
पाली में ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत 640 कारीगरों को टूलकिट-मशीनों का वितरण
पाली में ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत मशीन और टूलकिट वितरण कार्यक्रम का आयोजन
मुख्य अतिथि केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने 640 कारीगरों को 608 टूलकिट्स और मशीनों का वितरण किया।
लाभार्थियों में 210 पाली, 190 अजमेर, 140 जालौर और 100 सिरोही जिले से संबंधित हैं।
अध्यक्ष केवीआईसी मनोज कुमार ने कहा- “PM मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप ग्रामोद्योग विकास योजना से ग्रामीण भारत सशक्त-समृद्ध हो रहा”
जयपुर,(dusrikhabar.com)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित और आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को तीव्र गति से सफल बनाने के लिए उद्देश्य से पाली में 72 फीट बालाजी, मैन सोजत हाइवे स्थित जय अंबे फार्म्स में शुक्रवार को ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत एक भव्य वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय के अध्यक्ष मनोज कुमार ने 640 प्रशिक्षित कारीगरों को 608 उपकरण और टूलकिट्स वितरित किए गए। लाभार्थियों में 210 पाली, 190 अजमेर, 140 जालौर और 100 सिरोही जिले से संबंधित हैं। कारीगरों को संबोधित करते हुए अध्यक्ष केवीआईसी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप ग्रामोद्योग विकास योजना से ग्रामीण भारत सशक्त और समृद्ध हो रहा है।
वितरण कार्यक्रम के दौरान विभिन्न उपकरणों का वितरण इस प्रकार किया गया:
उपकरण | संख्या |
विद्युत चालित चाक | 460 |
फुटवियर मैन्युफैक्चरिंग मशीन | 10 |
फुटवेयर रिपेयरिंग टूलकिट | 50 |
पेपर प्लेट और दोना मेकिंग मशीन | 08 |
इलेक्ट्रीशियन टूलकिट | 20 |
ए.सी रिपेयरिंग टूलकिट | 20 |
टर्नवुड मशीन व टूलकिट | 40 |
कुल | 608 |
राज्य में 165 पंजीकृत खादी संस्थाएं कार्यरत: मनोज कुमार
अध्यक्ष केवीआईसी मनोज कुमार ने राजस्थान राज्य में खादी और ग्रामोद्योग के विकास पर चर्चा करते हुए यह भी बताया गया कि राज्य में 165 पंजीकृत खादी संस्थाएं कार्यरत हैं। जहां कारीगरों और बुनकरों की संख्या 25,000 से अधिक है। अब तक राजस्थान में पीएमईजीपी योजना के तहत 31,867 प्रोजेक्ट्स/यूनिट्स स्थापित किए जा चुके हैं। भारत सरकार द्वारा पीएमईजीपी के अंतर्गत 960 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी वितरित की गई है। इसके माध्यम से राजस्थान के 65 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है।
अध्यक्ष केवीआईसी ने कहा कि वितरण कार्यक्रम के माध्यम से न केवल कारीगरों को आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता और उद्यमिता की ओर एक नई दिशा भी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग भविष्य में भी इसी तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करता रहेगा।
‘ब्रांड शक्ति’ से खादी की बिक्री और उत्पादन में ऐतिहासिक वृद्धि
कार्यक्रम के दौरान, अध्यक्ष केवीआईसी मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘ब्रांड शक्ति’ से खादी की बिक्री और उत्पादन में ऐतिहासिक वृद्धि हुई है। उन्होंने अपने संबोधन में खादी के क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस अवधि में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री में पांच गुना वृद्धि हुई है, जो 31,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,55,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। खादी कपड़ों की बिक्री में छह गुना वृद्धि हुई है, जो 1,081 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,496 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में 10.17 लाख नये लोगों को रोजगार मिला है।
अध्यक्ष ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में खादी कारीगरों की आय में 213% की वृद्धि हुई है। आज खादी केवल कपड़ा नहीं, बल्कि भारत की पहचान बन चुकी है। उन्होंने खादी के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी पर विशेष जोर देते हुए बताया कि इस क्षेत्र में 80% से अधिक योगदान माताओं और बहनों का है।
कार्यक्रम में खादी संस्थाओं के प्रतिनिधि, ग्रामोद्योग विकास योजना के लाभार्थी, खादी कार्यकर्ता समेत राजस्थान सरकार और केवीआईसी के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।