। इस दिन मतदान कैसे होगा, लोग शादी समारोह में जाएंगे तो (VOTING) कैसे देने आएंगे? लोगों के मन में ये बात घूमने लगी थी कि क्या चुनाव आयोग ने नींदों में राजस्थान में चुनावों की तारीख का ऐलान किया। क्या चुनाव आयोग भारत के रीति-रिवाजों और महत्वपूर्ण तारीखों को भी नहीं समझ पाया।

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श्राद्ध पक्ष के चलते पहले ही लेट हो गया टिकट वितरण

राजस्थान में अभी तक उम्मीदवारों की लिस्ट पूरी तरह से घोषित नहीं हो पाई है। यानि राजस्थान में अभी तक उम्मीदवारों का चयन कर राजनीतिक दलों ने उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया है। ऐसे में अब राजस्थान में दो दिन आगे बढ़ने से चुनाव प्रचार के लिए दो दिन का समय और बढ़ गया है।

भाजपा चल रही कांग्रेस-अन्य पार्टियों से आगे (VOTING)

दरअसल राजस्थान सहित मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में भाजपा ने उम्मीदवारों का ऐलान कर पहल कर दी है। वहीं ये उम्मीदवार भी अपने टिकट फाइनल होते ही प्रचार-प्रसार में जुट गए हैं। इधर अब अन्य राजनीतिक पार्टियां भी जोर शोर से माथापच्ची कर श्राद्ध पक्ष खत्म होते ही अपने अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर देंगी।

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बहरहाल राजस्थान में माहौल पूरी तरह से चुनावी हो चुका है। शतरंज की बिसातें बिछ चुकी हैं नवरात्र शुरू होते ही शह और मात का ये खेल और दिलचस्प होने वाला है। कांग्रेस ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। पितृपक्ष 14 अक्टूबर को खत्म हो रहे हैं और 15 से नवरात्रा स्थापना है इसी दिन से न सिर्फ राजस्थान बल्कि अन्य प्रदेशों में भी चुनावी तैयारियां और तेज हो जाएंगी। फाइनली चुनाव आयोग ने भी राजस्थान में चुनावी डेट बदलकर राहत की सांस ली है। आयोग भी चाहता है कि मतदान के इस पर्व में लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लें और 100 फीसदी (VOTING) कर इसे सफल बनाएं।

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