
जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में 12 साल की मासूम छात्रा की मौत: हादसा, हत्या या आत्महत्या?
जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में चौथी मंजिल से छात्रा की गिरकर मौत, सुसाइड, हत्या या हादसा, CCTV से खुलासा…
12 वर्षीय छात्रा ने 4th फ्लोर से गिरने से पसलियाँ टूटीं, अस्पताल में मौत
मां की चीखें और पिता की खामोशी ने झकझोर दिया शहर को
छात्रा के पिता ने लगाए नीरजा मोदी स्कूल-प्रबंधन पर बच्ची की मौत के सबूत मिटाने का आरोप
छात्रा के पिता ने दर्ज कराई FIR, पुलिस ने कहा सीसीटीवी में साफ खुलासा
हादसे के बाद स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था व मॉनिटरिंग सिस्टम पर उठे गंभीर सवाल
विजय श्रीवास्तव,
जयपुर,dusrikhabar.com। राजस्थान की राजधानी जयपुर के प्रतिष्ठित नीरजा मोदी स्कूल में शनिवार को हुई 12 वर्षीय छात्रा की रहस्यमयी मौत ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। चौथी मंज़िल से गिरी कक्षा 6th की छात्रा अमायरा की मौत के बाद सवाल उठ रहे हैं कि यह हादसा, हत्या या आत्महत्या थी। घटना के बाद से स्कूल प्रबंधन के रवैये पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। आरोप है कि प्रशासन ने घटनास्थल के सबूत मिटाने की कोशिश की और खून के धब्बे साफ करवा दिए।
नीरजा मोदी स्कूल में दर्दनाक हादसा, 4th फ्लोर से गिरकर छात्रा की मौत
शनिवार दोपहर करीब 1:30 बजे, नीरजा मोदी स्कूल में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब कक्षा 6th की छात्रा अमायरा (12) चौथी मंज़िल से नीचे गिर गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बच्ची झाड़ियों में गिरी और सिर दीवार से टकराने के कारण गंभीर चोटें आईं।
मौके पर मौजूद स्टाफ तुरंत दौड़ा और बच्ची को मेट्रो मास हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने बताया कि जिस जगह से बच्ची गिरी, वहां सीढ़ियों पर सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ था — लेकिन अब तक फुटेज सामने नहीं आई है। यह बात घटना को और भी संदिग्ध बना रही है।
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मां की चीखें और पिता की खामोशी ने तोड़ दिया हर दिल
अमायरा की मां शिबानी देव और पिता विजय देव का अस्पताल में रो-रोकर बुरा हाल था। मां बार-बार डॉक्टरों से कहती रही “मेरी बच्ची को मुझे लौटा दो… मैं बस उसे एक बार अपनी गोद में लेना चाहती हूं।” वहीं पिता विजय देव सदमे में खामोश और सुन्न हो गए। परिवार ने पहले पोस्टमॉर्टम से इनकार किया, लेकिन बाद में FIR दर्ज कराने के बाद रविवार सुबह पोस्टमॉर्टम कराने पर सहमति दी।

स्कूल प्रशासन पर गंभीर आरोप — सबूत मिटाने की कोशिश
परिजनों ने स्कूल प्रबंधन और कुछ शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कहा गया है कि जहां बच्ची गिरी थी, वहां खून के धब्बे मौजूद थे, जिन्हें प्रबंधन ने साफ करवा दिया। कानून के अनुसार किसी दुर्घटना या संदिग्ध मौत के मामले में घटनास्थल को सील और सबूतों को सुरक्षित रखना अनिवार्य होता है, लेकिन यहां उल्टा सबूत मिटाने का प्रयास किया गया। यह आरोप अब पूरे मामले की पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
FIR दर्ज, पुलिस जांच में जुटी
रात को छात्रा के परिजनों ने स्कूल प्रबंधन और कुछ शिक्षकों के खिलाफ FIR दर्ज कराई। पुलिस ने बताया कि मृतका अमायरा (12) मानसरोवर के द्वारका अपार्टमेंट में रहती थी। पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज, स्टाफ और सहपाठियों के बयान, तथा घटनास्थल की फॉरेंसिक जांच के आधार पर मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में हादसे या धक्का लगने जैसी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता, लेकिन सटीक कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और सीसीटीवी रिकॉर्डिंग से ही स्पष्ट होगा।

समाज में गूंज उठा सवाल — ‘क्या बच्चे अब स्कूल में भी सुरक्षित नहीं?’
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर #JusticeForAmayra ट्रेंड करने लगा। लोगों ने लिखा कि अगर इतनी प्रतिष्ठित संस्था में भी बच्चों की सुरक्षा पर सवाल उठने लगें, तो अभिभावक अपने बच्चों को कहां सुरक्षित समझें? बाल सुरक्षा कानूनों, स्कूल प्रशासनिक जवाबदेही, और सीसीटीवी मॉनिटरिंग को लेकर भी बहस तेज हो गई है।

अभिभावक संघ की ओर से उठाए गए कई सवाल
राजस्थान प्रदेश प्रवक्ता & मीडिया प्रभारी संयुक्त अभिभावक संघ, जयपुर अभिषेक जैन बिट्टू ने स्कूल प्रबंधन पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब बच्ची स्कूल की छत पर गई, तो उस समय कोई सीसीटीवी की मॉनिटरिंग क्यों नहीं कर रहा था क्यों आखिर किसी ने उसे ऊपर जाते हुए नहीं देखा? और अगर देखा तो प्रबंधन ने उसे रोकने के लिए क्या प्रयास किए? उनका कहना है कि स्कूल के कुछ बच्चों ने उन्हें बताया कि टीचर्स की डांट से परेशान होकर बच्ची छत पर चली गई थी। अभिभावक संघ ने इस घटना को स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी प्रणाली को फेलियर बताया।
शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने दिए जांच के आदेश
हादसे की जानकारी मिलते ही राजस्थान के शिक्षा मंत्री मंत्री दिलावर ने बच्ची की मौत पर दुख जाहिर करते हुए कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी को एक दल के साथ नीरजा मोदी स्कूल पहुंचकर मामले की जांच करने के आदेश दिए। कोटा दौरे पर पहुंचे शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने दूसरी खबर के संवाददाता से फोन पर बात करते हुए कहा कि पुलिस और शिक्षा विभाग दोनों ही अपनी जांच कर रहे हैं, दोषियों को बिल्कुल भी नहीं बख्शा जाएगा। उन्होंने बच्ची को प्रताड़ित करने के सवाल के जवाब में कहा कि अगर ऐसा हुआ तो न सिर्फ उस शिक्षक को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी साथ ही स्कूल के खिलाफ भी शिक्षा विभाग सख्त कार्रवाई करेगा।
कई अनसुलझे सवाल अब भी बाकी
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क्या सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित हैं या मिटा दिए गए?
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स्कूल में सेफ्टी ग्रिल्स और बालकनी गार्ड्स क्यों नहीं थे?
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घटना के बाद स्कूल ने तुरंत पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी?
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क्या किसी ने अमायरा को धक्का दिया, या वह खुद गिर गई?
इन सवालों के जवाब आने बाकी हैं — और पूरे जयपुर शहर की निगाहें अब इस केस पर टिकी हुई हैं।
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