भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद में मूसलाधार बारिश, बीसलपुर बांध में आया1 फीट पानी…

भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद में मूसलाधार बारिश, बीसलपुर बांध में आया1 फीट पानी…

भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद में मूसलाधार बारिश से बीसलपुर बांध में जलस्तर बढ़ा, जयपुर सहित तीन शहरों को मिली राहत

जयपुर,टोंक और अजमेर की जीवन रेखा बीसलपुर बांध में एक फीट बढ़ा जलस्तर, पानी की आवक जारी  

 

जयपुर ब्यूरो/ अजमेर(dusrikhabar.com)। राजस्थान के भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और राजसमंद जिलों में हुई मूसलाधार बारिश ने प्रदेश की राजधानी जयपुर, अजमेर और टोंक वासियों को बड़ी राहत दी है। बीते दो दिनों से हो रही भारी वर्षा के चलते बीसलपुर बांध में 74 सेमी पानी की आवक दर्ज की गई है। यह जलस्तर जुलाई के पहले सप्ताह में दर्ज की गई सबसे तेज़ वृद्धि में से एक है, जो पूर्व में बिपरजॉय चक्रवात के दौरान देखी गई थी।

read also:दिल्ली हाईकोर्ट से पतंजलि, बाबा रामदेव को बड़ा झटका, डाबर की याचिका पर पतंजलि का विज्ञापन बैन…!

इस बढ़ती आवक से बीसलपुर बांध का जलस्तर 313.42 मीटर तक पहुंच चुका है। इससे जयपुर, टोंक और अजमेर में अगले 36 दिनों तक नियमित जल आपूर्ति संभव हो गई है। जल संसाधन विभाग के अनुसार गुरुवार देर शाम तक भी बांध में पानी की आवक जारी रही, हालांकि त्रिवेणी के बहाव में गिरावट आई है, जो अब 8 मीटर से घटकर 4 मीटर रह गया है।

read also:कैसा रहेगा आज आपका दिन, क्या कहता है आपका भाग्यांक?

पिछले वर्ष इसी तारीख तक बांध में केवल 279.600 एमक्यूएम पानी था, जो कुल क्षमता का मात्र 28% था। हालांकि बाद में अगस्त-सितंबर में वर्षा बढ़ने के बाद गेट खोलने पड़े थे। इस बार स्थिति पहले से बेहतर दिखाई दे रही है और मौसम विभाग ने आगामी दो सप्ताह में और बारिश की संभावना जताई है। यदि इसी तरह पानी की तेज़ आवक बनी रही, तो संभव है कि जुलाई में ही बीसलपुर के गेट खोलने पड़े।

read also:अहमदाबाद प्लेन क्रैश के मुआवजे को लेकर मृतकों के परिवार ने लगाए ये आरोप, एअर इंडिया की आई सफाई

बीसलपुर बांध को जयपुर, अजमेर और टोंक की जल जीवन रेखा माना जाता है। तीनों शहरों को प्रतिदिन लगभग 1100 एमएलडी पानी की आपूर्ति इसी बांध से होती है। बांध की कुल क्षमता 1095.840 एमक्यूएम है, जिसमें से अभी तक 656.535 एमक्यूएम पानी भर चुका है, यानी कुल क्षमता का 59.91%।

यह राहत भरी खबर न केवल इन शहरों के निवासियों के लिए सुकूनदायक है, बल्कि आने वाले समय में संभावित जल संकट को भी टाल सकती है। यदि मानसून सक्रिय रहा, तो प्रदेश में जल संरक्षण और प्रबंधन की दिशा में यह एक सकारात्मक संकेत है।

read also: मानसून Live लैंडस्लाइड के चलते बद्री-केदार मार्ग बंद: MP में बाढ़ के हालात, राजस्थान के जालोर में 136mm बारिश; हिमाचल में अब तक 37 की मौत

CATEGORIES
TAGS
Share This

COMMENTS

Wordpress (0)
Disqus ( )

अपने सुझाव हम तक पहुंचाएं और पाएं आकर्षक उपहार

खबरों के साथ सीधे जुड़िए आपकी न्यूज वेबसाइट से हमारे मेल पर भेजिए आपकी सूचनाएं और सुझाव: dusrikhabarnews@gmail.com