मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर में “खेल की सफलता के लिए मनोविज्ञान” पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन

मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर में “खेल की सफलता के लिए मनोविज्ञान” पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन

एसपीएआई के 34वें वार्षिक सम्मेलन का मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर में गुरुवार को उद्घाटन

“खेल की सफलता के लिए मनोविज्ञान” पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर में आयोजन

दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 18 अप्रैल को भी रहेगा जारी 

 

जयपुर (dusrikhabar.com)। मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर (एमयूजे) में शारीरिक शिक्षा, खेल और योग विभाग ने स्पोर्ट्स साइकोलॉजी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसपीएआई) के सहयोग से आज एसपीएआई के 34वें वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन किया। “खेल की सफलता के लिए मनोविज्ञान: प्रदर्शन और तंदुरुस्ती को बढ़ाना” विषय पर आधारित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 17-18 अप्रैल, 2025 तक आयोजित किया जा रहा है।

द्वीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। आपको बता दें कि यह विभाग द्वारा आयोजित पांचवां अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन है, जो खेल विज्ञान और मानसिक तंदुरुस्ती के क्षेत्रों को आगे बढ़ाने के लिए एमयूजे की निरंतर प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में प्रमुख गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।

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लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान (LNIPE) ग्वालियर की कुलपति प्रो. इंदु बोरा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं । डॉ. अनिल करवंडे, एसपीएआई के अध्यक्ष; और डॉ. अनिल रामचंद्रन, सम्मेलन के संयोजक और एसपीएआई के महासचिव भी इसमें हिस्सा लिए। अतिथियों के साथ एमयूजे के कुलपति प्रो. नीति निपुण शर्मा, प्रबंधन, वाणिज्य एवं कला संकाय के डीन प्रो. ब्रजेश कुमार और कला विद्यालय के एसोसिएट डीन प्रो. त्रिशू शर्मा भी शामिल हुए।

प्रो. ब्रजेश कुमार ने गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया जबकि प्रो. त्रिशू शर्मा ने सम्मेलन के बारे में सभी उपस्थित अतिथि ओर शोधार्थियों को जानकारी दी। एमयूजे के अध्यक्ष प्रो. नीति निपुण शर्मा ने अध्यक्षीय भाषण दिया। उन्होंने उच्च गुणवत्ता वाले शोध के मुख्य योगदान पर जोर दिया और बताया कि कैसे एमयूजे अपने शोध और नवाचार के माध्यम से समाज में योगदान दे रहा है। अपने संबोधन में प्रो. बोरा ने आधुनिक एथलेटिक तैयारी में मानसिक प्रशिक्षण के बढ़ते महत्व पर जोर दिया और खेल मनोविज्ञान में व्यावहारिक अनुप्रयोगों के साथ अकादमिक जांच को एकीकृत करने के एमयूजे के प्रयासों की सराहना की।

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डॉ. करवंडे और डॉ. रामचंद्रन ने निरंतर अकादमिक सहयोग की आवश्यकता को लेकर अपना मत रखा। सम्मेलन के पहले दिन 170 से अधिक सार प्रस्तुत किए गए, जिनमें से 40 पूर्ण शोधपत्रों को वेब ऑफ़ साइंस (WoS) अनुक्रमित जर्नल में प्रकाशन के लिए चुना गया। शेष स्वीकृत पूर्ण शोधपत्र इंडियन जर्नल ऑफ़ साइकोलॉजिकल साइंस में स्थानित किया गया है।

IJPS के वर्तमान अंक का भी मंच पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा विमोचन किया गया। सम्मेलन में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU), लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान (LNIPE) ग्वालियर, कन्नूर विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, भारतीय खेल प्राधिकरण, राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय और हरियाणा खेल विश्वविद्यालय सहित कई प्रमुख भारतीय विश्वविद्यालयों और संस्थानों ने भाग लिया है।

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अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी भी उल्लेखनीय है, जिसमें मलेशिया, नाइजीरिया और तुर्की के प्रतिनिधि ऑनलाइन शामिल हुए। जीवंत भागीदारी और सामयिक विषयों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, यह सम्मेलन खेलों में मनोवैज्ञानिक कल्याण को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। एमयूजे की खेल निदेशक डॉ. रीना पूनिया ने सभी प्रतिभागियों, विशेषज्ञों, गणमान्य व्यक्तियों और संकाय सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापन दिया। 

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