
कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस.., राजस्थान में डॉक्टर्स की हड़ताल खत्म
चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर की पहल पर काम पर लौटे रेजिडेंट
चिकित्सा मंत्री ने दिया आश्वासन, चिकित्सकों की सुरक्षा व्यवस्था होगी और मजबूत
समस्याओं के निराकरण के लिए मेडिकल कॉलेज स्तर पर कमेटी गठित करने के निर्देश
फिलहाल ओपीडी और वार्ड में काम नहीं करेंगे डॉक्टर्स, 30 बाउंसर्स लगेंगे SMS अस्पताल में
जयपुर, dusrikhabar.com: कोलकाता रेजिडेंट रेप-मर्डर प्रकरण को लेकर राजस्थान से बुधवार शाम एक सुखद खबर आई। राजस्थान में हड़ताल पर चल रहे डॉक्टर्स चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के आश्वासन पर काम पर लौट आए हैं। आपको बता दें कि कोलकाता रेप-मर्डर प्रकरण को लेकर 12 अगस्त से ही राजस्थान के डॉक्टर्स कार्य बहिष्कार पर थे। बुधवार शाम आपातकालीन एवं आईसीयू सेवाओं में सभी डॉक्टर्स वापस काम पर लौट आए। फिलहाल ओपीडी और वार्ड में डॉक्टर्स की हड़ताल को लेकर कोई खुलासा नहीं हुआ है लेकिन इमरजेंसी मरीजों और परिजनों के लिए यह सुखद खबर है। (Kolkata doctor rape-murder case, doctors strike ends in Rajasthan, doctors returned to work on Wednesday evening)

चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर से वार्ता के लिए पहुंचा डॉक्टर्स का प्रतिनिधिमंडल
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रेजिडेंट चिकित्सकों का प्रतिनिधिमण्डल मिला चिकित्सा मंत्री खींवसर से
रेजिडेंट चिकित्सकों का प्रतिनिधिमण्डल ने बुधवार को शासन सचिवालय में चिकित्सा मंत्री से मुलाकात की और अपनी समस्याओं से अवगत कराया। चिकित्सा मंत्री ने रेजिडेंट चिकित्सकों से कहा कि वे मानव सेवा से जुड़े चिकित्सकीय पेशे का सम्मान रखते हुए काम पर लौटें। राज्य सरकार उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए समुचित कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में चिकित्सकों की विभिन्न समस्याओं एवं मांगों को लेकर सकारात्मक सोच के साथ निर्णय लिए गए हैं। आगे भी उनके हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने ये भी कहा कि- “मेरे ख्याल में राजस्थान ऐसा पहला राज्य होगा, जहां डॉक्टरों के लिए ये व्यवस्था की जाएगी।”
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सरकार चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि कोलकाता रेजिडेंट प्रकरण से सम्पूर्ण चिकित्सक जगत सहित पूरा देश व्यथित है। सभ्य समाज में ऐसी घटनाओं का कोई स्थान नहीं है। राज्य सरकार प्रदेश में चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। चिकित्सा मंत्री के साथ सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई वार्ता एवं सकारात्मक आश्वासन के बाद रेजिडेंट चिकित्सकों ने आईसीयू एवं आपातकालीन इकाई में सेवाएं देने पर सहमति दी।
किन किन मुद्दों पर बनी सहमति
आपको बता दें कि SMS अस्पताल में 30 बॉडीगार्ड लगाने, चिकित्सकों की सुरक्षा को और मजबूत करने, SMS अस्पताल की चौकी की स्ट्रेंथ बढ़ाने, डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए कॉलेज स्तर पर कमेटी बनाने, मेंटल हेल्थ सेल बनाने और डॉक्टर्स के छुट्टी के दिन यानि कार्य बहिष्कार की अवधि को डे ऑफ या राजकीय अवकाश में समायोजित किए जाने सहित करीब 8 मुद्दों पर चिकित्सकों की सरकार के साथ सहमति बन गई है।

चिकित्सा मंत्री से वार्ता के बाद डॉक्टर्स ने तोड़ी हड़ताल, एसीएस शुभ्रा सिंह भी रहीं मौजूद।
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समस्या निवारण के लिए मेडिकल कॉलेज स्तर पर कमेटी गठित होगी
चिकित्सा शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि रेजिडेंट चिकित्सकों की समस्याओं के निराकरण के लिए मेडिकल कॉलेज स्तर पर एक कमेटी गठित करने के निर्देश दे दिए गए हैं। मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य या अधीक्षक की अध्यक्षता में गठित होने वाली इस कमेटी में रेजिडेन्ट डॉक्टर्स के प्रतिनिधि भी सम्मिलित होगें। यह कमेटी विभिन्न समस्याओं के निराकरण के सुझाव प्रस्तुत करेगी। सुझावों के आधार पर राज्य सरकार आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करेगी।
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अस्पताल-हॉस्टल में सीसीटीवी कैमरे और लगेंगे
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए गए हैं कि मेडिकल कॉलेज एवं उससे संबद्ध अस्पतालों के परिसर, हॉस्टल्स इत्यादि में सुरक्षा व्यवस्थाओं, संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरा लगाने, अस्पतालों में रेजिडेन्ट डॉक्टर्स हेतु ड्यूटी रूम्स में आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता, मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में धूम्रपान, शराब, ड्रग्स आदि के उपयोग पर रोकथाम सुनिश्चित करें। (Kolkata doctor rape-murder case, doctors strike ends in Rajasthan, doctors returned to work on Wednesday evening)
साथ ही, अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह एवं अस्पतालों के बाहर से अतिक्रमण हटाने व नियमित मॉनिटरिंग करने के लिए प्रमुख शासन सचिव नगरीय विकास विभाग को पत्र प्रेषित किए गए हैं। सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला चिकित्सकों की सुरक्षा के निर्भया स्कवाड तैनात की गई है। साथ ही, पुलिस गश्त बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
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प्रिवेंशन आफ सेक्सुअल हरेसमेंट एक्ट में इन्टरनल कम्पलेंट कमेटी का होगा गठन
चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान ने बताया कि एनएमसी द्वारा जारी दिशा निर्देशों के क्रम में राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में मेन्टल हैल्थ सेल तथा प्रिवेंशन आफ सेक्सुअल हरेसमेंट एक्ट के अन्तर्गत इन्टरनल कम्पलेंट कमेटी का गठन किया जाएगा तथा इस संबंध में सभी चिकित्साकर्मियों को जागरूक किया जाएगा। चिकित्सा कर्मियों एवं रेजिडेन्ट डॉक्टर्स की समुचित सुरक्षा हेतु सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने के लिए भारत सरकार को निवेदन पत्र भेजा जाएगा। कार्य बहिष्कार की अवधि को डे ऑफ या राजकीय अवकाश में समायोजित किया जाएगा।
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चिकित्सा मंत्री खींवसर से वार्ता के दौरान सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी, अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी, रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
