“नाथ के द्वारे शिव”, नाथद्वारा में सबसे ऊंची शिव प्रतिमा…

“नाथ के द्वारे शिव”, नाथद्वारा में सबसे ऊंची शिव प्रतिमा…

क्या आप जानते हैं, विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा नाथद्वारा में ही क्यों…?

“विश्वास स्वरूपम” (Vishwas Swaroopam) शिव प्रतिमा में छिपे हैं कई रहस्य”

नाथद्वारा में स्थापित करने के पीछे है एक रोमांचक कहानी

 

नवीन सक्सेना,

जयपुर। राजस्थान के श्रीनाथजी (Shreenathji) के द्वारे यानी नाथद्वारा धाम (Nathdwara Dham) में विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा (world’s tallest Shiva statue) स्थापित हो चुकी है, इस प्रतिमा के बारे में जितना भी लिखा जाए कम है। इस प्रतिमा की विशेषताएं और इसको तराशने की पीछे की कहानी भी काफी रोमांचकारी है। नाथद्वारा की गणेश टेकरी (Ganesh Tekri) पहाड़ी पर स्थित विश्व की सबसे ऊंची ध्यान स्वरूप में शिव प्रतिमा को “विश्वास स्वरूपम” (Vishwas Swaroopam) कहा गया है। रामकथा वाचक मोरारी बापू ने नाथद्वारा में 2012 में शिव प्रतिमा का शिलान्यास किया था। 

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विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा की विशेषताएं

भारत ही नहीं विश्व में सबसे ऊंची इस शिव प्रतिमा के बारे में जितनी भी बात की जाए कम हैं। शिव की यह ध्यान रूप में प्रतिमा विश्व में कहीं भी देखने को नहीं मिलेगी। राजस्थान के पिलानी में रहने वाले नरेश कुमार शर्मा इस प्रतिमा के मूर्तिकार हैं। बकौल नरेश यह प्रतिमा इतनी जबरदस्त मजबूत है कि ढाई हजार साल तक यह ऐसे ही स्थापित रहेगी। धूल, मिट्टी, बारिश, ओले और यहां तक कि तूफान में भी इसे कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।

 

विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा से बढ़े पर्यटक

यूं तो धार्मिक नगरी नाथद्वारा में श्रीनाथ जी के दर्शन करने हर साल लाखों लोग आते हैं। इन पर्यटकों के यहां पहुंचने से श्रीनाथजी में लाखों लोग धार्मिक पर्यटन के लिए आते हैं जिससे प्रशासन और पर्यटन विभाग को जहां करोड़ों की आय होती है वहीं राजस्थान की कला संस्कृति और सभ्यता को पर्यटक पास से जान पाते हैं। ऐसे में राजस्थान में पर्यटन विभाग ने भी यहां पर्यटकों के लिए कई व्यवस्थाएं की हैं। 

 

मूर्ति की खास बातें:

  • 251 फीट की मूर्ति का स्वरूप तैयार होते होते यह 369फीट तक पहुंच गया।
  • विश्व की सबसे ऊंची देव प्रतिमा को नाम दिया गया है स्टेच्यू ऑफ बिलीव।
  • 10वर्षों में बनकर तैयार हुई विश्व की सबसे बड़ी शिव प्रतिमा
  • 70 फीट ऊंचा है भगवान शिव का चेहरा
  • शिव प्रतिमा पर गंगाजल की जलधारा लगाए जाने से ऊंचाई 369फीट तक पहुंची
  • पहले शिव प्रतिमा की ऊंचाई 351 फीट ही हुई थी तय
  • नाथद्वारा में स्थापित शिव मूर्ति के 20 किमी दूरी से हो जाते हैं दर्शन
  • शिव प्रतिमा में 30हजार टन पंचधातु का किया गया प्रयोग
  • करीब 90 इंजीनियरों और 900शिल्पकारों की मदद से तराशी गई प्रतिमा
  • करीब 25 फीट ऊंचे नंदी की मूर्ति भी लगी है शिव प्रतिमा के सामने

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…. इनका जवाब भी जानेंगे “नाथ के द्वारे शिव” सीरीज में  

  1. मिराज ग्रुप (Mirage Group) ने क्यों लिया शिव मूर्ति की स्थापना का निर्णय ?
  2. मिराज ग्रुप के क्या थे लोगों-प्रशासन से वादे ?
  3. कैसे हुआ शिव प्रतिमा लगाने का सपना साकार ?
  4. किस जनप्रतिनिधि और धर्म गुरु हैं इसकी पृष्ठभूमि में ?
  5. स्थानीय लोगों को और सरकार को क्या मिला इस प्रोजेक्ट से ?
  6. मिराज ग्रुप को इससे क्या हुआ फायदा ?
  7. पर्यटकों के लिए कितना है टिकट, क्या होता है इससे आने वाले रेवेन्यू का ?
  8. कितने समय में बनकर तैयार होनी थी शिव प्रतिमा, क्यों लगे 10वर्ष, क्या क्या फंसे से पेच ?
  9. पर्यटन विभाग का इसमें क्या रहा सहयोग और क्या हुआ फायदा?
  10. मोरारी बापू ने ही क्यों किया मिराज ग्रुप द्वारा स्थापित शिव प्रतिमा का शिलान्यास और लोकार्पण ?
  11. योग गुरु बाबा रामदेव को क्या नजर आया नाथद्वारा में, रामदेव के लोकार्पण समारोह में आने के पीछे क्या क्या रहे कारण?

 

हम आपको बताएंगे इस पूरी सीरिज में क्या है इसके पीछे की पूरी कहानी…  पढ़ते रहिए “नाथ के द्वारे शिव” सीरिज की खबरें।

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