
हैदराबाद में चार दिवसीय लोकमंथन 2024 का आयोजन
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने किया लोकमंथन 2024 का उद्घाटन
“Grand Narrative for a Great Bharat” विषय पर कार्यशाला का भी आयोजन
राजस्थान से उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने भी लिया कार्यशाला में भाग
भारत के अलावा कई अन्य देशों के प्रतिनिधि भी आयोजन में मौजूद
हैदराबाद, (dusrikhabar.com)। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने हैदराबाद में लोकमंथन 2024 का उद्घाटन किया। राष्ट्रपति ने इस कार्यक्रम के आयोजन को लेकर स्टेकहोल्डर्स की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह भारत और समृद्ध संस्कृति परंपराओं और विरासत में एकता के सूत्र को मजबूत करने का एक सराहनीय कदम है। आयोजन में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि “लोकमंथन जैसे आयोजनों का उद्देश्य भारतीयों को जड़ों की ओर लौटाने का प्रयास है।” उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से भारतीय संस्कृति को लोगों को सामने लाया जाता रहना चाहिए। ऐसे कार्यक्रम वाकई कारगर और बहुत उपयोगी हैं।
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हैदराबाद में लोकमंथन उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू
“Grand Narrative for a Great Bharat” विषय पर कार्यशाला
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहनराव भागवत एवं प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय संयोजक जे. नंदकुमार भी शामिल हुए। इस कार्यक्रम में राजस्थान उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी सहित कई अन्य गणमान्य भी शामिल हुए। भाग्यनगर हैदराबाद में आयोजित लोकमंथन- 2024 कार्यक्रम में “Grand Narrative for a Great Bharat” विषय पर कार्यशाला का भी आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने भी भाग लिया। कार्यशाला में दिया कुमारी ने कहा कि यह आयोजन भारत के वैभवशाली भविष्य और उसकी महान सांस्कृतिक धारा पर चिंतन को और अधिक सशक्त बनाएगा।
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भाग्यनगर भारत की सांस्कृतिक-ऐतिहासिक पहचान का प्रतीक
प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक जे. नंदकुमार ने कहा, “हमारे लिए यह शहर हमेशा से भाग्यनगर महानगर रहा है और रहेगा। यह नाम शहर के प्रसिद्ध भाग्यलक्ष्मी मंदिर से आया है। यह भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान का प्रतीक है।” लोकमंथन के सभी निमंत्रण-पत्रों और पोस्टरों में हैदराबाद को भाग्यनगर बताया गया है।
भारत की सांस्कृतिक चुनौतियों पर मंथन को लेकर आयेाजन
आपको बता दें कि लोकमंथन मंच पर देशभर के कलाकार, बुद्धिजीवी और शिक्षाविद् भारत की सांस्कृतिक चुनौतियों को लेकर मंथन करने यहां एकत्र हुए हैं। हैदराबाद में आयोजित इस आयोजन का विषय लोकावलोकन है, जो भारतीय परंपराओं और लोकाचारों की गहराई से जांच-पड़ताल करता है। इस कार्यशाला में लिथुआनिया, आर्मेनिया, इंडोनेशिया और रूस से भी प्रतिनिधि भी मौजूद हैं।