जेएलएफ फिल्म लेखक, निर्देशक, निर्माता इम्तियाज अली की सीख: अपने काम से बेहतर बनने का प्रयास करें

जेएलएफ फिल्म लेखक, निर्देशक, निर्माता इम्तियाज अली की सीख: अपने काम से बेहतर बनने का प्रयास करें

जयपुर लिटरेचल फेस्टिवल का सोमवार को हुआ समापन 

अंतिम दिन जरबदस्त रहा फिल्म निर्माता, निर्देशक और लेखक इम्तियाज अली का सेशन 

फेस्टिवल डायरेक्टर्स’ राउंडटेबल एशिया का सबसे बड़ा प्रकाशन सम्मेलन का आयोजन

 

जयपुर,(dusrikhabar.com)। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के 18वें संस्करण के समापन के दिन सोमवार को लेखक, निर्देशक, निर्माता इम्तियाज अली ने ओपन सेशन में अपने अनुभवों को साझा किए। खचाखच भरे सत्र ‘जब वी मेट’ में इम्तियाज अली ने अनुपमा चोपड़ा से बातचीत के दौरान अपने बीस वर्षों के फिल्म निर्देशक, निर्माता और पटकथा लेखक के सफर के अनुभव साझा किए।

लेखक, निर्देशक, निर्माता इम्तियाज अली

सोशल मीडिया लोगों को मूर्ख बनाता है: इम्तियाज अली

लेखक, निर्देशक, निर्माता इम्तियाज अली ने सोशल मीडिया के प्रभावों पर बात की और बताया कि कैसे सोशल मीडिया लोगों को मूर्ख बनाता है, क्योंकि यह हमेशा वही दिखाता है जो आप देखना चाहता है। अली ने कहा, “सफलता वह चीज़ है जिसे लोग पसंद करते हैं या चाहते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि असफलता आपको बहुत कुछ सिखा सकती है।

जीवन केवल सफलता और असफलता तक सीमित नहीं है, यह इस पर भी निर्भर करता है कि आपके रिश्ते कैसे हैं, आप क्या हासिल करना चाहते हैं, आदि। इन सभी चीज़ों पर सफलता या असफलता का असर नहीं पड़ता। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आप अपने काम में लगातार बेहतर बनने की कोशिश करें।”

फेस्टिवल डायरेक्टर्स’ राउंडटेबल एशिया का सबसे बड़ा प्रकाशन सम्मेलन का आयोजन

साथ ही, जयपुर बुकमार्क के दौरान फेस्टिवल डायरेक्टर्स’ राउंडटेबल का आयोजन हुआ, जो एक एशिया का सबसे बड़ा प्रकाशन सम्मेलन है। इस चर्चा में इरेनोसेन ओकोजिए, एलिस मोंग, गोविंद डीसी, जान्हवी प्रसादा, जेनी निवेन, जेसी फ्राइडमैन, जुआन मैनुअल गुइमेरांस, नमिता गोखले, निकोला टक्सवर्थ, ओल्गा ड्रेंडा और शुभ संजा उर्स शामिल थे। नमिता गोखले ने व्यावहारिक दृष्टिकोण रखते हुए विषय पर बात की और आतिउत्साही लोगों व पत्रकारों द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं को संबोधित किया। इरेनोसेन ओकोजिए और ओल्गा ड्रेंडा ने सांस्कृतिक प्रतिनिधित्व के महत्व पर ज़ोर दिया। जुआन मैनुअल गुइमेरांस और शुभा उर्स ने स्थानीय संस्कृति और साहित्यिक परिदृश्य के आपसी संबंधों पर प्रकाश डाला। जान्हवी प्रसादा ने त्योहारों को एक ऐसे अवसर के रूप में देखने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया, जो त्रासदियों से भरी दुनिया से कुछ पल के लिए राहत प्रदान कर सके।

‘पैसिफिज्म इज फॉर लूजर्स’

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की बहुप्रतीक्षित समापन-डिबेट, ‘पैसिफिज्म इज फॉर लूजर्स,’ के लिए एक शानदार पैनल मंच पर मौजूद था, जिसमें मुकुलिका बनर्जी, मनप्रीत वोहरा, गीडियोन लेवी, सलील त्रिपाठी, यारोस्लाव ट्रोफिमोव और जॉर्जिना गोडविन शामिल थे, और इसकी अध्यक्षता एवं संचालन वीर सांघवी ने किया। इस बहस का मुख्य विषय था, “हम जिस टूटी-फूटी दुनिय और संघर्ष के इस युग में हैं, क्या उसमें युद्ध ही एकमात्र विकल्प है?” बहस के दौरान, ट्रोफिमोव ने कहा, “मैं सहमत हूं कि शांतिपूर्ण बदलाव हिंसक समाधानों से कहीं बेहतर है, लेकिन कभी-कभी यह असंभव हो जाता है। मैं मानता हूं कि पैसिफिज्म ताकतवर लोगों का हथियार है, दुर्भाग्यवश कई लोग जो कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, वे ताकतवर नहीं होते।”

“हिंसा बदलाव ला सकती है लेकिन बड़ी कीमत चुकाकर”

अपने उद्घाटन भाषण में, गोडविन ने कहा, “हिंसा बदलाव ला सकती है लेकिन इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। यह एक राष्ट्र के शरीर में एक जहर घोल देती है। हिंसक क्रांतियां अक्सर एक उद्धारक नेतृत्व उत्पन्न करती हैं जिसके लोकतान्त्रिक होने की संभवना बहुत कम होती हैं।” वोहरा ने कहा, “गांधी के देश, भारत में हम पैसिफिज्म को एक अच्छा विचार मानते हैं क्योंकि हम इसे उस बहुत ही अपूर्ण अंग्रेजी अनुवाद से जोड़ते हैं जिसका मतलब है अहिंसा और सविनय अवज्ञा है। ये अंग्रेजी शब्द हैं, लेकिन ये उस विचारधारा की आत्मा को व्यक्त नहीं करते, जो सत्याग्रह का अर्थ है— पैसिफिज्म नहीं है।” लेवी ने कहा, “मेरा तर्क इस प्रकार होगा जैसा महात्मा गांधी ने एक बार कहा था, ‘अहिंसा ताकतवर व्यक्ति का हथियार है।’ और सौभाग्यवश या दुर्भाग्यवश मैं एक ऐसे राज्य का प्रतिनिधित्व करता हूं जो ताकतवर है।”

जेएलएफ के 19वें संस्करण की घोषणा 

वेदांता की प्रस्तुति, मारुति सुज़ुकी के सहयोग और VIDA द्वारा संचालित इस वर्ष का जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल समाप्ति की ओर है। यह अवसर हमें उन प्रेरणादायक चर्चाओं, साझा अनुभवों और फेस्टिवल में बनी नई मित्रताओं के स्थायी प्रभाव पर विचार करने का मौका देता है। विचारों की अनूठी विविधता के साथ, फेस्टिवल ने एक बार फिर अपने स्थान को साहित्य उत्सवों की अग्रणी धरोहर के रूप में स्थापित किया है। आज यह घोषणा की गई कि जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का अगला संस्करण 15 से 19 जनवरी 2026 तक आयोजित किया जाएगा।

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