भारत में हरियाली बढ़ी, भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2023 हुई जारी…

भारत में हरियाली बढ़ी, भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2023 हुई जारी…

सरकारी रिपोर्ट के अनुसार भारत के 25 फीसदी हिस्से में वन और वृक्ष

वर्ष 2021 के बाद भारत में 1445 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बढ़ी हरियाली

भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2023 हुई जारी

विजय श्रीवास्तव।

जयपुर। भारत सोने की चिड़िया के साथ साथ सम्पन्नता, हरियाली और खुशहाली से परिपूर्ण हुआ करता था ये कहावतें हमने अपने बड़े बूढ़ों से सुनी हैं। धीरे धीरे हमारे देश में जैसे राज पाठ बदला भारत की भौगोलिक परिस्थितियां भी बदलती गईं। जैसे जैसे आबादी बढ़ी हमारी जरूरतें बढ़ती गईं हमारा देश विकासशीलता की ओर बढ़ने लगा। लेकिन देश के विकसित होने के साथ-साथ ही यहां कंकरीट का जंगल भी बढ़ने लगा, गगनचुंबी इमारतों ने मिट्टी और लकड़ी के कच्चे घरों का स्थान ले लिया और भारत में भी अन्य देशों की तरह ग्लोबल वार्मिंग का शिकार हो गया है। लेकिन अब भारत के लोगों की ग्लोबल वार्मिंग के प्रति जागरुकता का परिणाम है कि हाल ही में जारी हुई सरकारी रिपोर्ट के अनुसार भारत में हरियाली का प्रतिशत पिछले कुछ वर्षों के मुकाबले बढ़ा है।

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भारत में वन क्षेत्र में हुई बढ़ोतरी

हाल ही में जारी “इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट” (India State of Forest Report) के अनुसार भारत के कुल क्षेत्रफल में से 25 फीसदी हरियाली से ढका हुआ है या यूं कहें की भारत के कुल क्षेत्रफल 8,27,357 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का पच्चीस फीसदी हरियाली से आच्छादित है। पिछले आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2021 में हुए लास्ट सर्वे की तुलना में 2023 में 1445.8 वर्ग किलोमीटर की बढ़ोतरी हुई है। इसमें 156.41 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र बढ़ा है, जबकि 1289.40 वर्ग किलोमीटर वृक्ष क्षेत्र बढ़ा है।

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देहरादून स्थित द्विवार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस क्षेत्र में देश में कुल वन क्षेत्र 7,15,342.6वर्ग किलोमीटर 21.7% है, जबकि यहां वृक्ष केवल 1,12,014.3वर्ग किमी (3.4%) है। भारतीय वन सर्वेक्षण रिमोट सेंसिंग उपग्रह डेटा और क्षेत्र आधारित सूची के आंकड़ों पर आधारित है। हाल ही में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून में ‘भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2023’ का विमोचन किया।

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उल्लेखनीय है कि 1988 की राष्ट्रीय वन नीति के अनुसार हमारी पारिस्थितिक स्थिरता को यथावत रखने के लिए भौगोलिक क्षेत्र के कम से कम 33फीसदी हिस्से में वनों का होना जरूरी था। लेकिन बदलती परिस्थिति के कारण भारत की वर्तमान स्थिति पर हम सरकारी रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि भारत में वन और वृक्षों की स्थिति और सघन हुई है।

उनमें छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, ओडिशा और राजस्थान में वन क्षेत्रों में बढ़ोतरी

आपको बता दें कि घने जंगलों में 3,465 वर्ग किलोमीटर जुड़ा है। इनमें भी वन और वृक्ष आवरण में सर्वाधिक बढ़ोतरी हुई है। जिन राज्यों में वन क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है उनमें छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, ओडिशा और राजस्थान शामिल हैं। जबकि जिन राज्यों में वन क्षेत्रों में सबसे खराब बढ़ोतरी हुई उन राज्यों में मध्यप्रदेश, कर्नाटक, लद्दाख और नागालैंड प्रमुख हैं। इधर कम घने जंगलों की बात करें तो कम घने जंगल 1043 वर्ग किमी कम हो गए हैं वहीं खुले जंगल 2480 वर्ग किमी कम हो गए हैं। एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार मिजोरम, ओडिशा और कर्नाटक स्थित वन क्षेत्र में वन आवरण में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई वहीं सबसे कम त्रिपुरा, तेलंगाना और असम में वन क्षेत्रों में वृद्धि दर्ज की गई है।

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आपको ये जानकार आश्चर्य होगा कि सर्वाधिक हरियाली वाले राज्यों में मध्यप्रदेश की गिनती पहले नम्बर है वहीं अरुणाचल प्रदेश भारतभर में हरियाली के लिए दूसरे स्थान पर है।

सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि वन क्षेत्र में यह वृद्धि रिकॉर्डेड फॉरेस्ट एरिया (आरएफए) के अंदर 7.2 वर्ग किमी और बाहर 149.1 वर्ग किमी है। कुल मिलाकर वन क्षेत्र में 0.05% की वृद्धि हुई है। संयोग से 2021 और 2023 के सर्वेक्षणों के बीच केंद्र सरकार ने 1 दिसंबर, 2023 को वन (संरक्षण संशोधन अधिनियम) पारित किया था, जिस पर ‘वन’ की परिभाषा को कमजोर करने का आरोप है।

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उत्तराखंड की स्थिति चिंताजनक

बहरहाल रिपोर्ट में हुए खुलासे के अनुसार राजस्थान की स्थिति वन क्षेत्र में और अच्छी हुई है, वहीं उत्तराखंड में जहां कभी हरियाली और प्राकृतिक सौन्दर्यता कूट कूट कर भरी थी वहीं अब उत्तराखंड की स्थिति हरियाली को लेकर चिंताजनक है। उत्तराखंड में 2022-23 के मुकाबले 2023-24 में जंगलों में आग की घटनाएं अधिक हुई हैं।

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