
कृष्ण का चरित्र 8 अंक की तरह इन्फिनिटी का प्रतीक
कृष्ण का चरित्र अनंत है, जैसे कि 8 का अंक जो कि इन्फिनिटी का प्रतीक
भारत बेस्ट अस्ट्रालजर अवॉर्ड (1) जयपुर में आयोजित
अपर्णा शर्मा को मिला ज्योतिष मार्तंड अवॉर्ड
जयपुर Dusrikhabar.com । आदिकाल से ही मनुष्य अपने भविष्य को जानने को उत्सुक रहा है, इसीलिए ऋषि-मुनियों ने पुराणों की रचना की और मनुष्य के लिए ग्रहों की दशा और चाल के अनुसार ज्योतिष ज्ञान का प्रतिपादन किया।
ज्योतिष शास्त्र (Astrology) एक प्राचीन विद्या है जिसमें ग्रहों, नक्षत्रों और राशियों की गतिविधियों का अध्ययन करके भविष्यवाणी की जाती है। यह विद्या वैदिक काल से चली आ रही है और इसमें सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु को नवग्रह माना गया है।
वर्तमान ही नहीं वरन वैदिक काल से ही इस ज्ञान का उपयोग ऋषीमुनी भी किया करते थे। इसी के फलस्वरूप आज ज्योतिष विधा का ज्ञान बहुत से ज्योतिषाचार्य कर रहे हैं। पुरुष ही नहीं महिलायें भी इस क्षेत्र में बहुत ही अद्भुत योगदान प्रदान कर रही हैं।
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भारत बेस्ट अस्ट्रालॉजर अवॉर्ड – ज्योतिष मार्तंड अवॉर्ड
जयपुर में होटल चाणक्य में भारत बेस्ट अस्ट्रालॉजर अवॉर्ड (1) का आयोजन किया गया और ज्योतिष मार्तंड अवॉर्ड दिया गया। इस अवॉर्ड को पाने वाली एक महिला हैं जिनको तुरंत ही कृष्ण के विषय पर बोलने के लिए आमंत्रित किया गया।
हालांकि हर कोई कृष्ण के विषय में बहुत कुछ जानता है परंतु इस विषय पर जब “अपर्णा शर्मा” को आमंत्रित किया गया तो उन्होंने जिस तरह से कृष्ण का एक अलग ही रूप सबके सामने प्रस्तुत किया तो कार्यक्रम में मौजूद हर किसी ने उनकी तारीफ की और उनके इस व्याख्यान पर उन्हें ज्योतिष मार्तंड अवॉर्ड से सुशोभित किया गया।
अपर्णा का मानना है कि ज्योतिष ज्ञान भगवान की कृपा से ही प्राप्त किया जा सकता है, उनकी कृपा के बगैर कुछ भी संभव नहीं। उन्होंने 2008 में ज्योतिष की शुरूआत की और निरंतर अपने प्रयास और मेहनत से नए मुकाम हासिल किये। वैसे तो ये सभी ज्योतिष की शाखाओं में काम करती हैं, परंतु इनका मुख्य रूप से पसंदीदा क्षेत्र है वैदिक ज्योतिषी।
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अपर्णा के व्याख्यान में 8 का अंक और कृष्ण अनंत
कार्यक्रम में दिए गए विषय पर अपर्णा ने कहा कि – भगवान विष्णु के आठवें अवतार, अष्टमी तिथि को अवतार लिया, 8 रानियां के पति, अष्ट सखाओं के मित्र, अष्टछाप कवियों के इस्ट, भगवान श्री कृष्ण, अंक ज्योतिष के अनुसार अंक 8 को प्रतिपादित करने वाले भगवान श्री कृष्णा कहे जाते हैं, 8 के अंक को थोड़ा सा पलट करके लिख दिया जाए तो यह इंफिनिटी/अनंत का सूचक होता है, और भगवान श्री कृष्णा आदि, मध्य और अंत से रहित अनंत हैं।
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कृष्ण के चरित्र का पार नहीं पाया जा सकता
उन्होने कहा कि 8 के अंक को यदि देखा जाए तो हर तरफ से बंद है कहीं से भी खुला हुआ नहीं है इस तरह भगवान श्री कृष्ण का जीवन चरित्र हर तरफ से बंद है उसे खोल करके उसका पार नहीं पाया जा सकता। अनेकानेक भक्तों ने ऋषियों ने मुनियों ने उनके जीवन चरित्र को खोलने की कोशिश की पर उनके रहस्याओं को कोई नहीं खोल पाया जैसे आठ का अंक शनि का अंक होता है और शनि के रहस्यों को खोल पाना मुश्किल है इस तरह भगवान श्री कृष्ण के जीवन चरित्र को खोल पाना मुश्किल रहा है उनके रहस्यों को उजागर करना मुश्किल है।
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गोपाल सहस्त्रनाम का प्रतिपादन
इसीलिए भगवान श्री कृष्ण ने सम्मोहन तंत्र के अंतर्गत गोपाल सहस्त्रनाम के माध्यम से तंत्र प्रतिपादन किया और समस्त संसार में तंत्र क्रियाओं में महत्वपूर्ण सम्मोहन और आकर्षण के देवता का स्थान प्राप्त किया, जिसके पास सम्मोहन है आकर्षण है वह हर परिस्थिति में मुस्कुरा सकता है और उनकी मुस्कान का यही एक रहस्य है कि वह हर परिस्थिति में भी हमेशा मुस्कुराते हुए प्रतीत होते हैं क्योंकि बाहरी बाधाएं जो मन को विचलित करती हैं 8 अंक के कारण अंदर प्रवेश ही नहीं कर पाती।