राजस्थान के इतिहास का नया पन्ना दिल्ली में…! पार्वती-कालीसिंध-चंबल

राजस्थान के इतिहास का नया पन्ना दिल्ली में…! पार्वती-कालीसिंध-चंबल

ईआरसीपी (ERCP) पर राजस्थान और मध्यप्रदेश में एमओयू साइन

मुख्यमंत्री भजनलाल और मोहन यादव ने किए हस्ताक्षर

एमपी में सात बांध बनेंगे, बाढ़ और पेयजल की समस्या होगी दूर

 

विजय श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार 

जयपुर। राजस्थान के इतिहास में आज 28जनवरी को एक और नया पन्ना जुड़ गया। राजस्थान और मध्यप्रदेश राज्यों के बीच दिल्ली में आज एक बैठक में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल के बीच एक महत्वपूर्ण एमओयू पर समझौता हुआ।

read also:लोकसभा में भाजपा को 25 सीटें, अमृतकाल का बन रहा योग

दिल्ली में बन गई एमपी-राजस्थान की बात

इसे अगर यूं कहें कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) में पानी के बंटवारे पर बात बन गई है तो गलत नहीं होगा। दिल्ली में केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत (Gajendra sing) की मौजूदगी में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों भजनलाल शर्मा (bhajan lal) और मोहन यादव (mohan yadav) बीच एमओयू (MOU) साइन किया गया। रविवार शाम एमपी और राजस्थान के बीच पार्वती-कालीसिंध-चम्बल रिवर लिंक परियोजना पर सहमति बन गई है। अब चम्बल (chambal), पार्वती (parvati) और कालीसिंध (kalisindh) नदी को जोड़कर दोनों राज्यों 26 जिलों की जनसंख्या को पानी पहुंचाने का सपना साकार होगा। यानी राजस्थान के 13और मध्यप्रदेश के 13 जिलों की पानी की प्यास अब बुझ सकेगी।

read also:कांग्रेस के ये दिग्गज नेता जा रहे भाजपा में…! बिहार में किसको झटका..

वाजपेयी का सपना पूरा, राजस्थान के लिए साबित होगा वरदान

इस मौके पर दिल्ली पहुंचे राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा-ईआरसीपी योजना (ERCP) लम्बे समय से लम्बित चल रही थी। ऐसे में आज इसका एमओयू होना हमारे लिए खुशी की बात है। इससे पहले कभी मध्यप्रदेश तो कभी राजस्थान की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने इसे उलझाने की काफी कोशिश की थी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (pm narendra modi) के नेतृत्व में योजना को मूर्त रूप देकर आगे बढ़ाया है। इस योजना से राजस्थान का काफी बड़ा भू-भाग सिंचित होगा। ऐसे में यह योजना पूर्वी राजस्थान के लिए एक बहुत बड़ा वरदान साबित होने वाली है।

मुख्यमंत्री भजनलाल ने इस मौके पर पत्रकारों से कहा कि हमने संकल्प पत्र में प्रदेशवासियों से ईआरसीपी सहित जो वादे किए हैं, उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में मिलकर परिणीति तक पहुंचाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ईआरसीपी से राजस्थान के 13 जिलों (झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर, जयपुर, अजमेर एवं टोंक जिलों) को पानी की समस्या से राहत मिलेगी।

यह परियोजना पूर्वी राजस्थान के लोगों के लिए वरदान साबित होगी। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ( Atal Bihari Vajpayee) का नदी से नदी जोड़ने का सपना भी साकार होगा।

read also:कच्छ रन की तर्ज पर विकसित होगा सांभर फेस्टिवल…!

दोनों राज्यों में औद्योगिक और पर्यटन विकास बढ़ेगा

दिल्ली में मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव ने एमओयू पर हस्ताक्षर के बाद कहा कि हमारा चम्बल का बेल्ट खेती की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। इस योजना के सही ढंग से लागू होने से खेती के साथ ही औद्योगिक विकास और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। योजना का सबसे ज्यादा लाभ मालवा और चम्बल बेल्ट की आबादी को मिलेगा।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा- राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच कुछ मुद्दों पर सहमति भी थी। आज जब मैं जयपुर पहुंचा, तब मेरी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से भी इस मुद्दे पर बात हुई, लेकिन सहमति नहीं बन पाई। दिल्ली में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की मध्यस्थता के बाद ये संभव हो पाया है।

