
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNU) का दीक्षांत समारोह… पढ़ाई का कोई शॉर्टकट नहीं: राज्यपाल
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह ओटीएस में सम्पन्न
राज्यपाल ने अपने उद्बबोधन में कहा- “विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता बढ़ाने के हो प्रयास”
“भारतीय ज्ञान परम्परा से जुड़ी शिक्षा का हो प्रभावी प्रसार”


राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने इस मौके पर कहा कि प्राचीन काल से ही भारत ज्ञान और विज्ञान में समृद्ध रहा है। हमारे देश में नालंदा जैसा महान विश्वविद्यालय था। यहां दूर दूर देशों से विद्यार्थी पढ़ने आते रहे हैं, उन्होंने बख्तियार खिलजी द्वारा नालंदा के पुस्तकालय को जलाने की चर्चा करते हुए कहा कि भारतीय ज्ञान को नष्ट करने के प्रयास लगातार होते रहे परन्तु वे सफल नहीं हुए।
राज्यपाल ने कहा कि दशमलव पद्धति पूरे विश्व को भारत ने दी है ये हमारे लिए गौरव की बात है। ऋषि भारद्वाज ने वायुयान के बारे में अपने ग्रंथ में पहले ही जानकारी दे दी थी। न्यूटन ने बहुत बाद में गुरूत्वाकर्षण का सिद्धांत दुनिया को बताया। भारत में तो वैदिक ग्रंथों में बहुत पहले ही इसके बारे में बता दिया गया था। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने भारतीय ज्ञान को दबाने का प्रयास किया।
बागड़े ने शिक्षा के क्षेत्र में नकल की प्रवृति को रोके जाने, रोजगार प्राप्त करने की मानसिकता की बजाय रोजगार देने वाले बनाने, मुक्त शिक्षा के अंतर्गत शिक्षा से वंचित लोगों को पढ़ने के लिए प्रेरित करने आदि पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि 2047 देश की आजादी का शताब्दी वर्ष होगा। इसमें भारत सभी क्षेत्रों में अग्रणी बने, इसके लिए सभी मिलकर अपना योगदान दें।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को इस दौरान राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने डिग्री और पदक प्रदान किए। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा रोजगार के साथ-साथ शिक्षा प्राप्त करने वाले, श्रमिकों आदि को भी डिग्री प्रदान कर सफल होने का रिकाॅर्ड संधारित किए जाने के निर्देश दिए। इससे पूर्व राज्यपाल ने सभागार में इग्नू के रीजनल सेंटर की गतिविधियों की प्रदर्शनी का लोकार्पण किया। समारोह के दौरान क्षेत्रीय निदेशक डाॅ. ममता भाटिया ने इग्नू के पाठ्यक्रमों और गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया। राममूर्ति मीना ने सभी का आभार व्यक्त किया।