राजस्थान में गिरते जल स्तर पर मीडिया राउंड टेबल टॉक, वर्षा जल संरक्षण की अपील…

राजस्थान में गिरते जल स्तर पर मीडिया राउंड टेबल टॉक, वर्षा जल संरक्षण की अपील…

विश्व जल दिवस के अवसर पर जल संरक्षण पर मीडिया राउंड टेबल टॉक

जल निदेशक मोहम्मद जुनैद ने की वर्षा जल संरक्षण की अपील…

फ्यूचर सोसाइटी और यूनिसेफ के सहयोग से मीडिया इंटरेक्शन सम्पन्न

विजय श्रीवास्तव,

जयपुर,(dusrikhabar.com)। विश्व जल दिवस के अवसर पर फ्यूचर सोसाइटी द्वारा शुक्रवार को “जल संरक्षण” विषय पर मीडिया राउंड टेबल अधिवेशन का आयोजन किया गया। यूनिसेफ के सहयोग से हुए इस आयोजन में मुख्य अतिथि के तौर पर जल विकास एवं भू संरक्षण विभाग सचिव IAS मोहम्मद जुनैद मौजूद रहे। इसी के साथ यूनिसेफ राजस्थान के ऑफिस इंचार्ज रुषभ हेमानी एवं वार्ता विशेषज्ञ अंकुश सिंह भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बने।

राजस्थान का गिरता जल स्तर चिंता का विषय: IAS  जुनैद 

पत्रकारों से वार्ता के दौरान मोहम्मद जुनैद ने राजस्थान के गिरते जल स्तर को चिंता का विषय बताया एवं जनता से वर्षा जल के संरक्षण की अपील कि। सरकार द्वारा जल संरक्षण हेतु किए गए प्रयासों पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने भी जल की महत्वता को समझते हुए जल संरक्षण के बजट में बढ़ोत्तरी की है।

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यूनिसेफ के रुषभ हेमानी ने प्रजेंटेशन के माध्यम से जल संरक्षण के तरीके, इसकी ज़रूरत एवं जागरुकता हेतु मीडिया की भूमिका को विस्तार से समझाते हुए सक्रिय मीडिया के प्रयासों और नवाचारों के बारे में पत्रकारों से उनकी राय जानी।

इन्होंने साझा किए अपने प्रयास और अनुभव 

आपको बता दें कि इस कार्यक्रम में वरिष्ठ क्लाइमेट पत्रकार शोएब, पी.एच.ई.डी विभाग से सतीश जैन, वाटर शेड विभाग से पी.के गुप्ता, भू जल विभाग से विनय भारद्वाज सहित जहोता सरपंच श्याम प्रताप सिंह, क्लाइमेट चैंपियन मिशिका, वाग्धारा संस्थान से जयेश, उन्नति संस्थान से शिरीष पुरोहित एवं ग्राम गौरव संस्थान से जगदीश एवं राधाकृष्ण  पैनलिस्ट के तौर पर जुड़े एवं पत्रकारों से उन्होंने अपने जल संरक्षण के लिए किए गए प्रयासों को साझा किया।

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2050 में सूख जाएगा जलमहल, जयपुर में पानी के लिए त्राहिमाम…

वरिष्ठ पत्रकार शोएब ने आगामी 25 वर्षों में यानि 2050 में राजस्थान में पानी और क्लाइमेट को लेकर अपने शोध के आधार पर काल्पनिक कहानी के माध्यम से इस विषय की गंभीरता को समझाते हुए पत्रकारों को इस क्षेत्र में रिपोर्टिंग के लिए कई विषयों और उनके चयन के बारे में बताया। शोएब के जल संरक्षण और उसके सदुपयोग को लेकर अपने विचार रखे उन्होंने WWF, जाफरी और आफरी (जोधपुर) संस्थान सहित राजस्थान विश्वविद्यालय के आंकड़ों पर बात करते हुए कहा कि 2040 तक भारत के कुछ जिलों में पानी की बड़ी समस्या उत्पन्न हो सकती है उन जिलों में जयपुर भी शामिल है।

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उन्होंने अपनी कल्पना शक्ति और आकंड़ों का जिस तरह से मेल कर राजस्थान में पानी और पर्यावरण का जो खाका या परिदृष्य इस टॉक शो में रखा उस पर यहां मौजूद सभी श्रोता, विशेषज्ञ एवं पत्रकारों को सोचने पर मजबूर कर दिया। 