आज का समझौता दोनों राज्यों के लिए स्वर्णिम

ERCP पर समझौते के बाद केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह ने कहा कि आज का समझौता दोनों राज्यों के लिए स्वर्णिम दिन है। योजना से दोनों राज्यों की 5 लाख 60 हजार हेक्टेयर नई जमीन पर सिंचाई हो सकेगी। साथ ही अगले 30 से 40 सालों तक पेयजल की समस्या का भी समाधान होगा। इस योजना से न केवल हम बहुत बड़े धरातल के भाग को सूखे से बचा पाएंगे बल्कि देश के कई राज्यों को बाढ़ से भी बचाएंगे।

read also:अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का पूरा कार्यक्रम

दिल्ली में बैठक से पहले जयपुर में हुई दोनों सीएम की बैठक

दिल्ली में योजना पर हस्ताक्षर के लिए सहमति बनने से पहले रविवार सुबह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जयपुर पहुंचकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ बैठक की थी। मोहन यादव और राजस्थान सीएम भजनलाल शर्मा ने जयपुर में संयुक्त प्रेसवार्ता कर ईआरसीपी (ERCP) पर काम आगे बढ़ाने की बात कही थी। दोनों राज्य पानी के बंटवारे पर विवाद को सुलझाने को राजी होने की बात कहकर दोनों मुख्यमंत्री साथ में दिल्ली रवाना हो गए थे।

परियोजना के तहत मध्यप्रदेश में 7 बांध बनेंगे

एमपी सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह परियोजना शिवपुरी, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, इंदौर, देवास सहित कई जिलों में पानी की आपूर्ति के साथ उद्योगों की जरूरतों को पूरा करेगी। योजना के तहत 7 बांध बनाए जाएंगे। डॉ. यादव ने कहा कि इस परियोजना से दोनों ही राज्यों में औद्योगिक निवेश, पर्यटन और शैक्षणिक संस्थाओं को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, सिंचाई क्षेत्र और अधिक समृद्ध होगा।

मप्र-राजस्थान के बीच यह था विवाद

गौरतलब है कि ईआरसीपी (ERCP) के लिए बांध बनाने और पानी के बंटवारे को लेकर दोनों राज्यों में विवाद चल रहा था। राजस्थान सरकार का तर्क था कि 2005 में हुए समझौते के अनुसार ही बांध बना रहे हैं। यदि परियोजना में आने वाले बांध और बैराज का डूब क्षेत्र दूसरे राज्य की सीमा में नहीं आता हो तो ऐसे मामलों में राज्य की सहमति जरूरी नहीं है। मध्यप्रदेश सरकार ने ईआरसीपी के लिए एनओसी नहीं दी। राजस्थान सरकार ने खुद के खर्च पर ईआरसीपी को पूरा करने का फैसला किया। बांध बनने लगा तो मध्यप्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

read also:ERCP पर सीएम गहलोत का आभार क्यों?

सरकार बनने के बाद सुलह की कोशिश शुरू हुई

विधानसभा चुनावों के बाद मध्यप्रदेश और राजस्थान में भाजपा की सरकारें बनने के बाद दोनों राज्यों के बीच ईआसीपी को लेकर कवायद तेज हुई।

पिछले महीने ही ईआरसीपी पर दिल्ली में जल शक्ति मंत्रालय में अहम बैठक भी हुई थी। जिसमें राजस्थान और मध्यप्रदेश के अधिकारी शामिल हुए थे और आज दोनों राज्यों के बीच ईआरसीपी पर समझौता हो पाया है।

बहरहाल ERCP पर समझौते के बाद से एक बात तो तय हो गई है कि अब जल्द ही राजस्थान से पेयजल की समस्या का अंत होगा। वहीं पूरे साल प्रदेश के पूर्वी हिस्से में सिंचाई के लिए पानी की समस्या का समाधान निकलने के लिए साथ-साथ कई राज्यों और जिलों को बाढ़ की त्रासदी से भी बचाया जा सकेगा।

CATEGORIES
TAGS
Share This

COMMENTS

Wordpress (0)
Disqus (0 )

अपने सुझाव हम तक पहुंचाएं और पाएं आकर्षक उपहार

खबरों के साथ सीधे जुड़िए आपकी न्यूज वेबसाइट से हमारे मेल पर भेजिए आपकी सूचनाएं और सुझाव: dusrikhabarnews@gmail.com