नीरजा मोदी स्कूल केस: बुलिंग पर चुप्पी क्यों? शिक्षा विभाग की भूमिका पर उठे गंभीर सवाल

नीरजा मोदी स्कूल केस: बुलिंग पर चुप्पी क्यों? शिक्षा विभाग की भूमिका पर उठे गंभीर सवाल

नीरजा मोदी स्कूल, अमायरा आत्महत्या प्रकरण,

50 दिन की चुप्पी, फिर अधूरा नोटिस: बुलिंग पर पर्दा डालने के आरोप

CBSE ने माना बुलिंग को कारण, शिक्षा विभाग ने नोटिस से किया बाहर

दिखावटी निलंबन या जवाबदेही से बचाव? विभाग–स्कूल साठगांठ पर सवाल

अमायरा मौत मामला: जांच के बजाय ‘डैमेज कंट्रोल’ में जुटा शिक्षा तंत्र

अभिभावक संघ आक्रामक, राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी

नवीन सक्सेना,

जयपुर,dusrikhabar.com। जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में छात्रा अमायरा की दुखद मृत्यु को 50 दिन गुजर जाने के बाद भी राजस्थान शिक्षा विभाग की भूमिका पर सवाल कम होने के बजाय और गहरे हो गए हैं। संयुक्त अभिभावक संघ ने आरोप लगाया है कि शिक्षा विभाग ने जानबूझकर बुलिंग जैसे मूल और गंभीर अपराध को नोटिस से बाहर रखकर स्कूल प्रबंधन को बचाने का प्रयास किया। यह मामला अब केवल लापरवाही नहीं, बल्कि विभाग–स्कूल साठगांठ का खुला प्रमाण बनता जा रहा है।

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50 दिन की चुप्पी और दिखावटी कार्रवाई पर सवाल

संयुक्त अभिभावक संघ के अनुसार, सीबीएसई बोर्ड ने इस प्रकरण में स्पष्ट रूप से बुलिंग को छात्रा की मौत का प्रमुख कारण माना था और स्कूल को एक माह की समय-सीमा में नोटिस जारी किया गया था। लेकिन उस समय-सीमा के समाप्त होने के तीन दिन बाद जाकर शिक्षा विभाग की ओर से नोटिस जारी होना, उसकी संवेदनहीनता को उजागर करता है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि विभाग ने अपने नोटिस में बुलिंग जैसे मुख्य मुद्दे को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया। संघ का कहना है कि यह महज प्रशासनिक चूक नहीं, बल्कि मानसिक प्रताड़ना को वैध ठहराने जैसा अपराध है।

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जांच समिति भी असहज, फिर भी सच दबाने की कोशिश

सूत्रों के अनुसार, शिक्षा विभाग द्वारा गठित जांच समिति के कुछ सदस्य पहले ही दिन स्कूल प्रशासन और स्टाफ के व्यवहार से आहत हो चुके थे। इसके बावजूद जांच को सीमित दायरे में समेट दिया गया। इससे यह संकेत मिलता है कि विभाग सत्य की खोज नहीं, बल्कि डैमेज कंट्रोल की भूमिका में काम कर रहा है। संघ ने यह भी सवाल उठाया कि 17 दिसंबर को नोटिस जारी होने के बावजूद उसे सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया और दो शिक्षिकाओं—क्लास टीचर पुनीता शर्मा व गणित शिक्षिका रचना—का निलंबन 50 दिन बाद क्यों किया गया। क्या यह सिर्फ दबाव में की गई दिखावटी कार्रवाई नहीं? (Neerja Modi School Case: Why the Silence on Bullying? Serious Questions Raised About the Education Department’s Role)

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संयुक्त अभिभावक संघ की चेतावनी और मांगें

प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि जब सीबीएसई बोर्ड बुलिंग को इस त्रासदी का अहम कारण मान चुका है, तब शिक्षा विभाग द्वारा उसे नोटिस से बाहर रखना बेहद शर्मनाक है।
संघ का स्पष्ट मत है कि यदि समय रहते बुलिंग की शिकायतों पर ठोस कार्रवाई होती, प्रभावी एंटी-बुलिंग नीति लागू होती और स्कूलों की नियमित निगरानी होती, तो यह हृदयविदारक घटना टाली जा सकती थी। संघ ने चेतावनी दी है कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती, तब तक अभिभावकों की आवाज को सड़क से सदन तक बुलंद किया जाएगा और आवश्यकता पड़ने पर राज्यव्यापी आंदोलन भी किया जाएगा।

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