
IIHMR विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह में 423 स्टूडेंट्स को मिली डिग्री, सर्वाधिक 58% महिलाएं
IIHMR का दीक्षांत समारोह, राज्यपाल ने स्टूडेंट्स को प्रदान किए गोल्ड मैडल और डिग्री
दीक्षांत समारोह में दिखी महिला सशक्तिकरण और वैश्विक उपलब्धियों की चमक
स्वास्थ्य शिक्षा में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी, 58% छात्राएं बनीं समारोह की पहचान
उच्चतम पैकेज ₹28.56 लाख रहा
दीक्षान्त समारोह के दौरान विश्वविद्यालय के क्लिनिकल रिसर्च सेंटर का भी हुआ उद्घाटन
विजय श्रीवास्तव,
जयपुर, 19 जुलाई (dusrikhabar.com)। आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय, जयपुर (IIHMR) ने शनिवार को अपने वार्षिक दीक्षांत समारोह 2025 में 423 स्नातक विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान कीं। समारोह के मुख्य अतिथि राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ किशनराव बागड़े थे।
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IIHMR विश्वविद्यालय के कॉन्वोकेशन में द्वीप प्रज्जवलित करते राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े
राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि “मुझे यह जानकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि स्वर्ण पदक जीतने वाले सभी छात्राएं हैं। यह महिला सशक्तिकरण का श्रेष्ठ उदाहरण है।” उन्होंने शिक्षा के महत्व को समझाते हुए स्टूडेंट्स से कहा कि शिक्षा का अर्थ है कि अधिक से अधिक शिक्षा प्राप्त करना। उन्होंने कहा कि इतनी शिक्षा प्राप्त करो कि कॉपी करने की जरूरत कभी भी न पड़े, क्योंकि प्रयास करने वाले स्टूडेंट्स हमेशा तरक्की करते हैं।(IIHMR Convocation 2025)

IIHMR कॉन्वोकेशन 2025 में गोल्ड मैडलिस्ट स्टूडेंट्स राज्यपाल से डिग्री और गोल्ड मैडल लेते हुए।
राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने नालंदा विश्वविद्यालय का उदाहरण देते हुए समझाया कि हम कभी भी किसी से कम नहीं थे, हमारे यहां जितना ज्ञान था दुनिया हमसे ज्ञान प्राप्त करने आती थी, उन्होंने ऋग्वेद का जिक्र करते हुए कहा कि वो ऐसा ग्रंथ है जिसमें आज भी अथाह ज्ञान है। राज्यपाल हरिभाऊ ने कहा कि हमारे यहां पर इतने ग्रंथ थे जिसमें हर समस्या का समाधान होता था लेकिन आक्रमणकारी राजाओं ने हमारे उन ज्ञान के ग्रंथों को नष्ट कर दिया। राज्यपाल ने मेडिसिन, आयुर्वेद और कला कौशल के बारे में भी स्टूडेंट्स का ज्ञान बढ़ाया।

IIHMR कॉन्वोकेशन 2025 Jaipur
राज्यपाल ने गुरु और शिक्षण संस्थान के महत्व को समझाते हुए कहा कि जैसे एक फैक्ट्री के प्रोडक्ट अगर अच्छे हों तो उस फैक्ट्री-प्रोडक्ट की बाजार कीमत और अधिक बढ़ जाती है, इसी तरह स्टूडेंट्स भी शिक्षण संस्थान का प्रोडक्ट होते हैं, इन्हीं शिक्षण संस्थाओं में गुरु द्वारा अपने स्टूडेंट्स को गढ़ा जाता है। आपको भी यहां से डिग्री लेने के बाद अपने संस्थान का नाम रोशन करना है। आप अच्छा करेंगे तो आपके शिक्षण संस्थान का मान बढ़ेगा।
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IIHMR में डूंगरपुर के गरीब छात्र के परिवार का फोटो साझा करते हुए राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े
हरिभाऊ ने डूंगरपुर के नरेवा गांव के एक झाैंपड़ी में रहने वाले गरीब छात्र का उदाहरण देते हुए कहा कि जब वह स्टूडेंट कबाड़ की दुकान से रद्दी में पड़ी किताबों से पढ़कर NEET कर सकता है तो आपको जो सुविधाएं मिल रही हैं वो तो बहुत ज्यादा हैं, उनका सदुपयोग करके अपने लक्ष्य तक पहुंचें। स्टूडेंट्स से न्यूटन के लॉ का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा कि ये सब हमारे ग्रंथों में पहले से ही लिखा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 2020 में जो नई शिक्षा नीति लागू की है उसका लाभ सभी उठाएं, हम चाहते हैं कि आपको पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक ज्ञान यानि अपने देश में भी और विदेशी शिक्षा दोनों मिले और आप लोग भारत का दुनियाभर में नाम करें। उन्होंने सभी स्नातक छात्रों से अनुरोध किया कि वे पिछले दो वर्षों में अर्जित ज्ञान और कौशल को राष्ट्र निर्माण के नेक कार्य में लगाएँ। मैं यह भी सुझाव देता हूँ कि विश्वविद्यालय राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों और संस्थानों के साथ सहयोग करें।(IIHMR University Convocation 2025: 423 students got degrees)

