
“कल्चरल डायरीज” में कत्थक कलाकारों ने दी कृष्ण लीलाओं की अद्भुत प्रस्तुति…
कल्चरल डायरीज’ में मंचित हुई श्रीकृष्ण की लीला, कत्थक की मोहक अभिव्यक्ति ने मोहा मन…
शुक्रवार को कर्टन रेजर के तहत श्रीकृष्ण के जीवन के विभिन्न प्रसंगों को कत्थक की आकर्षक शैली में किया सजीव
कृष्ण जन्म, माखन चोरी, गोपियों संग रास, यशोदा संग वात्सल्य की कलाकारों ने दी अद्भुत प्रस्तुति
जयपुर,(dusrikhabar.com)। शुक्रवार को कल्चरल डायरीज के तहत अल्बर्ट हॉल पर भारतीय कत्थक नृत्य एवं संगीत संस्थान की निदेशक डॉ. स्वाति अग्रवाल और उनकी टीम ने ‘कृष्ण लीला’ की भव्य प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति ने श्रीकृष्ण के जीवन के विभिन्न प्रसंगों को कत्थक की आकर्षक शैली में सजीव कर दिया।
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‘कृष्ण लीला’ में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर उनके राधा संग दिव्य प्रेम तक की झलक प्रस्तुत की गई। इस प्रस्तुति में कत्थक नृत्य की प्रभावशाली मुद्राओं और भावनात्मक अभिव्यक्ति के माध्यम से कृष्ण जन्म, माखन चोरी, गोपियों संग रास, यशोदा संग वात्सल्य, गोवर्धन पर्वत धारण और असुरों के वध जैसे महत्वपूर्ण प्रसंगों को जीवंत किया गया। नृत्य के साथ संगीत की मधुर संगति द्वारा कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी बनाया गया। भावनाओं की गहराई और सजीव अभिनय ने दर्शकों को श्रीकृष्ण की लीला के दिव्य अनुभव से जोड़ दिया।
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इस आयोजन का मुख्य आकर्षण यह रहा कि अल्बर्ट हॉल के भव्य प्रांगण में आयोजित इस कार्यक्रम को देखने के लिए बड़ी संख्या में देशी और विदेशी पर्यटक भी पहुंचे। पारंपरिक भारतीय शास्त्रीय नृत्य को देखना उनके लिए एक अनूठा अनुभव था। विदेशी पर्यटकों ने इस कार्यक्रम की विशेष सराहना की और कत्थक की सौंदर्यपूर्ण अभिव्यक्ति तथा भारतीय संस्कृति की गहराई को महसूस किया।
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आपको बता दें कि डॉ. स्वाति अग्रवाल ने जयपुर घराने के ख्यातनाम गुरु पं. गिरधारी महाराज से कत्थक की शिक्षा प्राप्त करने के साथ उन्होंने जापान, नेपाल और दुबई सहित कई देशों में प्रभावशाली प्रस्तुतियां दी हैं।
गौरतलब है कि राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने और पारंपरिक कला रूपों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पर्यटन विभाग द्वारा उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी की पहल पर ‘कल्चरल डायरीज’ श्रृंखला का शुभारंभ किया गया है। इस पहल का मकसद प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता को वैश्विक मंच पर मजबूती से स्थापित करना है।
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पर्यटन विभाग की ‘कल्चरल डायरीज’ केवल एक आयोजन भर नहीं, बल्कि यह राजस्थान की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने और कलाकारों को मंच देने की एक प्रभावशाली पहल है। इस अवसर पर पर्यटन विभाग के अतिरिक्त निदेशक पवन जैन, संयुक्त निदेशक डॉ.पुनीता सिंह व पर्यटक अधिकारी अनीता प्रभाकर सहित कई अधिकारी व कर्मचारी भी मौजूद थे।