
डिजिटल डिटॉक्स है जरूरी, मॉडर्न लाइफस्टाइल बन रही रोगों की जड़: गीतांजली में सेहत पर खुली चर्चा
डिजिटल आदतें बन रही हैं नई बीमारियों की जड़, गीतांजली हॉस्पिटल में हुई खुली चर्चा
महिलाओं और गर्भवती स्त्रियों पर स्क्रीन टाइम का बुरा असर
गीतांजली हॉस्पिटल के विशेषज्ञों ने सुझाए डिजिटल डिटॉक्स और संतुलन के उपाय
उदयपुर,(dusrikhabar.com)।गीतांजली हॉस्पिटल, उदयपुर और रोटरी मीरा, उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय जनजागरूकता सेमिनार में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने डिजिटल स्क्रीन के अत्यधिक उपयोग से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं और उनके समाधान पर गहन विचार प्रस्तुत किए।
सीटीवीएस सर्जन डॉ. संजय गांधी ने बताया, “लंबे समय तक स्क्रीन के संपर्क में रहना आंखों से अधिक मस्तिष्क, हृदय और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इससे उच्च रक्तचाप, तनाव, हृदय रोग और नींद में बाधा जैसे रोग तेजी से बढ़ रहे हैं।”
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मधुबाला चौहान ने महिलाओं पर स्क्रीन टाइम के प्रभाव को रेखांकित करते हुए कहा, “अत्यधिक मोबाइल और कंप्यूटर उपयोग से महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन, पीरियड्स की अनियमितता और प्रजनन संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं। खासकर ऑफिस जाने वाली महिलाओं को डिजिटल डिटॉक्स की सख्त जरूरत है।”
डॉ. दिव्या चौधरी ने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दिलाते हुए कहा, “स्क्रीन टाइम में बढ़ोतरी से महिलाएं अवसाद, अनिद्रा, चिंता और तनाव से जूझ रही हैं। गर्भवती महिलाओं के लिए यह स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है।” उन्होंने योग, ध्यान, नियमित दिनचर्या और पारिवारिक संवाद को संतुलन बनाए रखने के लिए जरूरी बताया।
कार्यक्रम का उद्देश्य आमजन को डिजिटल युग में स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना था। गीतांजली हॉस्पिटल का यह प्रयास न केवल समयानुकूल है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।