IIHMR विवि के कॉन्वोकेशन में ऑडिटाेरियम में मौजूद डिग्री प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स
आपको बता दें कि इस वर्ष का समारोह महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बनकर उभरा। इस समारोह में डिग्री हासिल करने वाले कुल छात्रों में से 58% महिलाएं थीं और आज प्रदान किए गए सात में से छह शैक्षणिक पदक छात्राओं को प्रदान किए गए। आज के समारोह में मुख्य आकर्षण ये रहा कि इस अवसर पर विश्वविद्यालय के “क्लिनिकल रिसर्च सेंटर” का गणमान्य अतिथियों ने उद्घाटन किया।

IIHMR विवि के कॉन्वोकेशन में ऑडिटाेरियम में मौजूद डिग्री प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स के परिजन एवं अन्य अतिथि।
दीक्षांत में दिखा महिला नेतृत्व और उनका वैश्विक प्रभाव
IIHMR विश्वविद्यालय, जयपुर के प्रेसीडेंट डॉ. पी.आर. सोडानी ने बताया कि इस वर्ष 423 छात्रों में से 247 महिलाएँ थीं, जबकि 176 पुरुष छात्र थे। उन्होंने छात्रों को शिक्षा, नेतृत्व और सेवा के मूल्यों के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
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डॉ. सोडानी ने यह भी साझा किया कि विश्वविद्यालय ने भारत सरकार और राज्य सरकारों के साथ कई अध्ययन किए हैं, जिससे स्वास्थ्य नीति और कार्यान्वयन में योगदान मिला है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय का इस वर्ष का उच्चतम प्लेसमेंट पैकेज ₹28.56 लाख/वर्ष और औसत पैकेज ₹9 लाख/वर्ष रहा। 11 छात्रों को यूएई, केन्या, इंडोनेशिया और कांगो जैसे देशों में अंतर्राष्ट्रीय नियुक्तियां प्राप्त हुईं।
दीक्षान्त समारोह के मुख्य अतिथि
डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी, औषधि महानियंत्रक, भारत, डॉ. प्रमोद येओले, कुलपति, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, सुदर्शन जैन, अध्यक्ष, IIHMR विश्वविद्यालय, डॉ. पी.आर. सोडानी, अध्यक्ष, IIHMR विश्वविद्यालय, डॉ. अशोक अग्रवाल, संस्थापक-ट्रस्टी, IIHMR विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बतौर अतिथि मौजूद रहकर आयोजन की शोभा बढ़ाई।
अतिथियों के प्रेरणादायक संबोधन

Dr. Rajeev Singh Raghuvanshi, Drugs Controller General, India
डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी, भारत के औषधि महानियंत्रक ने कहा, “भारत वैश्विक स्वास्थ्य सेवा मूल्य श्रृंखला का एक अनिवार्य हिस्सा है।” उन्होंने छात्रों से निष्ठा, करुणा और विनम्रता के साथ सेवा करने की अपील की। उन्होंने ये भी कहा कि आज सोसायटी में विद्यार्थियों को वैल्यू एड करने की जरूरत है। अगर आपको मौका मिले और कोई भी संभावना नजर आए तो एक एन्टरप्रेन्योर बनने की कोशिश करना, तभी देश के लिए आप एक लीडर की भूमिका निभा पाएंगे।
उन्होंने ये भी कहा कि “भारत वैश्विक स्वास्थ्य सेवा मूल्य श्रृंखला का एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा है। हम दुनिया भर के 200 से अधिक देशों को दवाइयां और प्रशिक्षित मानव संसाधन प्रदान करते हैं। स्वास्थ्य सेवा केवल एक व्यवस्था नहीं है, बल्कि सभी के लिए देखभाल, सम्मान और समानता का वादा है। इसे निष्ठापूर्वक बनाए रखें, विनम्रता से नेतृत्व करें और हृदय से सेवा करें।
समाज निर्माण में योगदान देना हमारा कर्तव्य है। मरीजों की मदद करना सेवा का सर्वोच्च स्तर है।” डॉ रघुवंशी ने डिग्री प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स को बधाई दी।

