
IIGJ जयपुर में वार्षिक क्राफ्ट मेला “अलंकार 2025” का रंगारंग शुभारंभ
अलंकार-2025 में दिखा परंपरा और आधुनिकता का संगम
विभिन्न कलाओं के पारंगत कारीगरों ने सजाई अनोखी आभूषण कला की प्रदर्शनी
IIGJ जयपुर में विद्यार्थियों को मिल रहा प्रत्यक्ष अनुभव और प्रशिक्षण
जयपुर,dusrikhabar.com। जयपुर में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ जेम्स एंड ज्वैलरी (IIGJ) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय वार्षिक क्राफ्ट मेला “अलंकार 2025” का सीतापुरा स्थित इंस्टीट्यूट परिसर में भव्य शुभारंभ हुआ। 25 से 27 सितम्बर तक चलने वाले इस मेले में पारंपरिक और आधुनिक आभूषण शिल्प की विविधता को देशभर के कारीगर जीवंत रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं।
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IIGJ जयपुर के वार्षिक क्राफ्ट मेला “अलंकार 2025” का शुभारंभ मुख्य अतिथि रिशव मंडल (IAS), आयुक्त एवं प्रबंध निदेशक, कौशल, रोजगार एवं उद्यमिता विभाग तथा प्रबंध निदेशक, RSLDC ने किया। इस अवसर पर संस्थान के उपाध्यक्ष संजय काला ने समारोह में पहुंचे मुख्य अतिथि रिशव मंडल सहित सभी अतिथियों का धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि आप के इस आयोजन में शामिल होने से ज्वैलरी के क्षेत्र में बारीकियों को सीख रहे स्टूडेंट्स को आगे बढ़ने का विजन मिलता है।
अलंकार 2025 के मौके पर योगेन्द्र गर्ग (रीजनल चेयरमैन, GJEPC), डी.पी. खंडेलवाल, सखिल धड्डा, नितिन खंडेलवाल, दिव्यांशु अग्रवाल और प्राचार्य अनीश कपिल सहित बड़ी संख्या में संकाय सदस्य और छात्र-छात्राएँ मौजूद रहे।
मुख्य अतिथि रिशव मंडल ने IIGJ के कौशल विकास कार्यक्रमों और अलंकार क्राफ्ट मेला के प्रयासों की सराहना करते हुए राजस्थान सरकार की ओर से पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।
इस आयोजन में देशभर के प्रसिद्ध कारीगरों की पारंपरिक कलाओं का प्रदर्शन आकर्षण का केंद्र रहा, जिनमें शामिल हैं:
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लाख ज्वेलरी – गुलरख सुल्ताना
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पच्चीकम ज्वेलरी – फिरोज़ एवं जबा खान
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रत्न नक्काशी – अमृत सिरोहिया
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बीड ज्वेलरी – महेंद्र सोनी
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पटवा कला – कैलाश
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टेरेकोटा ज्वेलरी – लोकेश बसवा
साथ ही, IIGJ के विद्यार्थियों द्वारा बीड, मैक्रेमे, क्ले, रेज़िन, क्रोशे और वायर ज्वेलरी पर विशेष कार्यशालाएँ आयोजित की जा रही हैं। इन वर्कशॉप्स में आगंतुकों को ज्वेलरी निर्माण की तकनीकों का प्रत्यक्ष अनुभव मिल रहा है। यहां आने वाले लोगों ने प्रदर्शनी को न सिर्फ सराहा बल्कि इस प्रदर्शनी से अपनी अपनी पसंद और जरूरतों की वस्तुएं भी खरीदी। जबा खान ने बताया कि उनके पच्चीकम ज्वेलरी को मेले में आए आए काफी पसंद कर रहे हैं। मेले में आए लोगों ने उनसे उनकी कला के बारे में जानकारी ली और काफी लोगों ने उनसे लाख के चूड़े और कड़े की खरीददारी भी की।
प्राचार्य अनीश कपिल ने कहा कि “अलंकार सिर्फ प्रदर्शनी नहीं, बल्कि ऐसा मंच है जहाँ विद्यार्थी और कारीगर एक-दूसरे से जुड़कर भारतीय शिल्प धरोहर को आगे बढ़ा रहे हैं।”
आपको बता दें कि राजस्थान में जैम्स एंड ज्वैलरी की बारीकियों को सिखाने के लिए राजस्थान में सरकार की मदद से चल रहा यह एकमात्र संस्थान है।
प्रिंसिपल मधु शर्मा ने बताया कि मेले के पहले दिन जयपुर के विभिन्न विद्यालयों से आए लगभग 300 विद्यार्थियों ने सक्रिय भागीदारी निभाते हुए विभिन्न कार्यशालाओं में भाग लिया और अपने मन में उठ रहे सवालों के जवाब लेकर जैम्स एंड ज्वैलरी के प्रति अपनी जिज्ञासाओं को शांत किया।
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