शांति धारीवाल-जीएस संधू-निष्काम दिवाकर पर आपराधिक कार्रवाई…!

शांति धारीवाल-जीएस संधू-निष्काम दिवाकर पर आपराधिक कार्रवाई…!

राजस्थान सरकार ने अपने ही फैसले को बताया गलत, लिया “यू-टर्न”

शांति धारीवाल-जीएस संधू-निष्काम दिवाकर पर हो सकती आपराधिक कार्रवाई … 

ब्यूरो।

दिल्ली,(dusrikhabar.com)। राजस्थान में एकल पट्टा प्रकरण का जिन्न फिर से निकल आया है। राजस्थान सरकार ने अपने पूर्व में लिए फैसले पर यू-टर्न लेते हुए पूर्व यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) दो पूर्व IAS जीएस संधू और निष्काम दिवाकर सहित एक अन्य अफसर औंकारमल सैनी के खिलाफ एक पट्टा प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में ऐफिडेविट पेश किया है।

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा 6 महीने में फैसला सुनाए हाईकोर्ट

आपको बता दें कि आरटीआई एक्टिवस्ट अशोक पाठक ने एकल पट्टा (ekal patta) प्रकरण में हाईकोर्ट के पूर्व में सुनाए दो फैसलों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने इसी एसएलपी के आधार पर एकल पट्टा प्रकरण में हाईकोर्ट के पूर्व में दिए दो निर्णयों को खारिज करते हुए मामले में फिर से सुनवाई कर 6 महीने में फैसला सुनाने के आदेश दिए हैं।

– एकल पट्टा प्रकरण को क्लीन चिट देते हुए कहा था  ‘कोई केस नहीं बनता’

– पूर्व मंत्री शांति धारीवाल, पूर्व IAS जीएस संधू, पूर्व IAS निष्काम दिवाकर और जेडीए अधिकारी औंकारमल सैनी की बढ़ी मुश्किलें 

 

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हाईकोर्ट ने आपराधिक कार्रवाई को कर दिया था समाप्त

गहलोत सरकार में तत्कालीन यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, पूर्व एसीएस जीएस संधू, डिप्टी सेक्रेटरी निष्काम दिवाकर और जेडीए जोन उपायुक्त रहे औंकारमल सैनी को तगड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भूयान की बैंच ने हाईकोर्ट के पूर्व में दिए उन आदेशों को खारिज कर दिया है जिसमें एकल पट्टा प्रकरण में आपराधिक कार्रवाई को समाप्त कर दिया था।

– सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान सरकार ने पेश किया नया एफिडेविट 

– सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के पूर्व में दिए दो फैसलों को किया खारिज 

 

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क्या है पूरा प्रकरण

राजस्थान सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करने वाले एएजी शिवमंगल ने जानकारी दी कि मंगलवार दिनांक 5-11-2024 को SC ने हाईकोर्ट के 17 जनवरी 2023 और 15 नवंबर 2022 को दिए आदेशों को खारिज/रद्द कर दिया है।

दरअसल एसीबी की तीन क्लोजर रिपोर्ट के अनुसार एकल पट्टा प्रकरण में किसी भी तरह अनियमितताएं नहीं मिली थीं, ऐसे में ACB ने अदालत में सभी आरोपियों के खिलाफ दायर चार्जशीट को वापस लेने की अर्जी लगाई थी, जिसे एसीबी कोर्ट ने खारिज कर दिया था और इनकी अपील पर जनवरी 2023 में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के अफसरों के खिलाफ केस वापस लेने को सही माना था। 

– सुप्रीम कोर्ट ने दिए हाईकोर्ट को आदेश- 6 माह में फिर से सुनवाई कर फैसला सुनाएं 

 

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एकल पट्‌टा जारी करने को लेकर हुई थी इन तीनों अफसरों की हुई थी गिरफ्तारी।  दरअसल मामला जून 2011 में जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने गणपति कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर शैलेंद्र गर्ग के नाम से एकल पट्टा इश्यू किया था।

जब इसकी शिकायत परिवादी रामशरण सिंह ने 2013 में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में की तो तत्कालीन एसीएस जीएस संधू, डिप्टी सचिव निष्काम दिवाकर, जोन उपायुक्त ओंकारमल सैनी, शैलेंद्र गर्ग सहित दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया था। वहीं जब एकल पट्टा प्रकरण ज्यादा गर्माने लगा तो विभाग ने 25 मई 2013 को इस एकल पट्टे को ही निरस्त कर दिया था।

– RTI एक्टिविस्ट अशोक पाठक ने SC में दायर की थी SLP

– इसी SLP को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया अपना फैसला

 

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राजस्थान सरकार ने क्यों बदला अपना फैसला ?

गौरतलब है कि गहलोत सरकार के बाद भजनलाल सरकार ने भी SC में 22 अप्रैल 2024 को जवाब पेश कर पूर्व यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल सहित अन्य सभी आरोपियों को को क्लीन चिट देते हुए कहा था कि एकल पट्टा प्रकरण में कोई मामला नहीं बनता है। ऐसे में अब कुछ दिन पहले ही सरकार ने अपने जवाब से पलटते हुए SC में एक नया एफिडेविट लगाया है।

इस एफिडेविट में राजस्थान सरकार की तरफ से कहा गया है कि कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल और तीन अधिकारियों पर मामला बनता है। दरअसल जो एफिडेविट अप्रैल 2024 में SC में पेश किया था, उसमें वरिष्ठ अधिकारियों और एएजी से सलाह-मशविरा नहीं किया गया था

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