Dr. Pramod Yeole, Vice Chancellor, Rajasthan University of Health Sciences
डॉ. प्रमोद येओले, कुलपति, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय ने ग्रामीण भारत की स्वास्थ्य चुनौतियों पर कहा कि “आप ऐसे समय में स्नातक हो रहे हैं जब स्वास्थ्य सेवा को नए दृष्टिकोण से परिभाषित किया जा रहा है।”
उन्होंने कहा कि “राजस्थान की 70% से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है; यह आँकड़ा न केवल नीति निर्माण में सहायक होना चाहिए, बल्कि कार्रवाई के लिए भी प्रेरित करना चाहिए।
आप ऐसे समय में स्नातक हो रहे हैं जब स्वास्थ्य सेवा को नए सिरे से परिभाषित किया जा रहा है। जहाँ जन स्वास्थ्य को अंततः संसाधनों के साथ मान्यता मिल रही है, और जहाँ सरकार जमीनी स्तर पर बुनियादी ढाँचे और कार्यबल विकास में निवेश कर रही है। जैसे ही आप इस द्वार से बाहर निकलेंगे, आप ज्ञान, सेवा, न्याय और परिवर्तन की ज्वाला लेकर चलेंगे।”

Mr. Sudarshan Jain, Chairman, IIHMR University
IIHMR विवि के अध्यक्ष सुदर्शन जैन ने दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि ये समारोह सभी के लिए खुशी और गर्व का क्षण होता है। इसे स्मरणीय उपलब्धि बताते हुए छात्रों को जीवन भर सीखते रहने की सलाह दी। उन्होंने स्टूडेंट्स का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि हमें अपनी शिक्षा के स्तर को बढ़ाना है, इसका मूल्य बढ़ाना है। खुद को और अपने शिक्षण संस्थान को आगे बढ़ाना यही हमारा उद्देश्य होना चाहिए। आप सभी को भविष्य के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं।
IIHMR के संस्थापक-ट्रस्टी डॉ. अशोक अग्रवाल ने स्नातक छात्रों को अपनी नौकरी को सीखने के साधन के रूप में देखने का सुझाव दिया। उन्होंने स्नातकों को जीवन का आनंद लेने, अपने उद्देश्य को याद रखने और हर चुनौती को एक नए सबक के रूप में देखने के लिए भी प्रोत्साहित किया। उन्होंने ये भी कहा कि जहां भी काम करें उसे अपना मानकर काम करें, यदि आप ऐसा करने में सफल रहे तो जीवन में जिस तरक्की और सफलता की आप सोच रखते हैं वो आपको हर जगह मिलेगी।

Dr. P.R. Sodani, President, IIHMR University, Jaipur
IIHMR विश्वविद्यालय, जयपुर के प्रेसीडेंट डॉ. पीआर सोढानी ने डिग्री प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स को बधाई और भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “इस वर्ष का प्लेसमेंट सीज़न विश्वविद्यालय के लिए एक और मील का पत्थर साबित हुआ।
उच्चतम पैकेज INR 28.56 LPA रहा, जिसमें 11 छात्रों ने संयुक्त अरब अमीरात, केन्या, इंडोनेशिया और कांगो में अंतर्राष्ट्रीय प्लेसमेंट हासिल किया। उन्होंने कहा कि हमेशा याद रखें कि आप IIHMR विश्वविद्यालय के राजदूत हैं।
आप जहां भी जाएं, शिक्षा, नवाचार और प्रभावशाली अनुसंधान में उत्कृष्टता की हमारी विरासत को साथ लेकर जाएं। स्नातक छात्रों के लिए मेरा मुख्य संदेश है कि वे ईमानदारी से नेतृत्व करें और करुणा के साथ सेवा करें।”
किस क्षेत्र में कितनी डिग्रियां प्रदान की गईं…?
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MBA (अस्पताल एवं स्वास्थ्य प्रबंधन): 225 स्टूडेंट्स
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MBA (फार्मास्युटिकल प्रबंधन): 125 स्टूडेंट्स
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MBA (विकास प्रबंधन): 9 स्टूडेंट्स
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MPH (कार्यान्वयन विज्ञान): 2 स्टूडेंट्स
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MPH (कार्यकारी): 35 स्टूडेंट्स
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MHA (कार्यकारी): 18 स्टूडेंट्स
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PhD (डॉक्टरेट): 9 स्टूडेंट्स
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