
कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय: राजस्थान को ग्लोबल मेडिकल टूरिज्म हब बनाने की तैयारी…
मेडिकल टूरिज्म के लिए ‘हील इन राजस्थान’ नीति को मिली मंजूरी
नगरीय विकास की नई टाउनशिप नीति और गैस डिस्ट्रीब्यूशन नीति को भी मिली मंजूरी
आरपीएसी की सदस्यता में की जायेगी बढ़ोतरी
विजय श्रीवास्तव,
जयपुर,(dusrikhabar.com)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित मंत्रिमण्डल की बैठक में प्रदेश में विकास की नई दिशा तय करने वाले अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। इनमें प्रमुख रूप से चिकित्सा पर्यटन, नगरीय नियोजन, ऊर्जा क्षेत्र, कर्मचारी कल्याण और भर्ती प्रक्रियाओं में सुधार शामिल हैं।
मेडिकल टूरिज्म को मिलेगा नया आयाम: ‘हील इन राजस्थान नीति-2025’
राजस्थान को मेडिकल टूरिज्म का वैश्विक केंद्र बनाने के उद्देश्य से ‘हील इन राजस्थान नीति-2025’ को मंजूरी दी गई। इस नीति के तहत निवेशकों को RIPs, पर्यटन नीति और औद्योगिक विकास नीति के तहत प्रोत्साहन मिलेंगे। टेलीमेडिसिन, टेली कंसल्टेशन, आयुष प्रणाली और मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल्स को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार विकसित किया जाएगा। एमवीटी पोर्टल और मोबाइल ऐप भी विकसित किए जाएंगे।
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टाउनशिप पॉलिसी-2024 से नियोजित शहरीकरण को बढ़ावा
नवीन टाउनशिप नीति-2024 के तहत राज्य स्तरीय समिति का गठन होगा। सभी आवासीय योजनाओं में पार्क, खेल मैदान, सुविधा क्षेत्र और वर्षा जल संचयन अनिवार्य होगा। श्रमिकों के लिए भूखंड आरक्षित होंगे और कमजोर वर्ग के लिए आवंटन स्थानीय निकायों के माध्यम से किया जाएगा।
सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नीति से मिलेगा हर घर को प्राकृतिक गैस
राजस्थान सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नीति-2025 को मंजूरी दी गई, जिससे PNG और CNG नेटवर्क का विस्तार होगा। निवेश आकर्षित करने हेतु अनुमतियों की प्रक्रिया को सरल और समयबद्ध बनाया गया है। नीति 2029 तक प्रभावी रहेगी।
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ऊर्जा क्षेत्र में संयुक्त उपक्रमों से आएगा 11,200 करोड़ का निवेश
इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड, ऑयल इंडिया लिमिटेड और गेल इंडिया के साथ JV कंपनियों के गठन को मंजूरी दी गई। इनसे 1750 मेगावाट की सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित होंगी। धौलपुर और रामगढ़ गैस आधारित पावर प्लांट्स को भी JV को सौंपा जाएगा।
भर्ती एवं पदोन्नति में लचीलापन, रिक्तियों में 100% तक वृद्धि
प्रक्रियाधीन भर्तियों में रिक्तियों की संख्या में 100% वृद्धि की जा सकेगी। साथ ही, पदोन्नति के लिए वांछित अनुभव में दो वर्षों का शिथिलन दिया गया है, जिससे अधिक कार्मिक लाभान्वित हो सकें।
नवीन पदों का सृजन एवं परिवर्तित पदनामों को मिली मान्यता
कृषि, पशुपालन, वाणिज्य, वाहन चालक और चतुर्थ श्रेणी के लिए अनेक पद सृजित और परिवर्तित किए गए। इन्हें अब सेवा नियमों में शामिल किया जाएगा, जिससे वेतनमान और पदोन्नति का लाभ मिल सकेगा।
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सीएएस हेतु रिफ्रेशर कोर्स की छूट 31 दिसम्बर 2024 तक बढ़ी
यूजीसी के संशोधन के अनुसार उच्च शिक्षा विभाग के शिक्षकों को CAS के तहत रिफ्रेशर कोर्स की अनिवार्यता में छूट दी गई है। अब राज्य सेवा नियमों में संशोधन कर यह लाभ सभी शिक्षकों को मिलेगा।
विभिन्न सेवा नियमों में संशोधन को मिली मंजूरी
प्राध्यापक (कृषि) पद पर अब यूजीसी से मान्यता प्राप्त डिग्री मान्य होगी। जल संसाधन विभाग के पटवारी की योग्यता और चयन प्रक्रिया को राजस्व विभाग के अनुरूप बनाया गया है। जिलेदार के सभी पद अब पदोन्नति से भरे जाएंगे।
आरपीएससी में सदस्यों की संख्या 7 से बढ़ाकर 10 की जाएगी
राजस्थान लोक सेवा आयोग की कार्य क्षमता बढ़ाने हेतु तीन नए पद सृजित किए जाएंगे। इससे आयोग की दक्षता और परीक्षा संचालन की गति में बढ़ोतरी होगी।
स्वच्छ ऊर्जा नीति में संशोधन
1000 मेगावाट या उससे अधिक क्षमता की परियोजनाओं हेतु भूमि सेट-अपार्ट की समयसीमा 9 वर्षों में चरणबद्ध रूप से निर्धारित की गई है।
राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (RIC) का प्रबंधन गवर्निंग बोर्ड से होगा
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 15 सदस्यीय गवर्निंग बोर्ड और कार्यकारी समिति का गठन किया जाएगा। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 6 सरकारी सदस्यों, 6 राज्य सरकार द्वारा नामित सदस्यों, आरआईसी के 2 सदस्यों एवं आरआईसी निदेशक सहित 15 सदस्यीय गवर्निंग बोर्ड का गठन किया जाएगा।
RUHS अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश लाया जाएगा
राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय को एम्स दिल्ली की तर्ज पर उन्नयन कर राजस्थान इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की स्थापना किए जाने की घोषणा की गई थी। इस क्रम में राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम-2005 में आवश्यक संशोधन के लिए राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश-2025 लाया जाएगा। इस निर्णय के फलस्वरूप जयपुर में राजस्थान आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) को एम्स नई दिल्ली की तर्ज पर स्वायत्तशासी संस्थान के रूप में विकसित किया जा सकेगा।
दिव्यांग कार्मिक के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति में शिथिलता
स्थायी पूर्ण दिव्यांगता प्रमाण पत्र में देरी के चलते आश्रित को नियुक्ति नहीं मिल सकी थी। अनुकम्पात्मक नियुक्ति नियम-2023’’ में वांछित शेष 5 वर्ष की सेवा अवधि में अपवादिक शिथिलता देते हुए नियुक्ति की स्वीकृति प्रदान की गई।
महाविद्यालयों के नाम परिवर्तन को स्वीकृति
ओसियां, रायसिंहनगर और फतेहपुर के राजकीय महाविद्यालयों के नामकरण क्रमशः शहीद गोरख राम, श्री गुरु जम्भेश्वर एवं मोदीसन के नाम पर किया गया।
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