
जे.के. सीमेंट की ऐतिहासिक पहल: भारत में पहली बार पर्यावरण-अनुकूल एलसी-3 सीमेंट का उत्पादन और डिस्पैच शुरू
मनीष तोषनीवाल, यूनिट हेड (निम्बाहेड़ा एवं मांगरोल) ने किया LC-3 सीमेंट के उत्पादन एवं प्रथम डिस्पैच का भव्य शुभारंभ
मांगरोल इकाई से हुआ देश का पहला व्यावसायिक एलसी-3 सीमेंट डिस्पैच
टिकाऊ निर्माण की दिशा में सीमेंट कंपनी का बड़ा कदम
नेट ज़ीरो कार्बन लक्ष्य की ओर अग्रसर जे.के. सीमेंट, उद्योग में नवाचार और पर्यावरण संरक्षण का संयोजन
विजय श्रीवास्तव,
चित्तौड़गढ़, (dusrikhabar.com)। देश की अग्रणी सीमेंट निर्माता कंपनी जे.के. सीमेंट लिमिटेड ने एक नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए भारतीय उपमहाद्वीप में पहली बार पर्यावरण-अनुकूल एलसी-3 (LC-3) सीमेंट के व्यावसायिक निर्माण और डिस्पैच की शुरुआत की है।
यह ऐतिहासिक शुभारंभ 29 जुलाई 2025 को सुबह 11:30 बजे कंपनी की मांगरोल इकाई में किया गया, जिसका नेतृत्व मनीष तोषनीवाल, यूनिट हेड (निंबाहेड़ा एवं मंगरोल) ने किया।
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एलसी-3 सीमेंट (Limestone Calcined Clay Cement) पर्यावरण-संवेदनशील निर्माण सामग्री है, जो पारंपरिक सीमेंट की तुलना में कम कार्बन उत्सर्जन करता है। जे.के. सीमेंट की यह पहल न केवल सतत विकास की दिशा में एक मील का पत्थर है, बल्कि उद्योग में नवाचार को भी दर्शाती है।
इस अवसर पर कंपनी के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख नाम हैं –
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प्रखर श्रीवास्तव – प्रमुख, गुणवत्ता (कॉर्पोरेट)
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मुरली लड्ढा – प्रमुख तकनीकी (मंगरोल इकाई)
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प्रभाकर मिश्रा – एच.आर. प्रमुख
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रावेन्द्र गर्ग – कमर्शियल प्रमुख
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यूनियन महामंत्री धरमपुरी गोस्वामी और अन्य कर्मचारीगण
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जे.के. सीमेंट द्वारा यह कदम नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य प्राप्त करने के संकल्प को सशक्त करता है। एलसी-3 सीमेंट निर्माण न केवल ऊर्जा की बचत करता है, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और जलवायु संकट की दिशा में प्रभावी समाधान भी प्रदान करता है।
कंपनी के इस दूरदर्शी कदम से न केवल भारतीय निर्माण क्षेत्र में क्रांति आने की उम्मीद है, बल्कि यह वैश्विक पर्यावरण लक्ष्यों की पूर्ति में भी योगदान देगा।
एलसी-3 सीमेंट की संरचना:
एलसी-3 सीमेंट तीन प्रमुख घटकों से मिलकर बनता है:
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कैल्साइन्ड क्ले (Calcined Clay) – यह एक विशेष रूप से गर्म की गई मिट्टी होती है जो सीमेंट के गुणों को बेहतर बनाती है।
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चूना पत्थर (Limestone) – प्राकृतिक रूप से मिलने वाला यह घटक सीमेंट को मजबूती और टिकाऊपन देता है।
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थोड़ी मात्रा में क्लिंकर (Clinker) – यह सामान्य सीमेंट की तरह ही बाइंडिंग के लिए आवश्यक होता है लेकिन इसमें मात्रा कम होती है।
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पर्यावरणीय लाभ:
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40% तक कम कार्बन उत्सर्जन: एलसी-3 में क्लिंकर की मात्रा कम होती है जिससे ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम होता है। ऊर्जा की बचत: इसमें उत्पादन के लिए कम तापमान की आवश्यकता होती है।
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संसाधनों का संरक्षण: क्ले और चूना पत्थर जैसे साधारण प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग होता है, जिससे खनन का दबाव घटता है।
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दीर्घकालिक टिकाऊपन: एलसी-3 सीमेंट से बना कंक्रीट लंबे समय तक मजबूती से टिकता है और उसमें जल-प्रतिरोधी गुण भी होते हैं।
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व्यवसायिक और तकनीकी फायदे:
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यह पारंपरिक सीमेंट की तुलना में सस्ता और ज्यादा टिकाऊ होता है।
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निर्माण उद्योग में इसकी बढ़ती मांग के चलते यह विकल्प जल्द ही मुख्यधारा में आ सकता है।
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इसके उपयोग से हरित भवन (Green Buildings) और पर्यावरणीय प्रमाणपत्र जैसे LEED, GRIHA आदि को प्राप्त करना आसान होता है।
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