NMC की नई गाइडलाइन, 2 साल के अनुभव पर असिस्टेंट और 10 साल पर एसोसिएट प्रोफेसर…

NMC की नई गाइडलाइन, 2 साल के अनुभव पर असिस्टेंट और 10 साल पर एसोसिएट प्रोफेसर…

चिकित्सा शिक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में एनएमसी का बड़ा कदम

मेडिकल कॉलेजों के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) जारी किए नए नियम

अब 2 साल के अनुभव पर असिस्टेंट प्रोफेसर और 10 साल पर एसोसिएट प्रोफेसर की नियुक्ति संभव

उदयपुर के गीतांजली, जीबीएच, पेसिफिक, अनन्ता, आरएनटी पर क्या पड़ेगा असर…?

उदयपुर के गीतांजली, जीबीएच, पेसिफिक, अनन्ता, आरएनटी कॉलेज में हैं एमबीबीएस की 1150 सीटें 

सीनियर रेजिडेंसी की अनिवार्यता समाप्त, बीसीएमआर कोर्स रहेगा जरूरी

एमबीबीएस सीटें 2 लाख के पार, NEET-UG में 40 लाख विद्यार्थी होंगे शामिल

75 हजार नई मेडिकल सीटों की घोषणा, नॉन-टीचिंग हॉस्पिटल्स को मिलेगा टीचिंग इंस्टीट्यूट का दर्जा

उदयपुर के मेडिकल छात्रों को भी मिलेगा सीधा लाभ

 

विजय श्रीवास्तव,

जयपुर, (dusrikhabar.com)। नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने भारत में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा और ऐतिहासिक सुधार करते हुए “चिकित्सा संस्थान विनियम संकाय योग्यता-2025” (Medical Institution Regulations Faculty Qualification – 2025) अधिसूचित किया है। इन नियमों के तहत अब चिकित्सकीय शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया सरल और अधिक सुलभ हो गई है।

अब दो साल के अनुभव पर बन सकेंगे असिस्टेंट प्रोफेसर

नए नियमों के अनुसार, जिन डॉक्टरों के पास 2 वर्ष का अनुभव है, उन्हें अब मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्त किया जा सकेगा। हालांकि, इन नियुक्तियों के लिए “बेसिक कोर्स इन बायोमेडिकल रिसर्च (BCMR)” करना अनिवार्य होगा।

10 साल के अनुभव पर मिलेगा एसोसिएट प्रोफेसर का दर्जा

जिन डॉक्टरों को 10 वर्षों का कार्यानुभव है, वे सीधे एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर नियुक्त किए जा सकते हैं। इस नियम के अंतर्गत सीनियर रेजिडेंसी की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है, जिससे बड़ी संख्या में अनुभवी चिकित्सकों को उच्च शिक्षण पदों तक पहुंचने का अवसर मिलेगा।

चिकित्सा शिक्षा में तेजी से होगा विस्तार

शिक्षा विशेषज्ञ देव शर्मा के अनुसार, अब नए गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेजों को एमबीबीएस और पीजी कोर्स एक साथ शुरू करने की अनुमति दी जाएगी। साथ ही एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, बायोकेमेस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी व फार्माकोलॉजी जैसे विभागों में MSC/PhD धारक विशेषज्ञों को भी नियुक्त किया जा सकेगा।

वर्तमान में एमबीबीएस सीटों की संख्या 2 लाख के पार जा रही है। साथ ही NEET-UG में शामिल होने वाले विद्यार्थियों की संख्या 40 लाख तक पहुंचने की संभावना है, जो इस क्षेत्र में गहरी प्रतिस्पर्धा और अवसर दोनों का संकेत है।

5 साल में 75 हजार नई मेडिकल सीटें होंगी शामिल

केंद्र सरकार ने हाल ही में अगले पांच वर्षों में 75,000 नई मेडिकल सीटों को जोड़ने की घोषणा की है। इसे ध्यान में रखते हुए 5 जुलाई को एनएमसी द्वारा संकाय योग्यता-2025 अधिसूचना जारी की गई।

नए नियमों के अनुसार, 220 से अधिक बेड वाले नॉन-टीचिंग गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स को टीचिंग इंस्टीट्यूट का दर्जा मिलेगा। इससे उदयपुर जैसे शहरों में पढ़ रहे 4,600 MBBS और 2,000 PG छात्र लाभान्वित होंगे। यह बदलाव उन संस्थानों को भी राहत देगा जो अभी तक फैकल्टी और टीचिंग हॉस्पिटल की शर्तों में उलझे हुए थे।

उदयपुर के इन कॉलेजों को होगा प्रत्यक्ष लाभ

उदयपुर में आरएनटी, गीतांजली, पेसिफिक, अमेरिकन और अनंता मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 1150 सीटें हैं। हर साल करीब 4600 छात्र एमबीबीएस करते हैं, वहीं 2000 छात्र पीजी में शोध करते हैं। NMC की नई नीति इन संस्थानों के लिए संजीवनी साबित होगी।

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