बढ़ रही है सेंड स्ट्रॉम की फ्रिकवेंसी

शोएब ने बताया कि आफरी-जोधपुर की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में सेंड स्ट्रॉम की फ्रिकवेंसी बढ़ चुकी है, यह जयपुर को हिट करने लगी है और धीरे धीरे यह दिल्ली की तरफ बढ़ती जा रही है। अपने संबोधन में उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने पहली बार ग्रीन बजट पेश किया है जो राजस्थान के क्लाइमेट को सुधारने की दिशा में एक सार्थक पहल है।

कार्बन फुटप्रिंट को घटाने के प्रयास में सरकार की पहल सराहनीय: शोएब

शोएब ने कहा कि सरकार ने वादा किया है कि वह विभाग वाइज कार्बन फुटप्रिंट को कम करने का प्रयास करेगी।आपको बता दें कि कार्बन फुट प्रिंट बिजली, हीटिंग और परिवहन आदि के लिए जीवाश्म ईंधन के प्रयोग से रोजमर्रा के जीवन में उत्पादित ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा से संबंधित है। कार्बन फुटप्रिंट से ग्रीनहाउस गैसों के कुल उत्सर्जन की मात्रा का अनुमान लगाया जाता है – हमारे वायुमंडल में वे गैसें जो ऊष्मा को रोकती और छोड़ती हैं, तथा जलवायु परिवर्तन में योगदान करती हैं।

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उन्होंने सरकार की 2017 में क्लाइमेट चेंज पर जारी पॉलिसी का जिक्र करते हुए कहा कि इस बार भी सरकार ने एक बार फिर क्लाइमेट को ध्यान में रखते हुए पॉलिसी जारी की है जो संयुक्त प्रयासों के बाद सार्थक हो सकती है।

कैप्शन लाइन से लोगों को अवेयर करने की अपील

वाटर शेड विभाग से पी.के गुप्ता ने कहा कि लोगों के संयुक्त प्रयास से ऐसी स्थिति को आने से पहले ही रोका जा सकता है। हमें क्लाइमेट के बारे में भी सोचने की जरूरत है। गुप्ता ने पत्रकारों से आह्वान किया कि वे अपने अपने मीडिया माध्यमों से जल और क्लाइमेट संरक्षण को लेकर कैप्शन लाइन द्वारा लोगों को अवेयर करने का निवेदन किया। 

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परिंदों के लिए कैप्शन लाइनों के उदाहरण…

  • अपने घरों की छतों पर रखें दाना-पानी, ताकि पक्षियों को न हो जीवन हानि…
  • जिसकी जैसी सोच वो वैसी कहानी रखता है, कोई पक्षियों के लिए बंदूक तो कोई परिंदों के लिए पानी रखता है…
  • गर्मी का आगाज है बढ़ रहा है धरती का पारा, ऐसे मौसम में बना है छोटा सा फर्ज हमारा, कुछ पानी रखें छत और मुंडेर पर अपनी, ताकि प्यास बुझा सके कोई परिंदा प्यारा…

अधिवेशन के आखिरी में वरिष्ठ पत्रकार एवं फ्यूचर सोसाइटी की सचिव डॉ मीना शर्मा ने मीडिया टॉक शो में भाग लेने वाले वक्ताओं, पत्रकारों और मौजूद लोगों का धन्यवाद किया।  

गौरतलब है कि जे .एल.एन मार्ग स्थित इंदिरा गांधी पंचायत भवन में आयोजित हुए इस अधिवेशन में 50 से भी ज़्यादा पत्रकारों एवं पत्रकारिता के छात्रों ने हिस्सा लिया। फ्यूचर सोसाइटी की उपाध्यक्ष रविता शर्मा ने बताया कि 22 मार्च विश्व जल दिवस के मौक़े पर इस राउंड टेबल कांफ्रेंस का आयोजन हुआ। इसके ज़रिए फ्यूचर सोसाइटी का उद्देश्य जल संरक्षण के प्रति पत्रकारों में जागरुकता पैदा करना है जिससे वह अपनी कलम के माध्यम से इस विषय की गंभीरता को आम जान तक पहुंचा सके।

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